आज के डिजिटल मीडिया युग में, Google Search केवल जानकारी का एक स्त्रोत नहीं है, बल्कि यह तय करता है कि कौन-सी खबर ज्यादा लोगों तक पहुँचेगी और कौन-सी लेखक या पत्रकार की मेहनत अंधेरे में खो जाएगी। पत्रकारों और मीडिया संगठनों के लिए यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है कि उनकी असली, मेहनत से लिखी गई और जाँची परखी गई खबरें AI Spam Content के मुकाबले Google Search में पीछे रह जाती हैं।
दरअसल, सवाल यह उठता है कि क्यों Google Search Original Reporting की बजाय AI-Generated News Spam को ऊपर Rank करता है? इसका जवाब Google की algorithmic priorities, SEO dynamics, और डिजिटल ट्रैफ़िक की राजनीति में छिपा हुआ है।
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AI Spam का बढ़ता खतरा
Artificial Intelligence (AI) के बढ़ते इस्तेमाल ने कंटेंट क्रिएशन की दुनिया को हिला दिया है। आज हजारों वेबसाइट्स और ब्लॉग बिना किसी असली रिपोर्टिंग के, केवल AI-Tools जैसे ChatGPT, Jasper, Copy.ai आदि का इस्तेमाल करके मिनटों में आर्टिकल्स बना रही हैं।
इन लेखों में:
- Keyword stuffing बेहतर होता है।
- Content formatting SEO friendly बनाया जाता है।
- Publishing बहुत तेज गति से होता है।
इस वजह से Google के हज़ारों ranking signals को पूरा कर लिया जाता है, जबकि पत्रकार की मेहनत से बनी authentic खबरें कमजोर SEO optimization के कारण पीछे छूट जाती हैं।
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Google Search Algorithm और AI Spam
Google का algorithm मुख्यतः तीन बातों पर केंद्रित होता है:
- Relevance (सर्च क्वेरी से मेल)
- Freshness (नई और बार-बार publish किया गया content)
- Authority (SEO और backlink structure)
AI Spam content आसानी से इन तीनों parameters को manipulate कर देता है। जबकि Original Reporting में:
- Unique angles होते हैं, लेकिन keywords उतनी तरह से fit नहीं होते।
- Publishing धीमी होती है क्योंकि journalist को field work, research और verification करना पड़ता है।
- Backlinks organically आते हैं, तुरंत नहीं।
यही कारण है कि AI spam Google को algorithmically ज़्यादा optimized लगता है।
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क्यों Original Reporting पिछड़ रही है?
1. समय की चुनौती
Original reporting के लिए पत्रकार को समय देना पड़ता है — sources से बात करना, quotes लेना, fact check करना और फिर रिपोर्ट लिखना। वहीं AI spam seconds/minutes में live हो जाता है।
2. SEO विशेषज्ञता की कमी
अधिकतर पत्रकार high-quality investigations और storytelling में माहिर होते हैं, लेकिन SEO keyword placement, metadata, alt-text formatting में कमी छोड़ देते हैं।
3. Quantity बनाम Quality
AI spam websites बड़ी मात्रा में रोज़ाना हजारों आर्टिकल्स धकेल देती हैं। Algorithm quantity को भी value देता है, जिससे authority signal बढ़ जाता है।
4. Clickbait Titles
AI spam अक्सर ज्यादा आकर्षक और clickbait headlines बनाता है, जिससे CTR (Click-through rate) बढ़ता है और Google इसे user-friendly content समझ लेता है।
डिजिटल इकोसिस्टम की राजनीति
Google खुद एक advertising-driven कंपनी है। इसका मकसद है users को ज्यादा देर तक search और browsing पर engage रखना। अगर AI spam content users को fast और SEO-friendly जवाब दे देता है, तो Google को commercial फायदा है।
इसके विपरीत, original journalism महंगा है, slow है और अक्सर paywall के पीछे छिपा होता है। Google का algorithm business के हिसाब से design किया गया है, न कि ethical journalism के हिसाब से।
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पत्रकारिता पर असर
यह स्थिति पत्रकारिता पर गहरी चोट पहुंचा रही है:
- विश्वसनीयता का संकट: Readers बार-बार AI-recycled content पर भरोसा करने लगते हैं।
- रोज़गार का संकट: Newsrooms को ad revenue घटने से नुकसान होता है।
- Democracy पर असर: AI spam ‘misinformation’ और आधी-अधूरी जानकारी फैलाता है, जिससे समाज पर नकारात्मक असर पड़ता है।
क्या समाधान है?
पत्रकार और न्यूज़ वेबसाइट के लिए रणनीतियाँ
- SEO Training: पत्रकारों को SEO की मूल बातें समझनी चाहिए।
- E-E-A-T Principle (Google का अपडेट):
- Experience
- Expertise
- Authoritativeness
- Trustworthiness
इन पर ध्यान देकर content बनना चाहिए।
- Multimedia Integration: Text + Video + Infographics जोड़कर engagement बढ़ाना चाहिए।
- Brand Authority: Strong byline culture और journalist branding विकसित करना चाहिए, ताकि Google content को authentic journalism से जोड़े।
- Publishing Speed: Exclusive news जल्दी publish करनी चाहिए, फिर updates जोड़ने चाहिए।
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भविष्य क्या कहता है?
आने वाले सालों में अपेक्षा है कि Google को कठोर reforms करने पड़ेंगे ताकि AI spam और Real Journalism में फर्क साफ हो सके। कई देश regulatory frameworks पर विचार कर रहे हैं ताकि journalism को बचाया जा सके।
लेकिन जब तक यह होता है, तब तक publishers और journalists को content strategy, SEO optimization और digital-first approach अपनानी होगी।
निष्कर्ष
Google Search का मकसद theoretically “best content to the users” देना है, लेकिन practically यह AI spam को Original Reporting से ऊपर rank कर देता है। इसका कारण SEO optimization, publishing speed और algorithmic loopholes हैं।
यदि पत्रकारिता को बचाना है तो केवल पुरानी reporting techniques पर निर्भर रहना काफी नहीं होगा। Journalists और News Websites को SEO intelligence और digital transformation की जरूरत है।
आज के डिजिटल मीडिया युग में, Google Search केवल जानकारी का एक स्त्रोत नहीं है, बल्कि यह तय करता है कि कौन-सी खबर ज्यादा लोगों तक पहुँचेगी और कौन-सी लेखक या पत्रकार की मेहनत अंधेरे में खो जाएगी। पत्रकारों और मीडिया संगठनों के लिए यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है कि उनकी असली, मेहनत से लिखी गई और जाँची परखी गई खबरें AI Spam Content के मुकाबले Google Search में पीछे रह जाती हैं।
दरअसल, सवाल यह उठता है कि क्यों Google Search Original Reporting की बजाय AI-Generated News Spam को ऊपर Rank करता है? इसका जवाब Google की algorithmic priorities, SEO dynamics, और डिजिटल ट्रैफ़िक की राजनीति में छिपा हुआ है।
AI Spam का बढ़ता खतरा
Artificial Intelligence (AI) के बढ़ते इस्तेमाल ने कंटेंट क्रिएशन की दुनिया को हिला दिया है। आज हजारों वेबसाइट्स और ब्लॉग बिना किसी असली रिपोर्टिंग के, केवल AI-Tools जैसे ChatGPT, Jasper, Copy.ai आदि का इस्तेमाल करके मिनटों में आर्टिकल्स बना रही हैं।
इन लेखों में:
- Keyword stuffing बेहतर होता है।
- Content formatting SEO friendly बनाया जाता है।
- Publishing बहुत तेज गति से होता है।
इस वजह से Google के हज़ारों ranking signals को पूरा कर लिया जाता है, जबकि पत्रकार की मेहनत से बनी authentic खबरें कमजोर SEO optimization के कारण पीछे छूट जाती हैं।
Google Search Algorithm और AI Spam
Google का algorithm मुख्यतः तीन बातों पर केंद्रित होता है:
- Relevance (सर्च क्वेरी से मेल)
- Freshness (नई और बार-बार publish किया गया content)
- Authority (SEO और backlink structure)
AI Spam content आसानी से इन तीनों parameters को manipulate कर देता है। जबकि Original Reporting में:
- Unique angles होते हैं, लेकिन keywords उतनी तरह से fit नहीं होते।
- Publishing धीमी होती है क्योंकि journalist को field work, research और verification करना पड़ता है।
- Backlinks organically आते हैं, तुरंत नहीं।
यही कारण है कि AI spam Google को algorithmically ज़्यादा optimized लगता है।
क्यों Original Reporting पिछड़ रही है?
1. समय की चुनौती
Original reporting के लिए पत्रकार को समय देना पड़ता है — sources से बात करना, quotes लेना, fact check करना और फिर रिपोर्ट लिखना। वहीं AI spam seconds/minutes में live हो जाता है।
2. SEO विशेषज्ञता की कमी
अधिकतर पत्रकार high-quality investigations और storytelling में माहिर होते हैं, लेकिन SEO keyword placement, metadata, alt-text formatting में कमी छोड़ देते हैं।
3. Quantity बनाम Quality
AI spam websites बड़ी मात्रा में रोज़ाना हजारों आर्टिकल्स धकेल देती हैं। Algorithm quantity को भी value देता है, जिससे authority signal बढ़ जाता है।
4. Clickbait Titles
AI spam अक्सर ज्यादा आकर्षक और clickbait headlines बनाता है, जिससे CTR (Click-through rate) बढ़ता है और Google इसे user-friendly content समझ लेता है।
डिजिटल इकोसिस्टम की राजनीति
Google खुद एक advertising-driven कंपनी है। इसका मकसद है users को ज्यादा देर तक search और browsing पर engage रखना। अगर AI spam content users को fast और SEO-friendly जवाब दे देता है, तो Google को commercial फायदा है।
इसके विपरीत, original journalism महंगा है, slow है और अक्सर paywall के पीछे छिपा होता है। Google का algorithm business के हिसाब से design किया गया है, न कि ethical journalism के हिसाब से।
पत्रकारिता पर असर
यह स्थिति पत्रकारिता पर गहरी चोट पहुंचा रही है:
- विश्वसनीयता का संकट: Readers बार-बार AI-recycled content पर भरोसा करने लगते हैं।
- रोज़गार का संकट: Newsrooms को ad revenue घटने से नुकसान होता है।
- Democracy पर असर: AI spam ‘misinformation’ और आधी-अधूरी जानकारी फैलाता है, जिससे समाज पर नकारात्मक असर पड़ता है।
क्या समाधान है?
पत्रकार और न्यूज़ वेबसाइट के लिए रणनीतियाँ
- SEO Training: पत्रकारों को SEO की मूल बातें समझनी चाहिए।
- E-E-A-T Principle (Google का अपडेट):
- Experience
- Expertise
- Authoritativeness
- Trustworthiness
इन पर ध्यान देकर content बनना चाहिए।
- Multimedia Integration: Text + Video + Infographics जोड़कर engagement बढ़ाना चाहिए।
- Brand Authority: Strong byline culture और journalist branding विकसित करना चाहिए, ताकि Google content को authentic journalism से जोड़े।
- Publishing Speed: Exclusive news जल्दी publish करनी चाहिए, फिर updates जोड़ने चाहिए।
भविष्य क्या कहता है?
आने वाले सालों में अपेक्षा है कि Google को कठोर reforms करने पड़ेंगे ताकि AI spam और Real Journalism में फर्क साफ हो सके। कई देश regulatory frameworks पर विचार कर रहे हैं ताकि journalism को बचाया जा सके।
लेकिन जब तक यह होता है, तब तक publishers और journalists को content strategy, SEO optimization और digital-first approach अपनानी होगी।
निष्कर्ष
Google Search का मकसद theoretically “best content to the users” देना है, लेकिन practically यह AI spam को Original Reporting से ऊपर rank कर देता है। इसका कारण SEO optimization, publishing speed और algorithmic loopholes हैं।
यदि पत्रकारिता को बचाना है तो केवल पुरानी reporting techniques पर निर्भर रहना काफी नहीं होगा। Journalists और News Websites को SEO intelligence और digital transformation की जरूरत है।













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