चेक पेमेंट एक आम और विश्वसनीय माध्यम है, लेकिन इसे लेने और देने के दौरान उचित सावधानियां बरतना बेहद जरूरी होता है। सामान्यत: कई बार चेक बाउंस हो जाना, फर्जी चेक आना या चेक की जानकारी पूरी न होना लोगों को भारी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए “The Expert Vakil” के अनुभव और सलाह के माध्यम से इस ब्लॉग में जानते हैं कि किसीसे चेक लेने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि कानूनी रूप से पूरी सुरक्षा हो और वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।
चेक लेने से पहले जरूरी कानूनी बातें
चेक एक संविदात्मक दस्तावेज़ होता है, जो एक बैंक को निर्देश देता है कि वह दिए गए खाते से निर्दिष्ट राशि भुगतान करे। भारतीय कानूनी व्यवस्था में चेक के संबंध में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 लागू होता है। इस अधिनियम के तहत चेक को सुरक्षित और योग्य भुगतान का साधन माना जाता है। हालांकि, गलत या अधूरे चेक से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां जरुरी होती हैं।
- चेक लेने से पहले चेक में सभी जरूरी जानकारी उपस्थिति और सही होनी चाहिए – जैसे पेयर का नाम, राशि (आंकड़ों और शब्दों में), तिथि, जारीकर्ता के हस्ताक्षर एवं बैंक की जानकारी.
- चेक पर हस्ताक्षर उसी व्यक्ति के होने चाहिए जिससे आपने लेन-देन किया है। हस्ताक्षर की पुष्टि करें कि यह मिलते-जुलते हैं या वैध हैं.
- पहचान पत्र पूछें और उसकी जांच करें। यह पहचान पत्र व्यक्ति का फोटो, नाम, पता और हस्ताक्षर से मेल खाना चाहिए।.
चेक की सुरक्षा और जाली चेक पहचान
चेक पर कुछ विशेष सुरक्षा फीचर्स बने होते हैं जैसे भारी कागज, पानी के निशान, विशेष फॉन्ट और पंक्चर आदि। इनमें से कोई भी कमज़ोर या गायब हो तो संभावना है कि चेक फर्जी हो सकता है।
“The Expert Vakil” के अनुसार, चेक लेने से पहले इन पहलुओं की बारीकी से जांच करें:
- क्या चेक की तारीख सही है और वर्तमान समय में वैध है?
- क्या राशि दोनों रूपों, शब्द और अंक में मेल खाती है?
- क्या चेक का कागज और मुद्रण असली लग रहा है?
चेक क्रॉसिंग और इंडोर्समेंट की कानूनी समझ
चेक पर क्रॉसिंग और इंडोर्समेंट चेक के उपयोग और भुगतान की सुरक्षा के महत्वपूर्ण तत्व हैं।
- सामान्य क्रॉसिंग (दो समानांतर रेखाएं) इस बात का संकेत है कि चेक सीधे बैंक में जमा करना होगा, इसे कैश काउंटर से भुगतान नहीं किया जाएगा.
- विशेष क्रॉसिंग में बैंक का नाम आता है, जो बैंक द्वारा सुरक्षित भुगतान पुष्टि करता है।
- इंडोर्समेंट से वैध हस्तांतरण होता है, जब चेक का मालिक दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित करता है। यह हस्ताक्षर चेक के पीछे होते हैं.
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अन्य महत्वपूर्ण सावधानियां जो The Expert Vakil सुझाते हैं
- चेक पर तारीख हमेशा पूरी और वर्तमान होनी चाहिए, भविष्य की तारीख या पुरानी तारीख से सावधान रहें।
- अगर संभव हो तो ग्राहक से संपर्क विवरण लें ताकि भुगतान में कोई समस्या आने पर संपर्क किया जा सके।
- बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए केवल एक चेक न लें, बल्कि कुछ किस्तों में या कई चेक लेकर सुरक्षा बढ़ाएं।
- केवल स्थानीय बैंक के चेक स्वीकार करें ताकि असली चेक की पुष्टि के लिए बैंक से सीधे संपर्क किया जा सके।
- चेक के नीचे या पीछे भुगतान का मकसद लिखवाएँ जिससे विवाद की संभावना कम हो।
- आवश्यक हो तो चेक सत्यापन सेवा का उपयोग करें जो खाताधारक के नकदी की स्थिति और इतिहास की पुष्टि कर सके।
- चेक हेरफेर या चोरी की स्थिति में कानूनी सहायता लें, जैसा कि “The Expert Vakil” समर्थित है.
चेक बाउंस की स्थिति में कानूनी उपाय
यदि चेक बाउंस हो जाता है तो “The Expert Vakil” के अनुसार जल्द से जल्द प्रभावी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अंतर्गत:
- बैंक को एनएसएफ (Nonsufficient Funds) की सूचना लीजिए।
- चेक धारक को नोटिस जारी कर भुगतान के लिए कहा जाए।
- यदि भुगतान नहीं होता है तो न्यायालय में केस दर्ज कराएं।
- बाउंस चेक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 138 के अंतर्गत जुर्माना और सजा हो सकती है।
निष्कर्ष
किसीसे चेक लेते समय सतर्कता आवश्यक है ताकि भारी आर्थिक एवं कानूनी नुकसान से बचा जा सके। The Expert Vakil के सुझावों के अनुसार, चेक की संपूर्ण जाँच, ग्राहक की पहचान, चेक की वैधता, सुरक्षा फीचर्स की पुष्टि, और कानूनी समझ ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। सही सावधानी लेकर आप ने केवल अपने धन को सुरक्षित रखा है बल्कि एक मजबूत वित्तीय व्यवहार भी सुनिश्चित किया है।












