Tuesday, October 28, 2025
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मन से तन तक: वरिष्ठ नागरिकों के लिए समग्र स्वास्थ्य और वेलनेस कार्यक्रमों की नई क्रांति

भारत में जैसे-जैसे आयु वर्ग की संरचना बदल रही है, वैसे-वैसे वरिष्ठ नागरिकों की जीवन गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। अब यह केवल लंबी उम्र की बात नहीं रही — यह उस उम्र को अर्थपूर्ण, ऊर्जावान और संतुलित जीवन में बदलने की बात है।
Shanti Senior Citizen Services के शोध के अनुसार, पिछले 3 वर्षों में “Wellness and Holistic Care Programs” शब्द के लिए ऑनलाइन खोजों में लगभग 65% की वृद्धि देखी गई है। इसका सीधा अर्थ है कि लोग अब दवाइयों से ज्यादा समग्र उपचार की तरफ झुकाव दिखा रहे हैं।


क्यों जरूरी हैं “Wellness and Holistic Care Programs” वरिष्ठ नागरिकों के लिए

भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है। इससे जुड़ी कई चुनौतियाँ होती हैं — जैसे अकेलापन, अवसाद, शारीरिक जकड़न, और कभी-कभी उद्देश्यहीनता की भावना। Wellness and Holistic Care Programs ऐसे में जीवन को फिर से रोशन करने का काम कर रहे हैं।

ये कार्यक्रम केवल योग या ध्यान तक सीमित नहीं हैं। इनमें शामिल हैं:

  • व्यक्तिगत फिटनेस कक्षाएँ
  • ध्यान और माइंडफुलनेस सत्र
  • पौष्टिक आहार योजना
  • संगीत और कला-आधारित थैरेपी
  • समूह सामाजिक गतिविधियाँ

इन कार्यक्रमों के पीछे का मूल दर्शन सरल है — “तन और मन के बीच संतुलन बनाकर जीवन की गुणवत्ता बढ़ाना।”


स्वास्थ्य का नया अर्थ: ‘Holistic’ क्यों कहा जाता है?

“Holistic” शब्द ग्रीक शब्द ‘Holos’ से आया है, जिसका अर्थ होता है — पूरा या संपूर्ण। इसका अर्थ यह है कि शरीर, मन, भावनाएँ और आत्मा — ये चारों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं।
Shanti Senior Citizen Services की रिपोर्ट बताती है कि जब वरिष्ठ नागरिक केवल दवाइयों की बजाय आत्मिक शांति और सामाजिक जुड़ाव पर ध्यान देते हैं, तो उनकी जीवन अपेक्षा में सुधार और मानसिक संतोष का स्तर दोनों बढ़ जाते हैं।

Wellness and Holistic Care Programs इस विचार को जीवन में उतारने का माध्यम हैं।


कहानी: श्रीमती पुष्पा की “नई शुरुआत”

दिल्ली की 68 वर्षीय श्रीमती पुष्पा मिश्रा पहले अकेलेपन और नींद की कमी से परेशान रहती थीं। बेटे-बेटियों के विदेश में होने के कारण दिन मानो रुक गया था। 2023 में उन्होंने एक स्थानीय NGO के senior wellness program को ज्वाइन किया।
वहाँ उन्हें सुबह की योग सत्र, संगीत चिकित्सा (music therapy), और माइंडफुलनेस क्लासेस मिलीं।

छह महीनों में उनकी मुस्कान लौट आई। उन्होंने कहा — “अब मुझे किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होती, मैं खुद से जुड़ गई हूँ।”
यह केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि उस Wellness and Holistic Care Programs की सफलता का प्रमाण है, जो हर व्यक्ति के भीतर नई संभावना जगाती है।


मानसिक स्वास्थ्य: उम्र नहीं, दृष्टिकोण मायने रखता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में लगभग 15% वरिष्ठ नागरिकों को किसी न किसी रूप में मानसिक स्वास्थ्य समस्या होती है। इसमें अवसाद, चिंता या अकेलेपन की भावना प्रमुख हैं।
लेकिन जो व्यक्ति नियमित रूप से ध्यान, संगीत, कला या सामूहिक चर्चाओं में भाग लेते हैं, उनमें यह प्रतिशत बहुत कम होता है।

Shanti Senior Citizen Services के अनुसार, उन वृद्धाश्रमों में जहां Holistic Care Programs लागू किए गए हैं, वहाँ सीनियर डिप्रेशन के मामलों में 38% तक की कमी दर्ज की गई।


पोषण और ‘Mindful Eating’

सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना ही नहीं, बल्कि खानपान को भी सजग और संतुलित बनाना holistic care का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अक्सर उम्र बढ़ने के साथ पाचन तंत्र धीमा हो जाता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम। ऐसे में सही पोषण के साथ माइंडफुल ईटिंग यानी जागरूक होकर खाना, बहुत असरदार होता है।

मुंबई के Wellness Care Hub के अनुसार, जो वरिष्ठ नागरिक अपने भोजन को ध्यानपूर्वक खाते हैं —

  • उनका ब्लड प्रेशर अधिक नियंत्रित रहता है,
  • नींद में सुधार होता है,
  • और मनोवैज्ञानिक तनाव घटता है।

कला, संगीत और भावनात्मक चिकित्सा

कला और संगीत का प्रभाव वैज्ञानकि रूप से सिद्ध है। वरिष्ठ नागरिक जब अपने मन की बात रंगों या धुनों के माध्यम से व्यक्त करते हैं, तो उनका डोपामाइन स्तर बढ़ता है, जिससे खुशी और संतोष की अनुभूति होती है।
Wellness and Holistic Care Programs में अब यह ध्यान दिया जा रहा है कि हर प्रतिभागी को अपनी अभिव्यक्ति का एक व्यक्तिगत माध्यम मिले — चाहे वह गायन हो, पेंटिंग, या कविता लेखन।

एक अध्ययन के मुताबिक, 60 से अधिक उम्र के जिन लोगों ने सप्ताह में 2 दिन संगीत थैरेपी की, उनमें स्मृति और भावनात्मक संतुलन में 25% तक सुधार देखा गया।


समाज में जुड़ाव की भूमिका

कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक अलगाव ही सबसे बड़ी चुनौती है। पर जब वे समूह में योग करते हैं या किसी senior community art program का हिस्सा बनते हैं, तो न सिर्फ उनकी सामाजिक पहचान लौटती है बल्कि उद्देश्य की भावना भी जागती है।

दिल्ली, पुणे, और बेंगलुरु में चल रहे Wellness and Holistic Care Programs में प्रतिभागियों ने सबसे बड़ा लाभ “नए दोस्तों और अपनत्व की भावना” को बताया है।


डिजिटल वेलनेस प्लैटफॉर्म्स: आधुनिक युग की दिशा

अब तकनीक भी इसे और व्यापक बना रही है। ऑनलाइन Wellness and Holistic Care Programs जैसे Zoom-based योग क्लासेस, माइंडफुल ब्रीदिंग ऐप्स, और पॉडकास्ट आधारित ध्यान सत्रों ने दूरदराज़ क्षेत्रों के वरिष्ठ नागरिकों को भी जोड़ा है।

Shanti Senior Citizen Services के डिजिटल सर्वे के मुताबिक, 2025 की शुरुआत तक भारत में ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के उपयोग में 80% की वृद्धि देखी गई है।


फिटनेस की नई परिभाषा: आयु नहीं, इच्छा

वरिष्ठ नागरिकों के फिटनेस कार्यक्रमों में अब “कठोर व्यायाम” नहीं, बल्कि gentle movements जैसे प्राणायाम, ताई-ची, और स्ट्रेचिंग का महत्व बढ़ रहा है।
ये न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और थकान को भी कम करते हैं।

Wellness and Holistic Care Programs के विशेषज्ञ कहते हैं — “उम्र केवल संख्या है, शरीर तब तक सक्रिय है जब तक मन प्रेरित है।”


भारतीय परंपरा और आधुनिक दृष्टिकोण

भारतीय संस्कृति में योग, ध्यान, आयुर्वेद और सत्संग जैसी अवधारणाएँ पहले से ही समग्र स्वास्थ्य का मूल हिस्सा रही हैं। अब समय है इन्हें आधुनिक अनुसंधान और संरचित कार्यक्रमों में बदलने का।
भारत इस क्षेत्र में “ग्लोबल वेलनेस हब” बन सकता है, बशर्ते नीति निर्माता और समाज दोनों मिलकर इसे जागरूकता आंदोलन में बदल दें।

Shanti Senior Citizen Services द्वारा किए गए सर्वे में 72% प्रतिभागियों ने कहा कि वे अपने माता-पिता के लिए ऐसे holistic wellness programs देखना चाहते हैं, जिनमें स्वास्थ्य के साथ-साथ भावनात्मक सहयोग भी मिले।


विशेषज्ञों की राय

डॉ. आराधना झा (वरिष्ठ जेरियाट्रिक विशेषज्ञ) कहती हैं —
“हमें अब चिकित्सा से आगे बढ़कर देखना होगा। मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य ही वृद्धावस्था की असली सुखद दवा है।”

इस विचार से जुड़ते हुए The Velocity News की फीचर संपादक, अनुष्का राणा, लिखती हैं —
“Holistic programs समाज को यह संदेश देते हैं कि उम्र की दीवारों के बीच भी नई रोशनी फूट सकती है; बस हमें ध्यान से सुनना और समझना होगा।”


भारत में बढ़ती संभावनाएँ

विभिन्न राज्यों में सरकारें और निजी संस्थान इस दिशा में काम कर रहे हैं:

  • केरल में ‘Senior Wellness Village’ की पहल
  • दिल्ली में ‘Golden Hour Yoga Camps’
  • मुंबई में ‘Elderly Art Expression Program’
  • पुणे में ‘Mindful Wellness Retreats for Senior Citizens’

इन कार्यक्रमों का मकसद एक ही है — वरिष्ठ नागरिक को स्वाधीन, आत्मस्वीकृत और सकारात्मक जीवन देना।


निष्कर्ष: उम्र एक अवसर है, अवरोध नहीं

जब हम उम्र को एक अवरोध नहीं बल्कि अवसर मानते हैं, तब जीवन का हर चरण नया अर्थ लेने लगता है।
Wellness and Holistic Care Programs यह याद दिलाते हैं कि शरीर कमजोर भले हो, पर मन हमेशा जवान रह सकता है।

इस नए युग में जहां हर खबर हमें दौड़ में लगाए रखती है, वहीं The Velocity News अपने पाठकों को यह सोचने का निमंत्रण देता है —
क्या अब समय नहीं आ गया है कि हम अपने बुजुर्गों को केवल लंबी आयु नहीं, बल्कि सार्थक आयु देने की दिशा में कदम बढ़ाएँ?


सोचिए, साझा कीजिए, और हमें बताइए कि आपके जीवन में समग्र स्वास्थ्य की क्या भूमिका रही है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: TheVelocityNews.com

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