भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित पुरस्कार समारोह, 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का आयोजन 23 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन के भव्य वातावरण में हुआ। इस समारोह ने सिनेमा के इतिहास में कई नई उपलब्धियां दर्ज कीं, जिसमें पहली बार सुपरस्टार शाहरुख खान और रानी मुखर्जी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, और मलयालम सिनेमा के दिग्गज मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह समारोह भारतीय फिल्म उद्योग के विविधता, उत्कृष्टता और कलात्मकता का सबसे बड़ा उत्सव था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने और भी गरिमामयी बना दिया.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का महत्व और इतिहास
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है, जो हर वर्ष सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है। इसका लक्ष्य भारतीय फिल्मों की गुणवत्ता, विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देना है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी, और तब से यह हर साल वहां की श्रेष्ठ फिल्मों, कलाकारों, तकनीशियनों और समीक्षकों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत करता है.
2025 का आयोजन और प्रक्रिया
इस बार का आयोजन विशेष था क्योंकि इसमें भारत के सभी क्षेत्रीय भाषाओं और शैली की फिल्मों को सम्मानित किया गया। वर्ष 2023 में रिलीज हुई फिल्मों में से 332 फीचर फिल्में, 115 गैर-फीचर फिल्में, 27 किताबें और 16 समीक्षकों की प्रविष्टियों को शामिल किया गया। केंद्रीय जूरी के चेयरमैन रहे प्रसिद्ध फिल्मनिर्माता आशुतोष गोवारिकर, जिन्होंने निष्पक्ष और गहन मूल्यांकन के बाद विजेताओं की घोषणा की.
प्रमुख विजेता और उनके योगदान
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार: मोहनलाल
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार मोहनलाल को भारतीय सिनेमा में उनके जीवनभर के योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया। यह सम्मान सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च उपलब्धि है, जिसे भारतीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया.
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: 12th Fail
विदु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘12th Fail’ ने इस वर्ष का बेस्ट फीचर फिल्म अवार्ड जीता। यह फिल्म संघर्ष, उम्मीद, और सिस्टम के खिलाफ लड़ने की प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत करती है, जिसमें विक्रांत मैसी का अभिनय भी सराहा गया.
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: Kathal – A Jackfruit Mystery
‘Kathal – A Jackfruit Mystery’ ने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार जीता। यह एक ऑफबीट सटायर है, जिसमें सोशल मैसेज के साथ-साथ मनोरंजन का मेल देखने को मिला.
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: शाहरुख खान (Jawan), विक्रांत मैसी (12th Fail)
महानायक शाहरुख खान को फिल्म ‘Jawan’ के लिए और विक्रांत मैसी को ‘12th Fail’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया। शाहरुख खान को यह सम्मान उनकी 33 साल की फिल्म यात्रा में पहली बार मिला, जो दर्शाता है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों का पैमाना निरंतर बदलता और विकसित होता रहता है.
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: रानी मुखर्जी (Mrs. Chatterjee vs Norway)
रानी मुखर्जी को ‘Mrs. Chatterjee vs Norway’ में उनके दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। यह फिल्म भारतीय मां के संघर्ष की दास्तान है, जिसका विश्वभर में प्रशंसा मिली.
अन्य महत्वपूर्ण श्रेणियाँ और विजेता
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशन: ‘The Kerala Story’ (सुदीप्तो सेन)
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: विजयराघवन (Pookkaalam), एमएस भास्कर (Parking)
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: उर्वशी (Ullozhukku), जंकी बोड़ीवाला (Vash)
- सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: ‘Gandhi Tatha Chettu’, ‘Gypsy’, ‘Naal 2’ के कलाकार
- सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक: PVN S रोहित (Baby – तेलुगु)
- सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्में: असमिया – Rongatapu 1982, बंगाली – Deep Fridge, गुजराती – Vash, हिंदी – Kathal, कन्नड़ – Kandeelu, मलयालम – Ullozhukku, मराठी – Shyamchi Aai, ओड़िया – Pushkara, पंजाबी – Godday Godday Chaa, तमिल – Parking, तेलुगु – Bhagavanth Kesari.
- सर्वश्रेष्ठ गऱो फिल्म: Rimdogittanga.
- सर्वश्रेष्ठ ताई फाके फिल्म: Pai Tang.
- विशेष उल्लेख: ‘Animal’ के री-रिकॉर्डिंग मिक्सर – एम आर राजकृष्णन.
- सर्वश्रेष्ठ नॉन-फीचर फिल्म: ‘The Flowering Man’ (हिंदी).
- सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री: ‘God Vulture and Human’ (अंग्रेजी).
पुरस्कार समारोह की भव्यता और माहौल
विज्ञान भवन का माहौल उत्सवधर्मा था, जहां देश के अलग-अलग हिस्सों से फिल्मी सितारे, निर्देशक, तकनीशियन और समीक्षक एक साथ इकट्ठा हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया, जिससे शो की गरिमा और बढ़ गई। समारोह का लाइव प्रसारण PIB India के यूट्यूब चैनल पर लाखों दर्शकों ने देख़ा.
क्षेत्रीय सिनेमा की शानदार पहचान
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में क्षेत्रीय फिल्मों को विशेष स्थान मिला। देश के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं और संस्कृतियों को फिल्म निर्माण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिनमें असमिया, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मलयालम की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को रजत कमल से नवाजा गया। इससे भारत की सांस्कृतिक विविधता और सिनेमाई समृद्धि का प्रदर्शन हुआ.
तकनीकी और कला श्रेणियाँ
भारतीय सिनेमा में तकनीकी और कलात्मक योगदान को भी इस बार खूब सराहा गया।
- सर्वश्रेष्ठ संपादन, संगीत, छायांकन, मेकअप और एक्शन निर्देशन जैसी श्रेणियों में भी राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए।
- जीवी प्रकाश कुमार (Vaathi) और हर्षवर्धन रमेश्वर (Animal) को संगीत के क्षेत्र में, श्रीकांत देसाई (Sam Bahadur) को मेकअप, नंदु प्रद्वी (Hanu-Man) को एक्शन निर्देशन और वैभवी मर्चेंट (Rocky Aur Rani) को कोरियोग्राफी में पुरस्कार मिले.
नये कलाकारों के लिए अवसर
हर वर्ष राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नए कलाकारों के लिए अपनी छाप छोड़ने का मंच बनाता है।
- कई डेब्यू डायरेक्टर्स और पहली फिल्म वाले निर्माता-कलाकारों को मौका मिला, जिससे भारतीय सिनेमा का अफसर और रचनात्मकता और मजबूत होती है.
- आत्मपॅम्फ्लेट (मराठी) के लिए आशीष बेंडे को सर्वश्रेष्ठ डेब्यू डायरेक्टर का सम्मान मिला.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का सामाजिक संदेश
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार न केवल उत्कृष्टता को बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय विषयों को भी आगे बढ़ाने का काम करते हैं। फिल्मों में दिखाए गए मुद्दों जैसे राष्ट्रीय मूल्य, मां का संघर्ष, समाज में बदलाव, और सामान्य जनता की कहानियां इन पुरस्कारों के केंद्र में रही.
चर्चा के केंद्र में ‘Jawan’, ‘Mrs. Chatterjee vs Norway’, और ‘12th Fail’
इन फिल्मों ने दर्शकों का मन जीता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का सबसे बड़ा आकर्षण साबित हुईं।
- ‘Jawan’ के जरिए शाहरुख खान ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
- ‘Mrs. Chatterjee vs Norway’ में रानी मुखर्जी ने एक मां के दर्द और ताकत को बखूबी दिखाया।
- ‘12th Fail’ में विक्रांत मैसी ने सिस्टम के खिलाफ लड़ाई का संदेश दिया.
पुरस्कारों में मिली सम्मान राशि
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में न सिर्फ सम्मान, बल्कि विजेताओं को स्मृति चिन्ह और नकद पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
- स्वर्ण कमल/रजत कमल के साथ ₹2 लाख से ₹3 लाख तक की राशि प्रदान की जाती है, जिससे कलाकारों को आर्थिक बल भी मिलता है.
निष्कर्ष: भारतीय सिनेमा का नया युग
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025 ने भारतीय सिनेमा के हर पहलू को सम्मानित किया—कलाकार, निर्देशक, तकनीशियन, समीक्षक, और समाज को बदलने के संदेश देने वाली फिल्मों को। यह समारोह न केवल जीत का, बल्कि उम्मीद, अभिव्यक्ति और भारतीय संस्कृति की विविधता का उत्सव बना। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा के लिए प्रेरणा हैं, जो गुणवत्ता, विविधता और सामाजिक जिम्मेदारी के नए मानदंड स्थापित कर रहे हैं।












