भारतीय परिवारों में, बच्चों के स्वभाव में बदलाव और उनके व्यवहार से उत्पन्न कई बार घरेलू तनाव रहने के बावजूद सवाल उठता है कि क्या मां-बाप अपने बच्चों को उनके बुरे स्वभाव के कारण घर से बाहर कर सकते हैं? यह मुद्दा केवल पारिवारिक नहीं बल्कि कानूनी भी है। इस लेख में “The Expert Vakil” के माध्यम से हम इस विषय को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि क्या कानून बच्चों को उनके अनुचित व्यवहार के कारण घर से बेदखल करने की अनुमति देता है या नहीं।
घरेलू विवाद और बच्चों का स्वभाव
घर में बच्चे का बुरा व्यवहार कई कारणों से हो सकता है। यह शराब, दारूखोरी, गाली गलौज, अभद्रता, माता-पिता के प्रति असम्मान, और परिवार में मनमुटाव जैसे कारणों से हो सकता है। ऐसे बच्चे जो माता-पिता को मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करते हैं, उनके लिए घर में रहना मुश्किल हो जाता है। अक्सर ऐसे परिवारों में सवाल उठता है कि क्या माता-पिता कानूनी तौर पर अपने बच्चों को घर से निकाल सकते हैं।
भारतीय कानूनी दृष्टिकोण
भारत में, वृद्ध माता-पिता की सुरक्षा और सम्मान के लिए Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007 लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत, यदि बच्चे अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल में लापरवाही करते हैं या उनका शोषण करते हैं, तो माता-पिता कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं। कई उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय ने यह पुष्टि की है कि अभद्र, दुर्व्यवहार करने वाले बच्चों को माता-पिता उनकी संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं।
यह जरूरी है कि माता-पिता की संपत्ति उनके नाम पर हो, तभी वे घर से बच्चों को निकालने का अधिकार रखते हैं। यदि संपत्ति पैतृक है यानी दादा-परदादा की है और वसीयत नहीं की गई है, तो बच्चों को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के बेदखल नहीं किया जा सकता।
कोर्ट का रुख
दिल्ली उच्च न्यायालय, बॉम्बे उच्च न्यायालय, और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि माता-पिता को अपने जीवन में सम्मान और सुरक्षा का अधिकार है। यदि बच्चे माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो Maintenance Tribunal उन्हें eviction का आदेश दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2025 में निर्णय दिया कि ऐसे बच्चों को उनके बुरे व्यवहार के कारण घर से हटाया जा सकता है।
कैसे करें कानूनी प्रक्रिया?
यदि बच्चे का व्यवहार अत्यधिक खराब हो और माता-पिता मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित हों, तो वे स्थानीय Maintenance Tribunal में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट की अनुमति से eviction की प्रक्रिया शुरू होती है। माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के बच्चों को घर से निकालना गैरकानूनी हो सकता है और उल्टा उन्हें खुद कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों की संपत्ति पर अधिकार
कई बार बच्चे भी घर के कानूनी मालिक होते हैं, खासकर पैतृक संपत्ति में जहां बच्चे भी सह-मालिक होते हैं। ऐसे मामलों में माता-पिता का अधिकार सीमित होता है और eviction की अनुमति मुश्किल होती है। फिर भी कोर्ट बच्चों के दुरूपयोग और दुर्व्यवहार पर ध्यान देते हुए सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान बनाता है।
निष्कर्ष
माता-पिता के पास अपनी संपत्ति में यदि कानूनी अधिकार है और उनके बच्चे उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं तो वे उन्हें eviction का कानूनी अधिकार प्राप्त है। “The Expert Vakil” के अनुसार, यह अधिकार केवल संपत्ति की मालिकाना स्थिति और बच्चों के व्यवहार की गंभीरता पर निर्भर करता है। माता-पिता को चाहिए कि वे घरेलू विवादों को सुलझाने की कोशिश करें और जब स्थिति असहनीय हो, तभी कोर्ट की मदद लें।




