बिहार सरकार ने 2024-25 के लिए शिक्षा बजट में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसका उद्देश्य राज्य में शैक्षिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र को आधुनिकीकरण और समावेशी विकास की ओर ले जाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
बजट के मुख्य बिंदु
1. शिक्षा बजट में 25% वृद्धि
- सरकार ने शिक्षा के लिए कुल बजट में 25% की बढ़ोतरी की है, जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को शामिल किया गया है।
- शिक्षा बजट अब लगभग ₹50,000 करोड़ तक पहुंच गया है।
2. स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार
- 5000 सरकारी स्कूलों में नई इमारतों, स्मार्ट क्लासरूम, और डिजिटल सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
- शौचालय, पीने के पानी और विद्युत आपूर्ति जैसी सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।
3. शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण
- बिहार सरकार ने 1 लाख नए शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की है।
- शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से आधुनिक शिक्षण तकनीकों से अवगत कराया जाएगा।
4. छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का दायरा बढ़ाया जाएगा।
- लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाई जाएगी।
5. डिजिटल शिक्षा पर जोर
- सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
- ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा।
6. उच्च शिक्षा के लिए नए विश्वविद्यालय और कॉलेज
- राज्य में 5 नए विश्वविद्यालयों और 20 नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
- उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शोध अनुदान की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री का बयान
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा:
“शिक्षा का विकास ही राज्य की प्रगति का आधार है। हमने शिक्षा के बजट को बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। बुनियादी ढांचे के सुधार और डिजिटल शिक्षा पर जोर से हमारा लक्ष्य बिहार को शैक्षिक हब बनाना है।”
प्रभावित क्षेत्र और लाभ
- ग्रामीण इलाकों में सुधार:
- शिक्षा के बजट का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण स्कूलों के बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च होगा।
- लड़कियों की शिक्षा:
- विशेष योजनाओं के तहत लड़कियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी।
- डिजिटल साक्षरता:
- स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल संसाधनों से छात्रों को तकनीकी ज्ञान मिलेगा।
- रोजगार के अवसर:
- शिक्षकों की नियुक्ति से राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- उच्च शिक्षा का विस्तार:
- नए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के निर्माण से छात्रों को राज्य में ही उच्च शिक्षा के बेहतर विकल्प मिलेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
- विपक्षी दलों ने सरकार की इस घोषणा को “राजनीतिक स्टंट” करार देते हुए कहा कि अतीत में योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हुआ।
- उन्होंने शिक्षा बजट बढ़ाने के साथ-साथ पारदर्शिता और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन की भी मांग की।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट अगर सही तरीके से लागू होता है, तो बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता और शैक्षिक ढांचे में एक बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
- डिजिटल शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर से छात्रों की सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी।
- स्कूलों और कॉलेजों का विस्तार राज्य के लिए मानव संसाधन विकास का मजबूत आधार बनेगा।
निष्कर्ष:
बिहार सरकार का यह शिक्षा बजट राज्य के शैक्षिक ढांचे में ऐतिहासिक सुधार लाने की क्षमता रखता है। बुनियादी सुविधाओं में निवेश, डिजिटल शिक्षा का विस्तार और शिक्षकों की नियुक्ति से राज्य के लाखों छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे। हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शी निगरानी की आवश्यकता होगी।