Friday, January 17, 2025
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मुंबई बोट हादसे में 14 लोगों की मौत, जीवित बचे व्यक्ति ने चालक पर लापरवाही दिखाने का आरोप लगाया।

मुंबई के तट पर एक भीषण नाव हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब तेज रफ्तार नाव एक अन्य मछली पकड़ने वाली नाव से टकरा गई। इस दुर्घटना ने समुद्री सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे में जीवित बचे लोगों ने दावा किया है कि चालक लापरवाही और अत्यधिक रफ्तार से नाव चला रहा था।


घटना का विवरण

यह हादसा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास शनिवार शाम लगभग 6:00 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाव अत्यधिक गति में थी और अचानक दिशा बदलते हुए मछली पकड़ने वाली नाव से जा टकराई।

  • टक्कर के बाद नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पानी में पलट गई।
  • हादसे के समय नाव में 30 से अधिक यात्री सवार थे।

मृतकों और घायलों की स्थिति

  1. 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
  2. 10 लोग घायल हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
  3. कई यात्रियों को तैरकर जान बचानी पड़ी।

जीवित बचे लोगों के बयान

  • एक जीवित बचे यात्री ने कहा,“चालक तेज गति से नाव चला रहा था और समुद्र की लहरों की अनदेखी कर रहा था। उसने कई बार चेतावनियों को भी नजरअंदाज किया।”
  • कुछ अन्य यात्रियों ने आरोप लगाया कि नाव पर सुरक्षा उपकरण, जैसे लाइफ जैकेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं थे।

बचाव और राहत कार्य

  • भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) और नेवी की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
  • गोताखोरों की मदद से पानी में फंसे यात्रियों को निकाला गया।
  • घायलों को मुंबई के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुंबई पुलिस और समुद्री सुरक्षा विभाग ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।

  • प्राथमिक जांच में चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार को हादसे का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
  • समुद्री सुरक्षा मानकों के उल्लंघन पर भी सवाल उठ रहे हैं।

मुंबई के समुद्री सुरक्षा अधिकारी का बयान:

“हादसा बेहद दुखद है। प्रारंभिक जांच में चालक की गलती सामने आई है। हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”


मुख्य कारण

  1. तेज रफ्तार और लापरवाही: चालक द्वारा अत्यधिक गति और दिशा में बदलाव ने टक्कर को अंजाम दिया।
  2. सुरक्षा मानकों की कमी: नाव पर यात्रियों के लिए पर्याप्त लाइफ जैकेट और सेफ्टी गियर मौजूद नहीं थे।
  3. समुद्री यातायात की निगरानी: समुद्री परिवहन की उचित निगरानी और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा था।

भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय

  1. सुरक्षा उपकरण अनिवार्य: नावों पर पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट और आपातकालीन उपकरण उपलब्ध कराना अनिवार्य हो।
  2. चालकों के लिए प्रशिक्षण: नाव चालकों के लिए उचित प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग प्रक्रिया सख्त की जाए।
  3. समुद्री यातायात नियंत्रण: समुद्री परिवहन की निगरानी के लिए एक रेडार सिस्टम और निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।
  4. इमरजेंसी रिस्पांस: समुद्री हादसों के लिए त्वरित राहत और बचाव योजना को सशक्त किया जाए।

चित्र स्रोत – PTI

निष्कर्ष

मुंबई का यह नाव हादसा लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा है। 14 मासूम लोगों की जान जाने के बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर सुरक्षा उपायों को लागू करने में क्यों लापरवाही बरती जाती है। आने वाले समय में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाना बेहद जरूरी है।

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