ल ही में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर वैश्विक नेताओं ने बढ़ती खाद्य असुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई और तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। जलवायु परिवर्तन, युद्ध, आर्थिक अस्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण दुनिया के कई हिस्सों में लाखों लोग भूखमरी और खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं।
खाद्य असुरक्षा के प्रमुख कारण:
- जलवायु परिवर्तन:
- बाढ़, सूखा और अत्यधिक तापमान जैसे मौसमी बदलाव फसलों को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।
- कृषि उत्पादन में गिरावट के कारण खाद्य संकट बढ़ता जा रहा है।
- युद्ध और संघर्ष:
- रूस-यूक्रेन युद्ध और अफ्रीका के कई क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों के चलते खाद्य आपूर्ति बाधित हो रही है।
- युद्धग्रस्त देशों में भूखमरी के हालात और भी गंभीर हो गए हैं।
- आर्थिक अस्थिरता:
- महँगाई और वैश्विक मंदी के कारण गरीब और विकासशील देशों में खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
- आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान:
- महामारी के बाद से वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ा है, जिससे खाद्य उपलब्धता में कमी हो गई है।
वैश्विक नेताओं की मांग:
- तत्काल वित्तीय सहायता:
- विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए आपातकालीन वित्तीय सहायता की अपील की गई।
- कृषि नवाचार को बढ़ावा:
- जलवायु-स्मार्ट तकनीकों और फसल उगाने के स्थायी तरीकों को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया गया।
- युद्ध और संघर्षों का समाधान:
- संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में शांति वार्ता और सहायता कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता बताई गई।
- खाद्य वितरण नेटवर्क मजबूत करना:
- खाद्य वितरण और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर दूरदराज के इलाकों में खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- भूखमरी के खिलाफ वैश्विक एकजुटता:
- संयुक्त राष्ट्र के “शून्य भूख” (Zero Hunger) लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयासों की जरूरत है।
प्रमुख नेताओं के बयान:
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस:
“खाद्य असुरक्षा एक वैश्विक आपातकाल है, और हमें तत्काल कार्यवाही करनी होगी ताकि लाखों लोगों की जान बचाई जा सके।” - विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP):
- WFP ने कहा कि 345 मिलियन लोग इस समय गंभीर भूख के शिकार हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में दोगुना है।
- विश्व बैंक:
- विश्व बैंक ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र:
- अफ्रीका:
- सहारा से दक्षिण के देश (Sub-Saharan Africa) और पूर्वी अफ्रीका के क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
- दक्षिण एशिया:
- पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में खाद्य असुरक्षा बढ़ती महँगाई और आपदा के कारण गंभीर हो गई है।
- युद्धग्रस्त क्षेत्र:
- यमन, सीरिया और यूक्रेन जैसे देश सबसे अधिक संकट का सामना कर रहे हैं।
समाधान के लिए सुझाए गए कदम:
- स्थायी कृषि:
- फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल कृषि तकनीकों को अपनाना।
- वैश्विक फंडिंग:
- खाद्य संकट से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर आपातकालीन फंड की स्थापना।
- स्थानीय खाद्य उत्पादन:
- स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करना।
- सहायता कार्यक्रम:
- भूख प्रभावित क्षेत्रों में भोजन वितरण कार्यक्रम का विस्तार करना।
निष्कर्ष:
वैश्विक खाद्य असुरक्षा एक मानवीय संकट का रूप ले चुकी है, जिसका समाधान केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ठोस कार्रवाई से संभव है। जलवायु परिवर्तन, युद्ध और आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए वैश्विक नेताओं की यह पहल सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह जरूरी है कि दुनिया एकजुट होकर भूखमरी के इस संकट को खत्म करने के लिए त्वरित और स्थायी समाधान खोजे।