निखिल कामथ, ज़ेरोधा के सह-संस्थापक और भारत के प्रमुख उद्यमियों में से एक, ने हाल ही में अपनी पहली बिज़नेस यात्रा के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 14 साल की छोटी उम्र में उन्होंने अपना पहला व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन यह ज्यादा लंबा नहीं चला। उनकी यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि असफलताएं भी सफलता का हिस्सा होती हैं।
14 साल की उम्र में पहला बिज़नेस
- क्या था उनका पहला बिज़नेस?
- निखिल ने बताया कि उन्होंने पुराने मोबाइल फोन खरीदने और बेचने का काम शुरू किया था।
- वह सस्ते में पुराने फोन खरीदते और उन्हें मामूली मरम्मत के बाद बेच देते थे।
- कैसे शुरू हुआ यह विचार?
- उन्होंने बाजार में एक जरूरत देखी, जहां लोग सस्ते फोन खरीदना चाहते थे।
- यह बिज़नेस उनके लिए पैसा कमाने का शुरुआती जरिया बन गया।
शुरुआती अंत और सबक
- बिज़नेस क्यों नहीं चला?
- निखिल ने बताया कि उन्हें व्यापार के कई पहलुओं की जानकारी नहीं थी, जैसे लागत का सही प्रबंधन और ग्राहक व्यवहार।
- साथ ही, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सीमित संसाधन उनके बिज़नेस के लिए चुनौती बन गए।
- क्या सीखा इस अनुभव से?
- उन्होंने सीखा कि हर असफलता से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।
- सही योजना, धैर्य और कड़ी मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
ज़ेरोधा की शुरुआत तक का सफर
- नए अवसरों की तलाश:
- निखिल ने अपने अनुभवों से सीखा और खुद को बाजार की बेहतर समझ के लिए तैयार किया।
- उन्होंने वित्तीय बाजार में रुचि ली और ट्रेडिंग शुरू की।
- ज़ेरोधा की स्थापना:
- अपने भाई नितिन कामथ के साथ, निखिल ने 2010 में ज़ेरोधा की शुरुआत की।
- आज, ज़ेरोधा भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है।
निखिल कामथ की कहानी से सीख
- जल्दी शुरुआत करें:
- छोटी उम्र में भी बड़े सपने देखना और प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
- असफलता से मत डरें:
- असफलताएं केवल सीखने के अवसर होती हैं।
- निरंतरता बनाए रखें:
- सफलता पाने के लिए मेहनत और धैर्य जरूरी है।
निष्कर्ष
निखिल कामथ की कहानी यह दर्शाती है कि असफलताओं के बिना सफलता की कहानी अधूरी है। उनका 14 साल की उम्र में शुरू किया गया व्यवसाय भले ही ज्यादा लंबा न चला हो, लेकिन इसने उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक दिए। आज, उनकी यह यात्रा उद्यमशीलता के इच्छुक युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।