Monday, December 23, 2024
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Russian Aircraft Evacuate Diplomats from Syria During Intense Israeli Airstrikes

दमिश्क/मॉस्को: इजरायल द्वारा हाल ही में किए गए तीव्र हवाई हमलों के बाद, रूस ने अपने राजनयिकों और अन्य कर्मचारियों को सीरिया से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए विशेष विमानों का संचालन किया। इन हमलों के कारण सीरिया में सुरक्षा हालात और अधिक चिंताजनक हो गए हैं।


स्थिति की पृष्ठभूमि:

  1. इजरायली हवाई हमले:
    हाल ही में इजरायल ने सीरिया के कई इलाकों में सैन्य ठिकानों और कथित ईरानी समर्थित समूहों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में भारी तबाही की खबरें हैं, जिसमें सीरियाई सेना के साथ-साथ अन्य संरचनाओं को नुकसान हुआ है।
  2. रूसी उपस्थिति:
    सीरिया में रूस के राजनयिक, सैन्य सलाहकार और अन्य अधिकारी सुरक्षा और राजनीतिक सहायता के लिए लंबे समय से तैनात हैं। इन हमलों के बाद रूस ने स्थिति को गंभीर मानते हुए इमरजेंसी निकासी का निर्णय लिया।

रूसी विमानों का संचालन:

रूस ने अपने विशेष सैन्य विमानों को सीरिया भेजा ताकि राजनयिकों और उनके परिवारों को सुरक्षित दमिश्क से मॉस्को ले जाया जा सके।

  • उद्देश्य: राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और क्षेत्रीय तनाव के बीच रूस की उपस्थिति को स्थिर रखना।
  • निकासी का तरीका: विमानों ने सीरिया के दमिश्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी और राजनयिकों को लेकर मॉस्को पहुंचा।

रूस की प्रतिक्रिया:

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा:

“हम सीरिया में हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं। अपने राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”

रूस ने इजरायल के इन हवाई हमलों की आलोचना करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक बताया।


इजरायल का पक्ष:

इजरायल का कहना है कि ये हमले सीरिया में मौजूद ईरानी समर्थित मिलिशिया और हथियार ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए हैं।

  • इजरायल का तर्क है कि ईरानी गतिविधियां उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
  • इजरायल की सैन्य नीति स्पष्ट रूप से ईरान और उसके समर्थकों को सीरिया में जमावड़ा बनाने से रोकना है।

क्षेत्रीय असर:

  1. सीरिया में अस्थिरता:
    इजरायली हमलों से सीरिया के सुरक्षा हालात और बिगड़ गए हैं।
  2. रूसी कूटनीति पर असर:
    राजनयिकों की निकासी के बाद रूस की भूमिका और उसके प्रभाव में कमी आ सकती है।
  3. अंतरराष्ट्रीय तनाव:
    इजरायल और ईरान के बीच टकराव के बढ़ने से क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि हो रही है।

विशेषज्ञों की राय:

  • भूराजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि रूस द्वारा राजनयिकों की निकासी यह दर्शाता है कि सीरिया की स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी है।
  • इसके अलावा, इजरायल के हमलों और ईरानी प्रभाव को लेकर रूस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएं:

  1. रूस की नई रणनीति:
    रूस को सीरिया में अपने सैन्य और राजनयिक मिशन की सुरक्षा के लिए नई रणनीति अपनानी होगी।
  2. तनाव में वृद्धि:
    इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता टकराव पूरे मध्य पूर्व में नई अस्थिरता पैदा कर सकता है।
  3. अंतरराष्ट्रीय संवाद:
    संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों के लिए यह समय है कि वे संवाद और समाधान की प्रक्रिया तेज करें।

निष्कर्ष:

इजरायल के हवाई हमलों के कारण सीरिया में उत्पन्न असुरक्षा और तनावपूर्ण हालात के बीच रूस ने अपने राजनयिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का निर्णय लिया। यह घटना न केवल क्षेत्रीय अस्थिरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सीरिया में कई वैश्विक ताकतों के भूराजनीतिक हित किस प्रकार टकरा रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह टकराव क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या रूप लेता है।

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