राजस्थान सरकार ने राज्य में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना, कार्बन उत्सर्जन को कम करना, और राजस्थान को “सौर ऊर्जा का हब” बनाना है।
नई सौर ऊर्जा नीति के प्रमुख बिंदु
1. सौर ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य
- वर्ष 2030 तक राज्य में 75 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
- इस लक्ष्य के जरिए राजस्थान भारत का अग्रणी सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य बनने की ओर अग्रसर होगा।
2. घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग को प्रोत्साहन
- घरेलू सौर रूफटॉप परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन की घोषणा की गई है।
- वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग पर विशेष छूट दी जाएगी।
3. बड़े सौर ऊर्जा पार्कों की स्थापना
- राज्य के प्रमुख जिलों जैसे जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, और बाड़मेर में बड़े सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किए जाएंगे।
- निवेशकों और डेवलपर्स को भूमि आवंटन और करों में छूट प्रदान की जाएगी।
4. ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) प्रणाली
- सरकार ऊर्जा भंडारण के लिए नई तकनीकों पर निवेश करेगी ताकि सौर ऊर्जा का उपयोग 24×7 सुनिश्चित किया जा सके।
5. रोजगार सृजन
- नई नीति से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- स्थानीय युवाओं को सौर ऊर्जा तकनीक में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
6. निवेश प्रोत्साहन
- राज्य सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए आकर्षक योजनाएं और वित्तीय प्रोत्साहन की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री का बयान
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा:
“यह नीति राजस्थान को सौर ऊर्जा के वैश्विक हब में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए न केवल अपने पर्यावरण की रक्षा करेंगे बल्कि राज्य के आर्थिक विकास को भी गति देंगे।”
नीति के लाभ
- ऊर्जा सुरक्षा:
- सौर ऊर्जा से राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी।
- पर्यावरण संरक्षण:
- कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन की जगह सौर ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
- किफायती बिजली:
- घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थायी बिजली उपलब्ध होगी।
- रोजगार के अवसर:
- सौर परियोजनाओं के निर्माण और संचालन में स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- निवेश को बढ़ावा:
- यह नीति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को आकर्षित करेगी।
- ग्रामीण विकास:
- ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
चुनौतियां और समाधान
1. भूमि की उपलब्धता
- सरकार ने खाली पड़ी बंजर भूमि का उपयोग करने की योजना बनाई है ताकि कृषि भूमि प्रभावित न हो।
2. निवेश और तकनीकी विकास
- सरकार निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित कर नई तकनीकों को अपनाएगी।
3. भंडारण की समस्या
- ऊर्जा भंडारण तकनीकों जैसे बैटरी स्टोरेज और हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण पर निवेश किया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
- ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान की नई नीति भारत को अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।
- यह नीति सतत विकास, स्वच्छ ऊर्जा और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है।
निष्कर्ष:
राजस्थान की नई सौर ऊर्जा नीति राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाने और भारत के हरित ऊर्जा मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखती है। अगर इस योजना का सही क्रियान्वयन किया गया तो यह राजस्थान के आर्थिक और पर्यावरणीय विकास में मील का पत्थर साबित होगी।