Monday, December 23, 2024
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Revenue Secretary Sanjay Malhotra Appointed as New RBI Governor, Succeeding Shaktikanta Das

भारत सरकार ने हाल ही में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया है। वह शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिन्होंने भारतीय केंद्रीय बैंक की अगुवाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संजय मल्होत्रा की नियुक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था और केंद्रीय बैंक के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में हम संजय मल्होत्रा के चयन, उनके करियर, और आरबीआई गवर्नर के रूप में उनकी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।

1. संजय मल्होत्रा की नियुक्ति और इसका महत्व

संजय मल्होत्रा की नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नई दिशा को दर्शाती है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में अपने करियर की शुरुआत की थी और आर्थिक नीतियों के क्षेत्र में उनके योगदान को व्यापक रूप से सराहा गया है। मल्होत्रा का कार्यकाल केंद्रीय वित्त मंत्रालय में महत्वपूर्ण पदों पर रहा है, और उन्होंने अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है। उनकी नियुक्ति से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और केंद्रीय बैंक के संचालन में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

संजय मल्होत्रा की नियुक्ति का अर्थ है कि सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को चुना है जो पहले से ही आर्थिक नीतियों और वित्तीय मामलों में गहरी समझ रखते हैं। उनकी पूर्व भूमिका के कारण, यह माना जा रहा है कि वे केंद्रीय बैंक की संचालन प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए काम करेंगे।

2. आरबीआई गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा की प्राथमिकताएँ

संजय मल्होत्रा के नए कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही कुछ प्रमुख प्राथमिकताएँ उभर कर सामने आ रही हैं। उनकी सबसे बड़ी चुनौती भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति के दबाव से उबारने की होगी। इसके अलावा, उन्हें केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को स्थिर बनाए रखना और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार करने के लिए कदम उठाने होंगे।

a. मौद्रिक नीति और मुद्रास्फीति नियंत्रण

संजय मल्होत्रा की सबसे बड़ी प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना होगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत में मुद्रास्फीति के स्तर में उतार-चढ़ाव देखा गया है, और आरबीआई को इस पर काबू पाने के लिए लगातार नीति बनाने की आवश्यकता है। संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में आरबीआई, केंद्रीय बैंक के रूप में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतियाँ बनाएगा और इस पर पूरी निगरानी रखेगा।

b. बैंकिंग क्षेत्र में सुधार

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है, खासकर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सुधार को लेकर। संजय मल्होत्रा को इस क्षेत्र में सुधार के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र अधिक स्थिर और लचीला हो सके।

c. डिजिटल मुद्रा और वित्तीय नवाचार

आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में, संजय मल्होत्रा को डिजिटल मुद्रा और वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करना होगा। भारत सरकार और आरबीआई ने पहले ही डिजिटल रुपया की शुरुआत की योजना बनाई है, और यह उम्मीद की जा रही है कि संजय मल्होत्रा इस क्षेत्र में और अधिक नवाचार करेंगे।

3. शक्तिकांत दास का योगदान

संजय मल्होत्रा की नियुक्ति से पहले, शक्तिकांत दास ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। उनके नेतृत्व में, भारतीय रिजर्व बैंक ने महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्मित करने के लिए कई अहम कदम उठाए थे। शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में, आरबीआई ने मौद्रिक नीति को समय-समय पर संशोधित किया और कोविड-19 के दौरान आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्तीय उपायों की घोषणा की थी।

शक्तिकांत दास के नेतृत्व में आरबीआई ने भारतीय वित्तीय बाजारों को स्थिर रखने और वित्तीय प्रणाली की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए कई सफल कदम उठाए थे। उनकी नीति और निर्णयों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी से बचाए रखा और उसे पटरी पर लाने में मदद की।

4. आर्थिक दिशा और भविष्य की उम्मीदें

संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर बनने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक का भविष्य निश्चित रूप से एक नया मोड़ लेने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों के लिए आने वाले समय में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। उनका आर्थिक दृष्टिकोण और रणनीतिक निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक हो सकते हैं।

भारत में, जहां अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और वैश्विक व्यापार का हिस्सा बन रही है, वहां संजय मल्होत्रा का नेतृत्व भारतीय रिजर्व बैंक को वित्तीय स्थिरता और नवाचार की दिशा में प्रेरित करेगा। उनके प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

संजय मल्होत्रा का आरबीआई गवर्नर के रूप में चयन भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी अनुभव और आर्थिक दृष्टिकोण से भारतीय रिजर्व बैंक को नई दिशा मिल सकती है। इसके साथ ही, यह भारत की वित्तीय नीतियों में सुधार और नवाचार के लिए भी एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।

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