पाकिस्तान के पेशावर में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता राज कपूर और दिलीप कुमार के पैतृक घरों के संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक ने वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह कदम इन ऐतिहासिक स्थलों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
1. विश्व बैंक की वित्तीय सहायता:
खैबर पख्तूनख्वा (KP) सरकार आवश्यक धनराशि प्रदान करने में असमर्थ रही थी, जिसके बाद विश्व बैंक ने इन घरों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया। यह परियोजना KP इंटीग्रेटेड टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (KITE) के तहत वित्तपोषित की जाएगी। विश्व बैंक के इस कदम से इन घरों को उनके पूर्व गौरव में बहाल किया जा सकेगा, जिससे पाकिस्तान और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा।
2. दिलीप कुमार का पैतृक घर:
पेशावर के क़िस्सा ख़्वानी बाज़ार में स्थित दिलीप कुमार का घर उनके पिता, लाला गुलाम सरवर द्वारा 20वीं सदी की शुरुआत में बनवाया गया था। यह दो-मंजिला संरचना पारंपरिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें लकड़ी की बालकनियाँ और विस्तृत आंगन हैं। दिलीप कुमार, जिनका जन्म मोहम्मद यूसुफ़ ख़ान के नाम से हुआ था, ने अपने प्रारंभिक वर्ष इसी घर में बिताए थे। हालांकि वर्तमान में यह घर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, फिर भी यह अभिनेता की विरासत से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है।
3. राज कपूर का पैतृक हवेली:
राज कपूर का पैतृक हवेली, जिसे ‘कपूर हवेली’ के नाम से जाना जाता है, उनके दादा, दीवान बशेश्वरनाथ कपूर द्वारा 1918 और 1922 के बीच बनवाया गया था। यह हवेली अपनी जटिल लकड़ी की नक्काशी, विस्तृत आंगनों और उपनिवेश-कालीन डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। प्रथम राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोकी कपूर का जन्म यहीं हुआ था। यह हवेली भी वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, लेकिन इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना है।
4. संरक्षण और संग्रहालय में परिवर्तन:
KP सरकार ने इन घरों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने की योजना बनाई है, जिससे इनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित किया जा सके। दिलीप कुमार के घर का पुनर्निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है, जबकि राज कपूर के हवेली का पुनर्निर्माण कार्य विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इन संग्रहालयों के खुलने से न केवल इन महान कलाकारों की विरासत को सम्मान मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
5. सांस्कृतिक महत्व:
इन घरों का संरक्षण पाकिस्तान और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना दोनों देशों के साझा इतिहास और कला के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करती है। इन संग्रहालयों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियाँ इन महान कलाकारों की जीवन यात्रा और उनके योगदान को जान सकेंगी।
निष्कर्ष:
राज कपूर और दिलीप कुमार के पैतृक घरों का पुनर्निर्माण और संग्रहालय में परिवर्तन एक सराहनीय कदम है, जो इन महान कलाकारों की विरासत को संरक्षित करने और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में सहायक होगा। विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से यह परियोजना संभव हो पाई है, जिससे इन ऐतिहासिक स्थलों को उनके पूर्व गौरव में बहाल किया जा सकेगा।