Tuesday, December 24, 2024
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NPCI का उद्देश्य 2025 तक UPI की पहुंच 4-6 नए देशों तक विस्तार करना है

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के वैश्विक विस्तार को गति देने का निर्णय लिया है। NPCI का लक्ष्य 2025 तक UPI को 4-6 नए देशों तक पहुंचाना है, जिससे डिजिटल भुगतान के इस क्रांतिकारी माध्यम को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिले और भारतीय नागरिकों को सीमाओं से परे भुगतान सुविधा प्राप्त हो।


UPI का वैश्विक विस्तार: मुख्य उद्देश्य

  1. सीमापार भुगतान की सुविधा:
    • भारतीय पर्यटकों और प्रवासियों को विदेश में आसान और सुरक्षित डिजिटल भुगतान का विकल्प प्रदान करना।
  2. UPI की अंतरराष्ट्रीय पहचान:
    • UPI को विश्व स्तरीय भुगतान प्रणाली के रूप में स्थापित करना।
  3. वैश्विक आर्थिक सहयोग:
    • अन्य देशों की भुगतान प्रणाली के साथ साझेदारी करना और फिनटेक सहयोग बढ़ाना।

वर्तमान में UPI किन देशों में उपलब्ध है?

NPCI ने पहले ही कुछ देशों में UPI सेवाओं का विस्तार कर दिया है, जिनमें शामिल हैं:

  1. सिंगापुर: PayNow के साथ UPI की साझेदारी।
  2. संयुक्त अरब अमीरात (UAE): भारतीय प्रवासियों और पर्यटकों के लिए UPI भुगतान की सुविधा।
  3. नेपाल: नेपाल में UPI के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू हो चुकी है।
  4. भूटान: डिजिटल भुगतान में UPI के उपयोग को अपनाया गया।

2025 तक संभावित नए देश

NPCI उन देशों पर फोकस कर रहा है, जहां भारतीय प्रवासियों, पर्यटकों और व्यापार का प्रमुख योगदान है। संभावित देश हो सकते हैं:

  1. अमेरिका
  2. ऑस्ट्रेलिया
  3. यूनाइटेड किंगडम (UK)
  4. जर्मनी
  5. मलेशिया
  6. कनाडा

UPI के वैश्विक विस्तार से लाभ

  1. भारतीय प्रवासियों और पर्यटकों के लिए सुविधा:
    • विदेशों में भारतीय नागरिक आसानी से रुपये से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे।
  2. विनिमय दर का पारदर्शी समाधान:
    • बिना अतिरिक्त शुल्क या मंहगे एक्सचेंज दर पर सीमापार लेन-देन संभव होगा।
  3. भारतीय फिनटेक उद्योग को बढ़ावा:
    • भारत के फिनटेक क्षेत्र को वैश्विक मान्यता और आर्थिक मजबूती मिलेगी।
  4. विदेशी व्यापार को गति:
    • व्यापारिक लेनदेन में तेज़ी और सुरक्षित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।

NPCI का रणनीतिक दृष्टिकोण

  1. स्थानीय भुगतान सिस्टम के साथ साझेदारी:
    • प्रत्येक देश की मौजूदा भुगतान प्रणाली से UPI को जोड़ने के लिए समझौते किए जाएंगे।
  2. UPI के तकनीकी मानकों का अनुकूलन:
    • विदेशी बाजार की जरूरतों के अनुसार UPI के तकनीकी फीचर्स को विकसित किया जाएगा।
  3. रिजर्व बैंक और सरकार का समर्थन:
    • NPCI को RBI और भारत सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है, ताकि वैश्विक स्तर पर UPI को अपनाने में कोई रुकावट न आए।

निष्कर्ष

NPCI का 2025 तक UPI का वैश्विक विस्तार भारतीय फिनटेक उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुगतान प्रणाली में भारत की भागीदारी को भी बढ़ाएगा।

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