महाकुंभ में एक अनोखी शख्सियत
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 में इस बार एक अनोखी शख्सियत श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। आत्मा प्रेम गिरी, जिन्हें लोग ‘मस्कुलर बाबा’ के नाम से जानते हैं, अपनी अद्वितीय शारीरिक बनावट और 7 फुट की लंबाई के कारण सभी का ध्यान खींच रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि आत्मा प्रेम गिरी मूल रूप से रूस के निवासी हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को अपनाकर संन्यास का मार्ग चुना।
कौन हैं आत्मा प्रेम गिरी?
- मूल पहचान:
आत्मा प्रेम गिरी का असली नाम इवान डोब्रोव्स्की है। वे रूस के सेंट पीटर्सबर्ग के रहने वाले हैं। - संन्यास का सफर:
इवान ने अपनी युवा अवस्था में बॉडीबिल्डिंग और फिटनेस में कई पुरस्कार जीते थे। लेकिन भौतिक जीवन से असंतोष ने उन्हें आध्यात्मिकता की ओर मोड़ दिया। वे भारत आए, जहां उन्होंने ऋषिकेश में साधु-संतों के सानिध्य में योग और ध्यान का अध्ययन किया। - संन्यास और नया नाम:
2019 में, उन्होंने संन्यास लिया और उन्हें आत्मा प्रेम गिरी नाम दिया गया। अब वे भारतीय संस्कृति और धर्म को अपने जीवन का आधार मानते हैं।
मस्कुलर बाबा के रूप में लोकप्रियता
- 7 फुट लंबाई और ताकतवर शरीर:
आत्मा प्रेम गिरी की 7 फुट लंबी कद-काठी और मस्कुलर बॉडी उन्हें भीड़ में अलग बनाती है। - योग और ध्यान:
वे हर दिन घंटों योग, ध्यान और प्राणायाम करते हैं। उनके अनुसार, शारीरिक ताकत के साथ मानसिक शांति भी जरूरी है। - साधारण जीवन:
हालांकि उनकी शारीरिक बनावट आकर्षण का केंद्र है, लेकिन उनका जीवन बहुत साधारण है। वे संगम के पास एक छोटे से शिविर में रहते हैं और हर दिन भजन-कीर्तन और ध्यान में समय बिताते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा
आत्मा प्रेम गिरी न केवल एक आकर्षक शख्सियत हैं, बल्कि वे अपने जीवन से लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं।
- स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का संगम:
उन्होंने यह साबित किया है कि शारीरिक फिटनेस और आध्यात्मिकता का मेल संभव है। - भौतिक जीवन से मुक्ति:
उनका जीवन यह संदेश देता है कि भौतिक उपलब्धियां आत्मिक शांति का विकल्प नहीं हो सकतीं। - विदेशी श्रद्धालुओं के लिए उदाहरण:
आत्मा प्रेम गिरी जैसे लोग विदेशी श्रद्धालुओं के लिए भारतीय संस्कृति और धर्म को समझने का एक माध्यम बन रहे हैं।
मेला में उनकी लोकप्रियता
महाकुंभ मेला 2025 में आत्मा प्रेम गिरी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।
- लोग उनके साथ तस्वीरें लेने के लिए उत्सुक रहते हैं।
- उनकी दिनचर्या और ध्यान विधियों को सीखने के लिए युवा पीढ़ी भी आकर्षित हो रही है।
- मेला में उनके प्रवचनों और योग सत्रों में बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं।
आत्मा प्रेम गिरी का संदेश
आत्मा प्रेम गिरी का मानना है कि:
- “आध्यात्मिकता सभी सीमाओं से परे है। यह न जाति देखती है, न धर्म, न देश।”
- “योग और ध्यान न केवल शारीरिक शक्ति प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मा को भी मजबूत बनाते हैं।”

निष्कर्ष
महाकुंभ मेला 2025 में आत्मा प्रेम गिरी जैसे व्यक्तित्व भारतीय संस्कृति की वैश्विकता और आध्यात्मिकता की शक्ति का प्रतीक हैं। उनकी कहानी यह दिखाती है कि आत्मा की खोज किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने से भारत की ओर खींच सकती है। मस्कुलर बाबा न केवल महाकुंभ के आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि वे शारीरिक और मानसिक संतुलन के महत्व का संदेश भी फैलाते हैं।