तेलंगाना के पूर्व मंत्री और बीआरएस नेता केटी रामाराव (KTR) ने राज्य सरकार द्वारा आयोजित फॉर्मूला ई रेस को लेकर उठ रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच विधानसभा में खुली बहस की मांग की है। KTR ने इस आयोजन की पारदर्शिता पर जोर देते हुए आरोपों का जवाब देने की बात कही है।
मामले का विवरण:
- फॉर्मूला ई रेस का आयोजन:
- फरवरी 2023 में हैदराबाद में फॉर्मूला ई रेस का आयोजन किया गया था।
- यह रेस तेलंगाना सरकार की “ग्रीन एनर्जी और ग्लोबल इवेंट्स” को प्रमोट करने की रणनीति का हिस्सा थी।
- भ्रष्टाचार के आरोप:
- विपक्षी दलों ने आयोजन में बड़ी वित्तीय गड़बड़ियों और फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
- आरोपों के मुताबिक, आयोजन के लिए जारी किए गए बजट में पारदर्शिता की कमी थी और सरकारी धन का अव्यवस्थित खर्च हुआ।
- KTR का रुख:
- KTR ने कहा कि फॉर्मूला ई रेस तेलंगाना को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए आयोजित की गई थी।
- उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर खुली बहस की मांग करते हुए कहा कि,
“हम पारदर्शिता के पक्षधर हैं और इस आयोजन के हर खर्च का हिसाब देने के लिए तैयार हैं।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- कांग्रेस और बीजेपी के आरोप:
- विपक्षी नेताओं ने सरकार पर “भ्रष्टाचार और सरकारी फंड के दुरुपयोग” का आरोप लगाया।
- विपक्ष का कहना है कि आयोजन से सामान्य जनता को कोई लाभ नहीं हुआ और यह केवल व्यक्तिगत प्रचार के लिए किया गया।
- जाँच की मांग:
- कांग्रेस और बीजेपी ने इस आयोजन की स्वतंत्र जाँच कराने की माँग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
KTR के बयान के मुख्य बिंदु:
- आयोजन का उद्देश्य:
- फॉर्मूला ई रेस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना और हैदराबाद को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाना था।
- पारदर्शिता:
- KTR ने कहा कि आयोजन से जुड़े सभी लेन-देन और खर्चे सार्वजनिक किए जाएंगे।
- विधानसभा बहस की चुनौती:
- उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि वे विधानसभा में बहस के दौरान तथ्यों के साथ सामने आएं।
राजनीतिक विश्लेषण:
- KTR की रणनीति:
- KTR का बहस की मांग करना विपक्षी आरोपों का प्रभावी जवाब देने और राजनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश है।
- विपक्ष की रणनीति:
- कांग्रेस और बीजेपी इस मुद्दे को आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनावों में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।
- जनता की प्रतिक्रिया:
- तेलंगाना की जनता इस आयोजन की सफलता और आरोपों के बीच संतुलित नजरिया रख रही है।
निष्कर्ष:
फॉर्मूला ई रेस को लेकर तेलंगाना में जारी विवाद ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। KTR की विधानसभा बहस की मांग से यह मुद्दा और भी चर्चा का विषय बन गया है। यदि सरकार इन आरोपों का पारदर्शी जवाब दे पाती है, तो यह उनके पक्ष में जा सकता है, अन्यथा विपक्ष इस मुद्दे को भ्रष्टाचार के प्रतीक के रूप में पेश करेगा।
“तेलंगाना की राजनीति में फॉर्मूला ई रेस अब पारदर्शिता और जवाबदेही का बड़ा टेस्ट बन चुकी है।”