गाड़ी चलाते हैं तो पोजिशन का रखें ध्यान: घुटने में दर्द को न करें इग्नोर, क्या है पैटेलर टेंडिनोपैथी; डॉक्टर से जानें लक्षण और इलाज
ड्राइविंग के दौरान बढ़ता घुटने का दर्द — एक अनदेखा खतरा
कल्पना कीजिए — आप रोज़ ऑफिस के लिए गाड़ी चलाते हैं। ट्रैफिक में पांच मिनट की जगह पचास मिनट लग जाते हैं। लंबे समय तक पैर एक्सिलरेटर पर दबा रहता है। धीरे-धीरे घुटनों में हल्का दर्द शुरू होता है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे “थकावट” मानकर अनदेखा कर देते हैं। यही लापरवाही knee pain while driving के असली खतरे की शुरुआत होती है।
पैटेलर टेंडिनोपैथी क्या है?
डॉ. निखिल अग्रवाल, सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन, “The Velocity News” से बातचीत में बताते हैं कि Patellar Tendinopathy घुटने की एक स्थिति है जिसमें पैटेला (kneecap) से जुड़ा टेंडन बार-बार के तनाव के कारण सूज जाता है। यह समस्या आमतौर पर उन लोगों में देखी जाती है जो बार-बार घुटनों पर दबाव डालने वाले काम करते हैं—जैसे कार ड्राइवर, बाइकर या खिलाड़ी।
उन्होंने बताया कि लगातार गाड़ी चलाते समय गलत पोज़िशन में बैठना और पैर का एक ही एंगल पर रहना घुटने की सतह पर दवाब बढ़ा देता है। परिणामस्वरूप, धीरे-धीरे उनमें सूजन, दर्द और stiffness विकसित होने लगती है।
गलत पोजिशन कैसे बढ़ाती है दर्द की संभावना
अक्सर कार ड्राइवर सीट को बहुत पीछे कर लेते हैं या एक्सिलरेटर पर पैर मोड़कर रखते हैं। इससे पैटेलर टेंडन बार-बार “overstretch” होता है। साथ ही, knee cap के नीचे cartilage पर घर्षण बढ़ जाता है।
इन कुछ बातों पर ध्यान न देना, knee pain while driving को धीरे-धीरे “chronic” बना सकता है।
- लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठना।
- पैर बहुत पीछे की ओर मोड़ना।
- क्लच या एक्सिलरेटर पर पैर लगातार टिकाए रखना।
- और सबसे ज़रूरी — ब्रेक देते समय पैर को सीधा न करना।
लक्षण जो कभी न करें नज़रअंदाज़
पैटेलर टेंडिनोपैथी के शुरुआती लक्षण मामूली दिखते हैं लेकिन समय पर ध्यान न देने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
- गाड़ी चलाने के बाद या सीढ़ियां चढ़ते समय घुटने में दर्द।
- नी-कैप के नीचे सूजन या जलन।
- पैरों में अकड़न या “क्लिकिंग साउंड”।
- बैठने या उठने में तकलीफ।
यदि ये लक्षण लगातार दो सप्ताह से बने हैं, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है।
ड्राइविंग पोज़िशन सुधारें: छोटे बदलाव, बड़ा असर
ऑर्थोपेडिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सही सीट पॉज़िशन और मुद्रा 70% तक घुटने के दर्द के जोखिम को कम कर सकती है।
यहां कुछ कारगर टिप्स दिए जा रहे हैं:
- सीट को इस तरह एडजस्ट करें कि घुटने हल्के मुड़े हों, न बहुत सीधे और न बहुत कोण पर।
- हर 30–40 मिनट में थोड़ी देर पैर सीधा करें और स्ट्रेच करें।
- फुटपैडल से पैर हटाकर थोड़ी देर आराम दें।
- शक होने पर knee brace या सपोर्टिंग पैड का प्रयोग करें।
- रोजाना हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करें।
उपचार: समय रहते कदम उठाना जरूरी
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, “सबसे पहले दर्द को इग्नोर न करें। Self-medication के भरोसे न रहें।”
knee pain while driving के लिए उपचार सामान्यतः तीन चरणों में किया जाता है:
- Physiotherapy: 5–6 हफ्ते की थेरेपी में टेंडन की लचीलापन लौटाने पर ध्यान दिया जाता है।
- Medical Management: दर्द और सूजन के लिए एनाल्जेसिक्स या NSAIDs दी जाती हैं।
- Lifestyle Correction: सही नी-सपोर्ट, posture और routine workout को शामिल किया जाता है।
गंभीर मामलों में PRP थैरेपी या सर्जिकल इंटरवेंशन की जरूरत पड़ सकती है, मगर यह बहुत कम परिस्थितियों में किया जाता है।

क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी सोसाइटी के एक अध्ययन के अनुसार, महानगरों में रोज़ 60% से अधिक पैसेंजर वाहन ड्राइवर लंबे समय तक ड्राइव करने के कारण knee-related discomfort महसूस करते हैं। आश्चर्यजनक रूप से, उनमें से लगभग 40% को अपनी स्थिति का नाम तक नहीं पता — यानी “Patellar Tendinopathy” शब्द उनसे बिल्कुल अनजान है।
ड्राइव करते समय शरीर की भाषा समझें
कई बार शरीर अपने संकेत देता है — हल्की झनझनाहट, पैर सुन्न होना या घुटने में “खींचन” महसूस होना। ये चेतावनी संकेत हैं जिन्हें अनदेखा करना आगे चलकर घुटने को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।
इसलिए, यदि आपको knee pain while driving महसूस हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें।
निष्कर्ष: खुद का ध्यान रखें, क्योंकि दूरी नहीं दर्द बढ़ेगा
जीवन तेज़ है, पर शरीर की सीमाएँ तय हैं। गाड़ी चलाते समय आपकी पोज़िशन केवल सुविधा नहीं, बल्कि सुरक्षा का हिस्सा है। समय रहते मुद्रा सुधारें, अपने घुटनों की देखभाल करें और यदि ज़रूरत हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
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