मुंबई में एक साइबर अपराध और फर्जी पुलिसकर्मी गिरोह का मामला सामने आया है, जिसमें केरल के एक डॉक्टर को धोखाधड़ी के जरिए फंसाने की कोशिश की गई। मुंबई पुलिस की सतर्कता के चलते ₹4.65 लाख की रकम बरामद कर ली गई और अपराधियों की गिरफ्तारी का अभियान तेज कर दिया गया है।
घटना का विवरण:
- शिकार:
- केरल के एक डॉक्टर को कुछ लोगों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर कॉल किया।
- अपराध का तरीका:
- फर्जी पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर पर अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने का झूठा आरोप लगाया।
- आरोपियों ने धमकी देते हुए डॉक्टर से कहा कि उनका नाम धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और अन्य अपराधों में जुड़ा है।
- मामले को सुलझाने के नाम पर ₹4.65 लाख की राशि तुरंत ट्रांसफर करने की माँग की।
- डॉक्टर की सतर्कता:
- डॉक्टर को संदेह होने पर उन्होंने मुंबई पुलिस से संपर्क किया।
- मुंबई पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ₹4.65 लाख की राशि को ट्रेस कर बरामद कर लिया।
- जाँच और गिरफ्तारी:
- पुलिस ने गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
- साइबर अपराध शाखा इस पूरे मामले की जाँच कर रही है।
मुंबई पुलिस का बयान:
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“यह मामला साइबर अपराध और फर्जी पुलिसकर्मियों के नए मॉडस ऑपरेंडी को दर्शाता है। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल के मामले में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।”
कैसे फंसाते हैं ठग? (Modus Operandi):
- खुद को पुलिस, बैंक अधिकारी या सरकारी एजेंट बताना।
- पीड़ित पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें मानसिक दबाव में डालना।
- तत्काल ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए उकसाना।
- धोखाधड़ी के बाद रकम को कई खातों में ट्रांसफर कर देना ताकि ट्रेस करना मुश्किल हो।
मुंबई पुलिस की सलाह:
- असली पुलिस या सरकारी अधिकारी फोन पर कभी पैसे की माँग नहीं करते।
- किसी भी संदिग्ध कॉल पर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल को तुरंत सूचित करें।
- अपने बैंकिंग डिटेल्स और OTP कभी साझा न करें।
- कॉलर के नंबर को वेरिफाई करें और किसी भी जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर न करें।
नागरिकों को सावधान रहने की आवश्यकता:
इस मामले से यह साफ होता है कि साइबर अपराधी झूठे आरोपों और धमकी के जरिए लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। विशेष रूप से पढ़े-लिखे और उच्च आय वर्ग के लोगों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
निष्कर्ष:
मुंबई पुलिस की तत्परता के चलते फर्जी पुलिसकर्मियों द्वारा की गई ठगी की कोशिश विफल हो गई और ₹4.65 लाख की रकम बरामद कर ली गई। इस घटना ने फिर से साबित किया कि सतर्कता और सही समय पर पुलिस की मदद लेना बेहद जरूरी है।
“जागरूक रहें, सतर्क रहें और ठगी के ऐसे मामलों से बचने के लिए तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।”