अब्दुल्ला परिवार, जो जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है, ने दशकों तक राज्य की राजनीति को प्रभावित किया है। यह परिवार न केवल राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहा है, बल्कि इसके नेताओं ने कई ऐतिहासिक फैसलों और घटनाओं का हिस्सा भी बने हैं। परिवार की राजनीतिक यात्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रधानमंत्री से लेकर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री तक के उतार-चढ़ाव से भरी रही है। इस लेख में, हम अब्दुल्ला परिवार के राजनीतिक सफर की समीक्षा करेंगे, जो समय के साथ कई महत्वपूर्ण मोड़ लेकर सामने आया है।
1. अब्दुल्ला परिवार की शुरुआत: जम्मू और कश्मीर के प्रधानमंत्री
अब्दुल्ला परिवार का राजनीतिक इतिहास 1947 से शुरू होता है, जब शेख अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर राज्य के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। शेख अब्दुल्ला, जिन्हें “कश्मीर के शेर” के नाम से जाना जाता है, ने जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका राजनीति में योगदान न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।
हालांकि, 1953 में शेख अब्दुल्ला को भारतीय सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया और जम्मू और कश्मीर के प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया, लेकिन इसके बावजूद उनकी राजनीतिक धारा और उनके परिवार की छवि राजनीति में प्रमुख रही।
2. फारूक अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री बनने का सफर
शेख अब्दुल्ला के बेटे, फारूक अब्दुल्ला ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए 1982 में जम्मू और कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर ने कई महत्वपूर्ण विकासात्मक परियोजनाओं का अनुभव किया। उनके कार्यकाल के दौरान, राज्य में बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्र में कई सुधार हुए, और कश्मीर घाटी में शांति के लिए कई प्रयास किए गए।
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य की स्वायत्तता के मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण विचार रखे। उनका राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ावों से भरा था, लेकिन उनके नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेंस (NC) पार्टी ने राज्य की राजनीति में अपनी स्थिति बनाए रखी।
3. उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री कार्यकाल
फारूक अब्दुल्ला के बेटे, उमर अब्दुल्ला ने 2008 में जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री का पद संभाला। उमर अब्दुल्ला की सरकार ने राज्य में युवा नेतृत्व को बढ़ावा दिया और सरकारी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को कम करने के प्रयास किए। उनके नेतृत्व में, जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जे की कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उमर ने कई सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में काम किया।
उनकी सरकार को राज्य में शांति और सुरक्षा के मुद्दों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद, 2015 में उनकी सरकार गिर गई और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, उमर अब्दुल्ला की भूमिका जम्मू और कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण रही, और उनका नाम एक प्रमुख राजनीतिक नेता के रूप में लिया जाता है।
4. जम्मू और कश्मीर का पुनर्गठन और केंद्र शासित प्रदेश का गठन
2019 में, जब भारतीय सरकार ने जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया, तो यह एक ऐतिहासिक मोड़ था। इस निर्णय ने अब्दुल्ला परिवार और जम्मू और कश्मीर की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया।
हालांकि, 2020 में उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया और उन्होंने राज्य की नई राजनीतिक स्थिति में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया। यह परिवर्तन अब्दुल्ला परिवार की राजनीति में एक नया अध्याय था, जहां उन्हें अब केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने की चुनौती थी।
5. भविष्य की दिशा और राजनीतिक भूमिका
अब्दुल्ला परिवार की राजनीतिक यात्रा ने जम्मू और कश्मीर की राजनीति को हमेशा प्रभावित किया है। अब, जबकि जम्मू और कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है, अब्दुल्ला परिवार के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है। वे अपने पारंपरिक राजनीतिक दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन वे राज्य के विकास और अपने लोगों के अधिकारों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अब्दुल्ला परिवार का राजनीतिक भविष्य अब इस पर निर्भर करेगा कि वे बदलते राजनीतिक माहौल में अपनी स्थिति कैसे बनाते हैं और जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में कैसे सफल होते हैं। उनके लिए यह समय राजनीतिक पुनर्निर्माण और नए अवसरों का है, जो भविष्य में उनके नेतृत्व को मजबूत कर सकता है।
निष्कर्ष
अब्दुल्ला परिवार की राजनीतिक यात्रा, जो जम्मू और कश्मीर के प्रधानमंत्री से लेकर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री तक फैली हुई है, राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। फारूक और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में, अब्दुल्ला परिवार ने राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, और उनका राजनीतिक दृष्टिकोण अब भी राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावी बना हुआ है। भविष्य में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस परिवार का राजनीतिक योगदान जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जारी रहेगा या नहीं।