Wednesday, July 30, 2025
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न्यूक्लियर का जख्म झेल चुका जापान बना रहा है बंकर, सिर्फ एहतियात है या तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

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Japan Nuclear Bunker: जापान सरकार ने पहली बार पूरे देश में अंडरग्राउंड शेल्टर्स को लेकर सर्वे कराया है. क्या इसके पीछे मकसद सिर्फ नागरिकों की सुरक्षा है या फिर किसी खतरे की तैयारी?

न्यूक्लियर का जख्म झेल चुका जापान बना रहा है बंकर, सिर्फ एहतियात है कुछ और?

विश्व में बढ़ते सुरक्षा खतरे और अप्रत्याशित हमलों के बीच जापान सरकार ने अपनी पहली बार पूरे देश में अंडरग्राउंड शेल्टर्स का व्यापक सर्वे कराया है. इसका मकसद मिसाइल हमलों या आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराना है. सर्वे में पता चला है कि जापान के एमरजेंसी टेम्परेरी एक्ज़िट सेंटर्स का क्षेत्रफल दोगुना किया जा सकता है, जिससे और अधिक लोगों को तत्काल सुरक्षित जगह मिल सके.

जापान क्यों बना रहा है ऐसे शेल्टर?

जापान की यह तैयारी खासतौर पर वर्तमान वैश्विक राजनीतिक तनाव और पूर्वी एशिया में सुरक्षा खतरों के बढ़ने के कारण है. खासकर चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य बल तथा मिसाइल परीक्षणों ने जापान को सतर्क कर दिया है. इसके अलावा ताइवान की स्थिति को लेकर भी संभावित संकट को देखते हुए जापान सरकार अपनी नागरिक सुरक्षा को मज़बूत करने पर रणनीति तैयार कर रहा है. इस तरह के शेल्टर न केवल मिसाइल हमले बल्कि संभावित आतंकवादी और दूसरे हमलों से भी निपटने के लिए यह शेल्टर बनाए जा रहे हैं.

क्या कहता है सर्वे?

जापान के इस सर्वे के अनुसार, अप्रैल 2024 तक भूमिगत आश्रय स्थल लगभग 4.91 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले हुए थे, जबकि लगभग 4 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्रों को आश्रय स्थल के रूप में नामित किया जा सकता है. इनमें बड़ी पार्किंग स्थल और कॉमर्शियल सेंटर भी शामिल हैं. ये तथ्य इस बात का संकेत हैं कि शहरों में उपलब्ध अंडरग्राउंड जगहों को एमरजेंसी शेल्टर के रूप में विकसित करना कितना जरूरी है. जापान सरकार ने 2026 तक आश्रय सुरक्षा और उनके विकास के लिए एक स्पष्ट नीति बनाने का लक्ष्य रखा है. वे बंकरों को मजबूत बनाने के साथ-साथ वहां रहने की अवधि, सुविधाओं और सुरक्षा मानकों को भी बेहतर बनाना चाहते हैं.

भारत को भी लेनी चाहिए प्रेरणा

यह कदम भारत के लिए भी महत्वपूर्ण प्रेरणा है, क्योंकि हमारे देश की सीमाएं भी अनेक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही हैं. भारत में भी हाल के वर्षों में आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा को लेकर कई सुधार किए गए हैं, लेकिन बंकर शेल्टर्स के विकास और उनकी व्यापक उपलब्धता पर काम करने की ज़रूरत है. दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो फिनलैंड ने लगभग अपनी 86% आबादी के लिए सुरक्षित आश्रय बनाए हैं, जहां वे रासायनिक हमलों से भी सुरक्षा के लिए वेंटिलेशन सिस्टम से लैस हैं. वहीं दक्षिण कोरिया में बंकरों की क्षमता अपनी आबादी से तीन गुना अधिक है.

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Prateeti Pandey

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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