2 घंटे पहलेलेखक: शशांक शुक्ला
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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के नाम से कई लोगों को घबराहट होने लगती है। हालांकि, आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो जाने से यह काम पहले जितना मुश्किल नहीं रह गया है। ऐसे में आप घर बैठे ही अपना रिटर्न भर सकते हैं।
ITR भरना सिर्फ सरकार को अपनी कमाई की जानकारी देना नहीं है, बल्कि यह कई जरूरी कामों में आपकी मदद करता है। ITR आपके फाइनेंशियल पोजिशन का प्रूफ होता है। इससे आपको वीजा अप्लाई करने और लोन लेने में मदद मिल सकती है।
ऐसे में आज हम आपका पैसा कॉलम में जानेंगे कि-
- इनकम टैक्स रिटर्न क्या है?
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना क्यों जरूरी है?
- ITR फाइल करने के लिए स्टेप बाई स्टेप गाइड

सवाल – इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या है?
जवाब- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक तरह का हिसाब है, जो आप सरकार को देते हैं। इसमें आप बताते हैं कि पिछले साल आपकी कितनी कमाई हुई, किस कमाई पर टैक्स चुकाना है और कितना टैक्स आपने एडवांस में भर दिया है।
इससे पता चलता है कि टैक्स के रूप में आप सरकार को कुछ और पैसे देंगे या सरकार आपको कुछ पैसे वापस करेगी।
सवाल- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना क्यों जरूरी है?
जवाब- ITR फाइल करने का मतलब सिर्फ टैक्स भरना नहीं होता है, बल्कि यह आपकी फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी का प्रूफ है। ITR फाइल करने से लोन, वीजा या क्रेडिट कार्ड मिलना आसान होता है।
साथ ही सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं। आपकी कमाई ITR के दायरे में आती है और आप ITR फाइल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग जुर्माना भी लगा सकता है।
सवाल– किसे ITR फाइल करना चाहिए?
जवाब- अगर आपकी सालाना कमाई सरकार द्वारा तय की गई बेसिक छूट सीमा से अधिक है, तो ITR फाइल करना चाहिए। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।


ITR फाइल करने की आखिरी तारीख आमतौर पर 31 जुलाई होती है। अगर आप इस तारीख तक ITR फाइल नहीं करते, तो देरी की वजह से 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
सवाल- किसे ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है?
जवाब- कुछ लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी नहीं है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

सवाल- ITR फॉर्म कितनी तरह के होते हैं?
जवाब- ITR के कई फॉर्म होते हैं और आपको अपने सोर्स ऑफ इनकम के हिसाब से फॉर्म चुनना होता है। आइए जानते हैं कि आपके लिए कौन-सा फॉर्म जरूरी है।
- ITR-1 (सहज): नौकरीपेशा लोगों, पेंशनधारी या 50 लाख रुपए तक की कमाई करने वालों के लिए।
- ITR-2: शेयर, म्यूचुअल फंड या विदेशी संपत्ति से कमाई करने वालों के लिए।
- ITR-3: फ्रीलांसिंग, बिजनेस या पार्टनरशिप से कमाई करने वालों के लिए।
- ITR-4 (सुगम): छोटे बिजनेस या प्रिजम्प्टिव टैक्स वालों के लिए।

ITR-4 छोटे व्यापारियों लिए है। जैसे फ्रीलांसर, इलेक्ट्रिशियन आदि। सरकार मानकर चलती है कि ऐसे लोगों की कमाई एक तय प्रतिशत तक है। मान लीजिए किसी की सालाना बिक्री 50 लाख रुपए है तो सरकार मान लेती है कि कमाई 8% यानी 4 लाख रुपए है। ऐसे में सरकार 4 लाख की कमाई पर टैक्स लेगी।
सवाल- ITR फाइल करने के लिए कौन से डाक्यूमेंट्स जरूरी होते हैं?
जवाब- ITR फाइल करते समय कई सारे डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। नीचे ग्राफिक में कुल 14 डाक्यूमेंट्स दिए गए हैं, लेकिन सबके लिए ये सारे डॉक्यूमेंट्स जरूरी नहीं हैं। आपको कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी, यह इस पर निर्भर है कि आप किस कैटेगरी में अपना ITR फाइल कर रहे हैं और आपकी इनकम का सोर्स क्या है।

सवाल- इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और लॉगिन कैसे करें?
जवाब- इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और लॉगिन करने के लिए नीचे दिए स्टेप्स को सावधानीपूर्वक फॉलो करें।
स्टेप 1 इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करें: इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal) पर जाएं। यूजर ID (PAN नंबर) और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें।
स्टेप 2 ‘फाइल इनकम टैक्स रिटर्न’ पर जाएं: लॉग इन करने के बाद, डैशबोर्ड पर दिख रहे ‘फाइल इनकम टैक्स रिटर्न’ विकल्प पर क्लिक करें।
स्टेप 3 असेसमेंट ईयर चुनें: असेसमेंट ईयर को सेलेक्ट करें, जिसके लिए आप ITR फाइल करना चाहते हैं। जैसे- फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए असेसमेंट ईयर 2024-25 चुनें।
स्टेप 4 फाइलिंग स्टेटस सेलेक्ट करें: आप किस कैटेगरी में आते हैं, उसे चुनें। जैसे कि ‘इंडिविजुअल’
स्टेप 5 ITR टाइप चुनें: अपनी इनकम सोर्स के हिसाब से ITR फॉर्म सेलेक्ट करें (जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-4 आदि)
स्टेप 6 रीजन सेलेक्ट करें: ITR फाइल करने का कारण सेलेक्ट करें।
स्टेप 7 वैलिडेट करें: सारी भरी गई जानकारी को चेक करें और वैलिडेट पर क्लिक करें।
स्टेप 8 ई-वेरीफाई करें: फॉर्म सबमिट करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करें।
सवाल- फॉर्म-16 क्या है और यह कहां से मिलता है?
जवाब- फॉर्म-16 आपकी कंपनी देती है, जहां आप नौकरी करते हैं। इसमें आपकी सैलरी, TDS और टैक्स की जानकारी होती है। इसे अपने HR डिपार्टमेंट से मांगें।
सवाल- टैक्स बचत के लिए कौन-सी छूट ले सकते हैं?
जवाब- टैक्स बचाने के लिए कई तरह की छूट हासिल कर सकते हैं-
- 80C: PPF, जीवन बीमा, ELSS, म्यूचुअल फंड में निवेश
- 80D: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
- 80E: एजुकेशन लोन पर ब्याज
- 80G: डोनेशन या दान पर टैक्स में छूट
सवाल- ITR फाइल करने के बाद क्या करें?
जवाब- ITR फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी है। ये ITR को सर्टिफाई करता है। अगर आप ई-वेरिफिकेशन नहीं करते हैं, तो आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा।
ई-वेरिफिकेशन के लिए-
- आधार OTP: आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP आएगा।
- नेट बैंकिंग: अपने बैंक अकाउंट से लॉगिन करें।
- डिजिटल सिग्नेचर: अगर आपके पास है, तो इसका इस्तेमाल करें।पोर्टल पर ‘ई-वेरीफाई रिटर्न’ विकल्प चुनें और निर्देश फॉलो करें।
सवाल- ITR फाइल करते समय गलती हो जाए तो क्या करें?
जवाब- अगर ITR में गलती हो जाए तो कुछ स्टेप्स फॉलो करें-
- रिवाइज्ड ITR फाइल करें।
- लॉगिन करके ‘रिवाइज्ड रिटर्न’ का विकल्प चुनें।
- सही जानकारी भरें और दोबारा सबमिट करें।
सवाल- रिफंड कैसे चेक करें?
जवाब- इसके लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करें और ‘रिफंड स्टेटस’ के ऑप्शन पर क्लिक करें। अब अपना पैन नंबर और असेसमेंट ईयर डालकर चेक करें। …… ये खबर भी पढ़िए आपका पैसा- क्रेडिट कार्ड कहीं कंगाल न कर दे:कभी न करें ये 8 गलतियां, इस्तेमाल के 5 फायदे, जानें फाइनेंशियल एक्सपर्ट से

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में की गई लापरवाही या जानकारी के कमी के चलते लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं। EMI टूटने या लिमिट एक्सीड करने पर क्रेडिट कार्ड कंपनियां या बैंक पेनल्टी के साथ महंगा ब्याज दर भी वसूलती हैं। पूरी खबर पढ़िए…