पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान में उनके जन्मस्थान में भी गहरा शोक व्यक्त किया गया। पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गांव गाह, जो डॉ. सिंह का जन्मस्थान है, के निवासियों ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया। गांव के लोगों का कहना है कि डॉ. सिंह उनके लिए केवल एक नेता नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह थे।
गांव में शोक का माहौल
गाह गांव के निवासियों ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमें ऐसा लग रहा है जैसे हमने अपने परिवार के एक सदस्य को खो दिया हो।” वहां के लोगों ने उनकी सादगी, ईमानदारी और भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के प्रयासों की सराहना की। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि डॉ. सिंह का परिवार विभाजन से पहले यहीं रहता था, और उनकी यादें आज भी गांव में ताजा हैं।
स्थानीय निवासियों ने दी श्रद्धांजलि
गांव के लोगों ने डॉ. सिंह के सम्मान में एक प्रार्थना सभा आयोजित की। उन्होंने कहा कि उनका योगदान केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है। स्थानीय निवासी और स्कूल के बच्चे भी इस सभा में शामिल हुए और उनके लिए मोमबत्तियां जलाईं।
मनमोहन सिंह और गाह का रिश्ता
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह गांव में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत चला गया, लेकिन उनका गांव से भावनात्मक जुड़ाव बना रहा। 2004 में, जब वे भारत के प्रधानमंत्री बने, तब गाह गांव ने इसे गर्व का क्षण बताया था।
डॉ. सिंह ने भी कई मौकों पर अपने जन्मस्थान के प्रति लगाव जताया। उन्होंने अपने गांव और वहां के लोगों को हमेशा याद रखा और शांति के लिए अपने प्रयासों में इसे एक महत्वपूर्ण तत्व बताया।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर उनकी भूमिका
डॉ. सिंह को भारत-पाकिस्तान के बीच शांति और सहयोग को बढ़ावा देने वाले नेता के रूप में याद किया जाता है। उनके कार्यकाल में कई बार दोनों देशों के बीच संवाद की प्रक्रिया को बल मिला। उनकी सोच और प्रयासों को दोनों देशों के नेताओं और जनता ने सराहा।
विरासत जो सीमाओं से परे है
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन यह दर्शाता है कि सच्ची महानता सीमाओं से परे जाकर लोगों के दिलों में जगह बनाती है। उनका जन्मस्थान गाह गांव इसका एक उदाहरण है, जहां के लोग आज भी उन्हें अपने हीरो के रूप में याद करते हैं।
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“पाकिस्तान के गाह गांव, जो डॉ. मनमोहन सिंह का जन्मस्थान है, ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। गांववासियों ने कहा, ‘ऐसा लगता है जैसे हमारे परिवार का कोई सदस्य चला गया।'”