दिल्ली ने इस दिसंबर में पिछले 15 वर्षों का बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। राजधानी में इस महीने अब तक 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत से कहीं अधिक है। इस असामान्य बारिश ने दिल्लीवासियों को ठंड के साथ-साथ जलभराव और यातायात समस्याओं का भी सामना कराया।
सबसे ठंडा दिन
बारिश और बादलों के चलते दिल्ली में तापमान गिरकर इस सीजन का सबसे निचला स्तर पर पहुंच गया। कल का दिन पिछले 5 वर्षों में सबसे ठंडा रहा। न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम, यानी 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंडी हवाओं और बारिश ने लोगों को घरों में रहने पर मजबूर कर दिया।
वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’
दिल्ली की हवा का हाल भी चिंताजनक बना हुआ है। लगातार बारिश के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के छोटे कण बारिश के साथ नीचे आ जाते हैं, लेकिन दिल्ली के प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि बारिश भी उसे पूरी तरह साफ नहीं कर पाई।
क्या हैं कारण?
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और उससे जुड़े चक्रवातीय प्रभाव के कारण दिल्ली में भारी बारिश और ठंड का यह दौर आया है। हालांकि, यह बारिश रबी की फसलों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है, लेकिन शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
जनजीवन पर असर
- यातायात: भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव हुआ, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
- स्कूल: ठंड और बारिश के कारण स्कूलों में उपस्थिति कम रही।
- स्वास्थ्य: ठंड और प्रदूषण के मिलेजुले प्रभाव से लोगों में सर्दी-जुकाम और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
विशेषज्ञों की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दिल्लीवासियों को ठंड और प्रदूषण से बचने की सलाह दी है। घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें और मास्क का उपयोग करें। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक ठंड और बारिश का यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद मौसम साफ होने और तापमान में हल्की वृद्धि की संभावना है।