14 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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क्या आपने कभी देखा है कि कुछ लोग 40 की उम्र में भी 20 साल के दिखते हैं? उनकी त्वचा दमकती है, कोई झुर्रियां नहीं और वे पूरी तरह फिट लगते हैं। दूसरी ओर, कुछ लोग कम उम्र में ही उम्रदराज दिखने लगते हैं। इसका राज है- कोलेजन। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कोलेजन का लेवल घटता है और झुर्रियां बढ़ने लगती हैं। स्किन ढीली पड़ने लगती है। हालांकि, झुर्रियां सिर्फ बुढ़ापे की निशानी नहीं हैं। कोलेजन की कमी से जवान लोग भी बूढ़े दिखने लगते हैं।
यही कारण है कि कोलेजन को युवाओं का प्रोटीन भी कहते हैं। हमारे शरीर के कुल प्रोटीन का लगभग 30% हिस्सा कोलेजन के काम आता है। यह बेहद जरूरी प्रोटीन है, जो हमारी स्किन को अलावा हड्डियों, जोड़ों और ब्लड वेसल्स को भी मजबूत बनाता है और उनकी स्ट्रक्चरिंग के काम भी आता है। इसलिए कोलेजन की कमी से कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
आज ‘फिजिकल हेल्थ’ में कोलेजन की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- किन कारणों से कोलेजन लेवल कम हो सकता है?
- इसकी कमी से क्या परेशानियां हो सकती हैं?
- कोलेजन लेवल मेंटेन रखने के लिए क्या करें?
कोलेजन क्या है?
कोलेजन हमारे शरीर का एक जरूरी प्रोटीन है। यह त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों, जोड़ों और ब्लड वेसल्स को मजबूत बनाता है। इसे आप शरीर का गोंद समझ सकते हैं, जो सब कुछ जोड़कर रखता है। यह त्वचा को लचीलापन देता है, हड्डियों को मजबूती और जोड़ों को सहारा देता है।

कितनी तरह का होता है कोलेजन
अभी तक कोलेजन के 28 प्रकारों की पहचान की जा चुकी है। इसमें पता चला है कि कोलेजन न सिर्फ त्वचा को चमकदार बनाता है, बल्कि शरीर में कहीं कट लगने पर बखून का गाढ़ा करके परत बनाने में मदद करता है, मृत त्वचा कोशिकाओं को बदलता है और अंगों के लिए सुरक्षात्मक परत बनाता है। ग्राफिक में इसके 5 मुख्य प्रकार देखिए:

कोलेजन की कमी क्यों होती है?
कोलेजन का आमतौर पर बायोलॉजिकल एजिंग के कारण कम होता है। इसके अलावा भी कई कारण हो सकते हैं:
उम्र बढ़ना: 25-30 साल की उम्र के बाद कोलेजन का प्रोडक्शन धीमा पड़ने लगता है। हर साल लगभग 1-2% कोलेजन कम होता जाता है। महिलाओं में मीनोपॉज के बाद इसका लेवल तेजी से कम होता है।
धूप का ज्यादा असर: सूरज की हानिकारक यूवी किरणें त्वचा में कोलेजन को तोड़ देती हैं। बिना सनस्क्रीन के धूप में ज्यादा समय बिताना नुकसानदायक हो सकता है।
खराब खानपान: पोषक तत्वों की कमी, खासकर विटामिन सी और प्रोटीन की कमी, कोलेजन बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
धूम्रपान और शराब: सिगरेट और शराब कोलेजन के उत्पादन को रोकते हैं और त्वचा को समय से पहले बूढ़ा बनाते हैं।
तनाव और नींद की कमी: ज्यादा तनाव और कम नींद हार्मोन असंतुलन पैदा करते हैं, जो कोलेजन को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रदूषण: हवा में मौजूद प्रदूषण त्वचा में कोलेजन को तोड़ने वाले फ्री रेडिकल्स को बढ़ाते हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे रुमेटॉइड गठिया और एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम जैसी आनुवांशिक बीमारियां भी कोलेजन को प्रभावित कर सकते हैं।
कोलेजन की कमी से होने वाली परेशानियां
कोलेजन की कमी सिर्फ त्वचा तक सीमित नहीं रहती है। यह पूरे शरीर को प्रभावित करती है। कुछ आम समस्याएं हैं:

ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं-
त्वचा में ढीलापन और झुर्रियां: कोलेजन कम होने से त्वचा अपनी लचीलापन खो देती है। चेहरा ढीला पड़ता है, और झुर्रियां बढ़ने लगती हैं।
जोड़ों में दर्द: कोलेजन जोड़ों को सहारा देता है। इसकी कमी से जोड़ों में दर्द, अकड़न, और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हड्डियों में कमजोरी: कोलेजन हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।
बालों और नाखूनों में कमजोरी: कोलेजन की कमी से बाल पतले और कमजोर हो सकते हैं, और नाखून आसानी से टूटने लगते हैं।
पाचन संबंधी दिक्कतें: कोलेजन आंतों की परत को मजबूत करता है। इसकी कमी से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है।
हार्ट हेल्थ: कोलेजन रक्त वाहिकाओं को मजबूत रखता है। इसकी कमी से धमनियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे हार्ट डिजीज जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
कोलेजन का हेल्दी लेवल कैसे बरकरार रखें?
अच्छी बात यह है कि कुछ आसान उपायों से आप कोलेजन का लेवल बरकरार सकते हैं और समय से पहले बूढ़ा होने से बच सकते हैं। ये उपाय इतने आसान हैं कि कोई भी इन्हें अपनी जिंदगी में शामिल कर सकता है।
1. पौष्टिक भोजन करें
विटामिन C से भरपूर चीजें: संतरा, नींबू, आंवला, शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी जैसे फल और सब्जियां कोलेजन बनाने में मदद करते हैं। विटामिन C कोलेजन उत्पादन के लिए जरूरी है।
प्रोटीन युक्त भोजन: अंडे, मछली, चिकन, दालें, और नट्स में प्रोटीन और अमीनो एसिड जैसे प्रोलाइन और ग्लिसिन होते हैं, जो कोलेजन बनाने में मदद करते हैं।
अन्य पोषक तत्व: कॉपर और जिंक जैसे खनिज भी कोलेजन बनाने में मदद करते हैं। इन्हें शेलफिश, नट्स, बीजों, और पत्तेदार सब्जियों में पा सकते हैं।

2. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
धूप से बचाव करें: सनस्क्रीन (SPF 30+) लगाएं, धूप में ज्यादा देर न रहें, और टैनिंग बेड्स से परहेज करें। चौड़ी टोपी और हल्के लंबे कपड़े पहनें।
धूम्रपान और शराब से परहेज करें: ये दोनों कोलेजन को नुकसान पहुंचाते हैं।
तनाव प्रबंधन करें: योग, ध्यान, या व्यायाम से तनाव कम करें।
पर्याप्त नींद लें: रोज रात में 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
3. रेगुलर एक्सरसाइज करें
नियमित व्यायाम न सिर्फ शरीर को फिट रखता है, बल्कि कोलेजन उत्पादन में भी मदद करता है। वजन उठाने वाले व्यायाम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जो कोलेजन के लिए फायदेमंद है।
क्या कोलेजन सप्लीमेंट्स लेना जरूरी है?
कोलेजन सप्लीमेंट्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और कई लोग इन्हें त्वचा, जोड़ों और हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए ले रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप संतुलित आहार ले रहे हैं तो अलग से सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ती है। शरीर पहले से मौजूद प्रोटीन और पोषक तत्वों से कोलेजन बनाता रहता है। अगर आपको कोलेजन की कमी के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करके सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
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