8 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
भारत में रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 लंबे समय से जमीन के सौदों को पारदर्शी और कानूनी रूप से वैध बनाने का आधार है। यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति की खरीद, बिक्री या ट्रांसफर को आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाए। इससे विवादों की आशंका कम हो और सभी पक्षों के हित सुरक्षित रहें।
लेकिन बदलते समय और डिजिटल युग की मांगों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस 117 साल पुराने कानून को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
मई 2025 में सरकार ने रजिस्ट्रेशन बिल 2025 का ड्राफ्ट पेश किया है। यह बिल संपत्ति की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, पेपरलेस और आसान बनाने का प्रस्ताव देता है। सरकार चाहती है कि ये प्रक्रिया आम लोगों के लिए सरल और सुविधाजनक हो। सरकार ने जनता से 25 जून 2025 तक अपने सुझाव भेजने को कहा है ताकि इस बिल को और बेहतर बनाया जा सके।
तो चलिए, जरूरत की खबर में आज बात करेंगे कि न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- इस बिल के आने से लोगों को क्या फायदा होगा?
- यह बिल कब से लागू होगा?
एक्सपर्ट: रूद्र विक्रम सिंह, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
सवाल- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 क्या है? जवाब- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 एक नया ड्राफ्ट कानून है, जिसे भारत सरकार ने 27 मई 2025 को पेश किया है। इसका मकसद 1908 के पुराने रजिस्ट्रेशन कानून को बदलना है ताकि लोग घर बैठे ही सुरक्षित, तेज और पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन संपत्ति की रजिस्ट्री कर सकें।

सवाल- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम से कितना अलग होगा?
जवाब- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025, पुराने कानून की मौजूदा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। पहले लोगों को संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाना पड़ता था, फिजिकल डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते थे और प्रक्रिया में समय भी ज्यादा लगता था।
नया बिल इन सभी चरणों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश है। अब लोग घर बैठे डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे। ऑनलाइन वेरिफिकेशन और फीस भुगतान कर सकेंगे। साथ ही हर स्टेप को ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी, तेज और सुरक्षित होगी। इससे लोगों का समय बचेगा और रजिस्ट्री ज्यादा सुविधाजनक और भरोसेमंद हो जाएगा।

सवाल- सरकार पुराने रजिस्ट्रेशन कानून की जगह नया रजिस्ट्रेशन बिल लाने की तैयारी क्यों कर रही है?
जवाब- रजिस्ट्रेशन कानून 1908 में बना था, जब सारी प्रक्रिया कागजों पर होती थी। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। बैंकिंग से लेकर पहचान पत्र तक लगभग हर जरूरी सेवा डिजिटल हो चुकी है। ऐसे में संपत्ति रजिस्ट्रेशन जैसी अहम प्रक्रिया को भी आधुनिक और तकनीक-आधारित बनाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है।
पुराने कानून के तहत रजिस्ट्री की प्रक्रिया अक्सर धीमी, जटिल और भरोसे से परे हो जाती थी। लोगों को दस्तावेज़ लेकर तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और मेहनत दोनों ज़ाया होती थी।
अब कई राज्यों ने अपनी तरफ से ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू कर दी है, जिससे लोगों को काफी सुविधा मिली है। इसी अनुभव को देखते हुए केंद्र सरकार अब डिजिटल और नागरिक-केंद्रित सिस्टम पूरे देश में लागू करना चाहती है।

सवाल- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 से किन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा?
जवाब- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 का सबसे बड़ा फायदा घर खरीदने और बेचने वालों को मिलेगा। इससे रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय और खर्च दोनों कम होंगे और बीच के दलालों पर निर्भरता भी घटेगी। इस बिल से खासतौर पर लाभ इन लोगों को होगा-
- कामकाजी लोग, जिन्हें ऑफिस से छुट्टी लेना मुश्किल होता है।
- सीनियर सिटिजन, जिन्हें चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
- NRI (विदेश में रहने वाले भारतीय), जो भारत आकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते हैं।
- सामान्य व्यक्ति और परिवार, जो एक तेज, आसान और भरोसेमंद सिस्टम चाहते हैं।
कुल मिलाकर, यह बिल प्रॉपर्टी से जुड़ी लेन-देन को ज्यादा सुरक्षित, सुविधाजनक और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सवाल- अगर किसी नागरिक को इस बिल पर अपनी राय देनी हो तो कैसे दे सकता है?
जवाब- सरकार ने लोगों के लिए अपनी राय देने का मौका दिया है। भूमि संसाधन विभाग ने रजिस्ट्रेशन बिल 2025 का ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर डाला है। आप https://dolr.gov.in/ पर जाकर ड्राफ्ट पढ़ सकते हैं। वहीं दिए गए ईमेल या ऑनलाइन फॉर्म के जरिए अपना सुझाव भेज सकते हैं। सरकार चाहती है कि कानून बनाने से पहले जनता की राय भी सुनी जाए।
सवाल- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 कानून कब बनेगा?
जवाब- अभी यह बिल सिर्फ एक ड्राफ्ट (मसौदा) है, जिसे सरकार ने 27 मई 2025 को जारी किया है। लोगों के सुझावों के बाद सरकार इसमें बदलाव करेगी और फिर इसे संसद में पेश करेगी। बिल संसद में पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून बनेगा। संभावना है कि यह बिल जुलाई या अगस्त 2025 के मॉनसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।
सवाल- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 के सामने किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं?
जवाब- न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 एक आधुनिक और डिजिटल व्यवस्था की ओर कदम है, लेकिन इसे लागू करने में कुछ अहम चुनौतियां सामने आ सकती हैं। इसे इन पॉइंट्स से समझिए-
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी देश के कई ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में अब भी तेज इंटरनेट, कंप्यूटर या मोबाइल सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध नहीं हैं। इससे लोगों को ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने में दिक्कत हो सकती है।
डिजिटल साक्षरता की कमी बहुत से लोग, खासकर बुजुर्ग और कम शिक्षित नागरिक, ऑनलाइन फॉर्म भरने, डॉक्यूमेंट अपलोड करने या पोर्टल का इस्तेमाल करने में सहज नहीं हैं।
पुराने डॉक्यूमेंट्स का डिजिटलीकरण पहले से मौजूद कागजी रजिस्ट्रियों और रिकॉर्ड्स को डिजिटल फॉर्म में लाना एक बड़ा और समय लेने वाला काम हो सकता है।
साइबर सुरक्षा और फ्रॉड का खतरा पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से डेटा चोरी, जालसाजी या साइबर धोखाधड़ी जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं, जिनसे बचाव के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र जरूरी होगा।
प्रशासनिक बदलाव और प्रशिक्षण सरकारी कर्मचारियों और रजिस्ट्री ऑफिस से जुड़े स्टाफ को नए सिस्टम की ट्रेनिंग देना और बदलाव के लिए तैयार करना भी एक चुनौती होगा।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को मजबूत टेक्नोलॉजी व्यवस्था, लोगों को जागरूक करने के अभियान और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि यह कानून जमीन पर सफलतापूर्वक लागू हो सके।
……………..
ये खबर भी पढ़िए…
ब्लैकमेलिंग से परेशान लड़की ने दी जान:अगर कोई निजी फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करे तो क्या हैं आपके कानूनी अधिकार

किसी की न्यूड फोटो या वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करना गंभीर अपराध है। इसके खिलाफ भारतीय कानून में सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन अक्सर पीड़ित समाज की बदनामी और परिवार की इज्जत के डर से शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं। पूरी खबर पढ़िए…