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- Rath Yatra Will Start In Puri At 10 Am On Friday. All Three Chariots Did Not Move Even 200 Meters, And Will Reach Gundicha Temple By This Evening
पुरी45 मिनट पहले
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भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष सबसे आखिर में खींचा जाता है। पहले दिन यह श्रीमंदिर से एक मीटर ही आगे बढ़ सका।
पुरी में शुक्रवार को शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे। लेकिन भीषण गर्मी और भीड़भाड़ में फंसने के कारण करीब 600 लोग बीमार पड़ गए। कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पुरी CDMO डॉ. किशोर सतपथी ने बताया कुछ लोगों को मामूली चोटें, उल्टी और बेहोशी की शिकायत हुई। कई को प्रारंभिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। कोई हताहत नहीं हुआ है। जिला अस्पताल में करीब 70 का इलाज चल रहा है, जिनमें से 9 की हालत गंभीर है।
बालागंडी इलाके के पास कई लोग घायल होने की खबर भी सामने आई। दरअसल, यहां भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज एक घंटे से ज्यादा समय तक फंसा रहा। इस कारण वहां भीड़ जमा हो गई।
भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करते समय कई लोग घायल हो गए, इन लोगों को वॉलंटियर्स की मदद से तुरंत अस्पतालों में पहुंचाया गया।
प्रतीकात्मक रूप से 1 मीटर खींचा गया भगवान जगन्नाथ का रथ
भगवान बलभद्र का रथ जब बालागांडी चक में रुका, तो देवी सुभद्रा का दर्पदलन पुरी शहर के मरीचकोट में रोक दिया गया। इस बीच, भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को अनुष्ठान के तहत केवल प्रतीकात्मक रूप से केवल 1 मीटर ही खींचा गया। यह रात 8 बजे यात्रा रोके जाने की घोषणा के बाद से मुख्य मंदिर के पास ही खड़ा रहा।
इधर, शनिवार सुबह मंगला आरती और खिचड़ी भोग के बाद करीब 10 बजे रथ यात्रा दोबारा शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा के साथ करीब 3 किमी दूर मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे।
5 जुलाई को भगवान जगन्नाथ भाई-बहन के साथ मुख्य मंदिर लौटेंगे। पिछले साल भी ऐसी स्थिति बनी थी जब रथ यात्रा दो दिन तक चली थी।
पुरी रथ यात्रा के पहले दिन की तस्वीरें…

सूर्यास्त के बाद रथ जहां थे, वहीं रुक गए। तीनों विग्रहों की रात की पूजा और सुबह की पूजा रथों पर ही होगी।

शनिवार सुबह 4 बजे भगवान की मंगला आरती होगी, इसके बाद सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी का भोग-प्रसाद लगाया जाएगा।

भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष, बलभद्र का रथ तालध्वज और देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन कहलाता है।

भीड़ को कंट्रोल करने के लिए RAF की टीमें तैनात की गई हैं। भीड़ में बीमार हुए और घायल लोगों को श्रीमंदिर के पास मेडिकल कैंप में इलाज दिया गया।

2024 में रथ यात्रा में दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि भगदड़ की वजह से करीब 130 लोग घायल हुए थे।
सूर्यास्त के बाद रथ नहीं खींचे जाते इसलिए रोकी रथ यात्रा
27 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा शाम 4 बजे बाद शुरू हुई। पुरी के महाराज गजपति दिव्य सिंह देव ने रथों के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर छेरा पहोरा की रस्म पूरी की। इसके बाद बलभद्र का रथ खींचा गया। ये मेडिकल चौराहा तक ही पहुंच पाया। जो मंदिर से तकरीबन 200 मीटर दूर है। इसके पीछे सुभद्रा का रथ और आखिरी में भगवान जगन्नाथ का रथ था।
सूर्यास्त हो जाने के कारण रथ यात्रा रोक दी। रात में भगवान की सभी पूजा विधियां रथ पर ही हुईं। यहां रथ यात्रा के दौरान एक एंबुलेंस फंस गई थी। जिसे निकालने के लिए ह्यूमन चेन बनाई गई।

अहमदाबाद में हाथी के बेकाबू हाेने से मची भगदड़
कल अहमदाबाद में गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह 4 बजे मंगला आरती की। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथ यात्रा की शुरुआत की। यात्रा में शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी बेकाबू हो गया और 100 मीटर तक भागा। इसके बाद रथ यात्रा में भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखे। बेकाबू हुआ हाथी 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था। मुश्किल से काबू पाया गया। इस हादसे में एक व्यक्ति घायल हो गया है।
