1 घंटे पहले
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जब भी हम अपनी कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो हमारा मुख्य मकसद मुनाफा कमाना होता है या अपनी जरूरतें पूरी करना। हालांकि हमारे इस मुनाफे का कुछ हिस्सा सरकार के पास टैक्स के रूप में चला जाता है, जिसे कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है।
हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स से बचने के कुछ उपाय मौजूद हैं, जिनका सही तरीके से इस्तेमाल करके आप बड़ी रकम टैक्स में जाने से बचा सकते हैं। हाल ही में सरकार ने कैपिटल गेन टैक्स से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव भी किए हैं, जिन्हें समझकर और अपनाकर आप टैक्स बचा सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपका पैसा कॉलम में जानेंगे कि-
- प्रॉपर्टी बेचने पर कितना कैपिटल गेन टैक्स लगता है?
- कैपिटल गेन टैक्स कब लगता है?
- इसे बचाने का तरीका क्या है?
एक्सपर्ट- जितेंद्र सोलंकी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट

सवाल- कैपिटल गेन टैक्स क्या है?
जवाब- किसी भी प्रॉपर्टी को बेचकर हम जो मुनाफा कमाते हैं, सरकार उस मुनाफे पर टैक्स लेती है। इसे ही कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं।
कैपिटल गेन टैक्स दो प्रकार का होता है-
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स।

आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG)
कोई भी कैपिटल जिसे 24 महीने से कम समय तक होल्ड किया गया है, उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल माना जाता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर यह टैक्स आपके इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक लगता है।
उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि आपकी सालाना इनकम 6 लाख रुपए है। आपने शॉर्ट टर्म कैपिटल बेचकर 2 लाख का मुनाफा कमा लिया है। ऐसे में आपकी सालाना इनकम 8 लाख रुपए हुई। अब 8 लाख के टैक्स स्लैब के अनुसार आपको टैक्स देना होगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG)
कोई भी संपत्ति जिसे 24 महीने से ज्यादा समय तक रखा गया है, उसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल एसेट कहते हैं। जमीन, बिल्डिंग और घर जैसी कैपिटल एसेट को लॉन्ग-टर्म कैपिटल एसेट तभी माना जाएगा जब आप 24 महीने यानी दो साल से ज्यादा समय तक अपने पास रखते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगता है और टैक्स का 4% सेस लगता है। यानी कुल 20.80% टैक्स लगता है।
सवाल- इंडेक्सेशन बेनिफिट क्या होता है?
जवाब- जब हम कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो समय के साथ उसकी कीमत में अंतर आता है। इस कीमत में सिर्फ मुनाफा ही नहीं शामिल होता है, बल्कि समय के साथ-साथ महंगाई भी बढ़ती है।
ऐसे में सरकार इंडेक्सेशन की सुविधा देती है, जिसकी मदद से महंगाई के अनुसार खरीदी गई संपत्ति की लागत को एडजस्ट करते हैं। इससे मुनाफा कम दिखता है और टैक्स कम लगता है।
हालांकि बजट 2024 में इंडेक्सेशन को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं। इसमें 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए टैक्सपेयर्स को दो विकल्प मिलते हैं।
बिना इंडेक्सेशन के 12.5% टैक्स: इसमें आपको इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा, लेकिन टैक्स की दर कम होगी।
इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स: यह पारंपरिक तरीका है जिसमें आपको इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा, लेकिन टैक्स की दर 20% होगी।
हालांकि अब सभी प्रॉपर्टीज पर इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलता है। यह लाभ सिर्फ 2001 से पहले खरीदी गई पुरानी प्रॉपर्टी पर ही मिलता है।
ऐसे में आप दोनों में कम टैक्स वाली स्कीम चुन सकते हैं। दोनों में आपको 4% सेस देना होता है।
सवाल- होम लोन पर हम एक बड़ी रकम ब्याज के रूप में चुकाते हैं। क्या इस ब्याज की राशि को भी कैपिटल गेन टैक्स की छूट में शामिल किया जाता है?
जवाब- होम लोन पर दिए गए ब्याज को कैपिटल गेन टैक्स की छूट में शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि होम लोन के ब्याज पर सालाना 2 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स में मिलती है, लेकिन यह छूट सिर्फ पुराने टैक्स सिस्टम में ही लागू होती है।

आइए इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए आपने साल 2001 से पहले 50 लाख रुपए का एक घर खरीदा था, जिसके लिए आप 20 लाख रुपए का लोन लिया था।
इस लोन की राशि पर 10 लाख रुपए का ब्याज भी चुकाया था। ऐसे में घर बेचने के बाद इंडेक्सेशन के फायदे के साथ कितना कैपिटल गेन टैक्स लगेगा?

नोट:
- ब्याज और लोन की रकम को कैपिटल गेन टैक्स में नहीं जोड़ा जाता है।
- यह इंडेक्सेशन लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर आधारित है, जब प्रॉपर्टी 2 साल से अधिक समय के लिए रखी गई हो।
- इंडेक्सेशन के बाद टैक्स की रकम में बहुत कम हो जाती है।
- इंडेक्सेशन का लाभ अब सिर्फ 2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी पर मिलता है।
सवाल- कैपिटल गेन टैक्स बचाने के तरीके क्या हैं?
जवाब- कैपिटल गेन टैक्स बचाने के कई सारे तरीके हैं। आइए इसे ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं।

आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं।
सेक्शन 54 अगर आपने अपना घर बेचा है और उससे मिले पैसे से 2 साल बाद कोई दूसरा घर खरीद लेते हैं या घर बेचने की तारीख से एक साल के भीतर कोई घर खरीदा है तो आप टैक्स से बच सकते हैं।
साथ ही आप घर बेचने की तारीख से 3 साल के अंदर नया घर बनवा लेते हैं, तो मुनाफे पर टैक्स में छूट मिलती है।
सेक्शन 54F अगर आपने कोई भी पुरानी चीज (जैसे जमीन, सोना, दुकान आदि) बेची है और उससे जो मुनाफा हुआ है उसे 2 साल बाद कोई आवासीय घर खरीदने में लगा देते हैं, या अगर आप बेचने की तारीख से 3 साल के अंदर नया घर बनवा लेते हैं, तो आपको टैक्स छूट मिल सकती है।
साथ ही अगर आपने जमीन, सोना, दुकान जैसी प्रॉपर्टी बेचने से पहले एक साल पहले घर खरीदा था तो भी आपको टैक्स में छूट मिल सकती है।
सेक्शन 54EC अगर आप प्रॉपर्टी बेचने के 6 महीने के अंदर NHAI, REC, IRFC या PFC जैसे सरकारी बॉन्ड में अपना मुनाफा लगाते हैं, तो आपको पूरे टैक्स से छूट मिलती है।
सेक्शन 54GB अगर आप अपनी रिहायशी प्रॉपर्टी बेचकर मिले प्रॉफिट को तय समय के अंदर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नए स्टार्टअप में लगाते हैं, तो आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (CGAS) अगर आप तुरंत नई प्रॉपर्टी में पैसा नहीं लगा सकते हैं, तो उस मुनाफे को CGAS(कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम) में जमा कर दें। यह पैसा 3 साल के अंदर घर खरीदने में इस्तेमाल करना जरूरी होता है, वरना यह छूट नहीं मिलती है और मुनाफे पर टैक्स देना पड़ता है।
सवाल- क्या कृषि भूमि बेचने पर भी कैपिटल गेन टैक्स लगता है?
जवाब- ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की जमीन बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है। इसमें इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत छूट मिलती है। वहीं शहरी क्षेत्र में स्थित खेती की जमीन को कैपिटल एसेट माना जाता है और उस पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
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