कभी जिस ब्रिटिश सेना की तूती पूरी दुनिया में बोलती थी, आज वह किस हाल से गुजर रहा है. उसे हाल ही दो घटनाओं से समझा जा सकता है. एक ओर ब्रिटेन के सबसे बड़े एयरबेस RAF ब्राइज़ नॉर्टन में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी घुसकर दो सैन्य विमानों पर रंग पोत देते हैं, वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश वायुसेना का सबसे आधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट यहां केरल में खुले में धूप-बारिश झेल रहा है. भारत ने दरियादिली दिखाकर इसे अपनी सरजमीं पर लैंड करने की इजाजत दी और दोबारा उड़ान के लिए जरूरी ईंधन दिया और सुरक्षित रखने के लिए एयरपोर्ट पर हैंगर तक की पेशकश की, लेकिन ब्रिटेन है कि उसकी फरमाइशें ही खत्म नहीं हो रहीं.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टारमर ने इस हरकत को ‘शर्मनाक’ बताते हुए कार्रवाई की बात कही, लेकिन विपक्ष ने सवाल उठाया कि जब देश की सबसे सुरक्षित सैन्य स्थली ही असुरक्षित है, तो क्या F-35 जैसे संवेदनशील विमान को लेकर ब्रिटेन भरोसे के काबिल है?
F-35B सात दिन से भारत में अटका
हालांकि यह लैंडिंग पूर्व निर्धारित समझौते (Operation Highmast) के तहत वैध थी, लेकिन उसके बाद जो हुआ उसने ब्रिटिश पक्ष की ‘बुजदिली’ को उजागर कर दिया. भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन ने ब्रिटिश टीम को F-35B को सुरक्षित हैंगर में रखने और यहां तक कि अस्थायी शेड बनाने की पेशकश की — लेकिन इसे ‘गोपनीय सैन्य तकनीक’ का हवाला देकर ठुकरा दिया गया.
मरम्मत विफल, अब बड़ी टीम की उम्मीद
ब्रिटेन की एक तकनीकी टीम पहले ही विमान को दुरुस्त करने आ चुकी है, लेकिन हाइड्रोलिक सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी के चलते वह प्रयास विफल रहा. अब 30 सदस्यों की एक बड़ी टीम अगले 48–72 घंटों में भारत पहुंचने वाली है. अगर फाइटर जेट उनसे भी ठीक नहीं हो सका, तो इसे विशेष ट्रांसपोर्ट विमान से ब्रिटेन वापस ले जाया जाएगा.
भारत ने न सिर्फ वायुसेना के IACCS सिस्टम के जरिये समय पर आपात लैंडिंग की मंजूरी दी, बल्कि ब्रिटिश पायलटों और तकनीकी टीम के लिए होटल, खाना, लॉजिस्टिक्स से लेकर ग्राउंड हैंडलिंग तक का इंतज़ाम भी किया. लेकिन इस ‘मेहमाननवाज़ी’ के बावजूद ब्रिटेन का रवैया अजीब है — सहयोग लेने में हिचक नहीं, पर भरोसा जताने में कंजूसी.