दमिश्क/रोम: हाल ही में लीक हुई खुफिया रिपोर्ट्स ने इटली की एजेंसियों और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के बीच हुए संवाद को उजागर कर दिया है। यह संवाद कथित तौर पर दमिश्क के संभावित पतन से पहले का है, जिसमें सीरिया की सुरक्षा स्थिति और राजनीतिक परिदृश्य को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएं शामिल थीं।
लीक हुई रिपोर्ट का मुख्य संदर्भ:
- संवाद का समय:
यह संवाद सीरियाई गृहयुद्ध के एक नाजुक मोड़ पर हुआ था, जब दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे का खतरा मंडरा रहा था। - इटली-असद सरकार के बीच बातचीत:
रिपोर्ट के अनुसार, इटली की खुफिया एजेंसियों ने सीरियाई सरकार को संभावित सुरक्षा खतरों और विद्रोही गतिविधियों की जानकारी दी थी। - संभव समझौते:
यह भी दावा किया जा रहा है कि इटली ने असद सरकार के साथ एक गुप्त समझौता किया था ताकि यूरोपीय सुरक्षा और सीरिया में राजनीतिक स्थिरता को कायम रखा जा सके।
लीक संवाद के प्रमुख बिंदु:
- दमिश्क पर विद्रोही खतरा:
संवाद में सीरिया की राजधानी दमिश्क के पतन को लेकर गहरी चिंता जताई गई थी। इसमें विद्रोहियों की तेजी से बढ़ती पकड़ और असद सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव का उल्लेख किया गया। - यूरोप की चिंता:
इटली की खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि यदि असद सरकार गिरती है, तो इससे आतंकी संगठनों को बढ़ावा मिलेगा और यूरोप में शरणार्थी संकट और सुरक्षा खतरों का स्तर बढ़ जाएगा। - गुप्त समर्थन:
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इटली ने असद सरकार को जानकारी और रणनीतिक सलाह दी थी ताकि दमिश्क पर विद्रोहियों के संभावित हमले को रोका जा सके।
असद सरकार की प्रतिक्रिया:
सीरियाई सरकार ने लीक संवाद पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि असद सरकार ने इन खुफिया सूचनाओं का उपयोग अपनी सुरक्षा रणनीति को मजबूत करने के लिए किया होगा।
सीरियाई अधिकारियों ने हमेशा दावा किया है कि उनकी सरकार विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में स्वतंत्र रही है और बाहरी शक्तियों की मदद पर निर्भर नहीं रही।
इटली का पक्ष:
इटली सरकार ने इस लीक रिपोर्ट पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, यूरोप में यह बहस शुरू हो गई है कि क्या इटली की खुफिया एजेंसियों ने इस संवाद के जरिए सीरियाई संघर्ष में अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप किया था।
- यूरोपीय संघ (EU): इस लीक के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में असद सरकार के साथ किसी भी प्रकार के गुप्त संबंधों पर नैतिक और कूटनीतिक सवाल उठाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय:
- सामरिक उद्देश्यों:
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इटली का यह कदम यूरोपीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया हो सकता है। - भूराजनीतिक रणनीति:
इटली का उद्देश्य संभवतः असद सरकार के जरिए सीरिया में स्थिरता बनाए रखना और आतंकवादी समूहों की पैठ को रोकना रहा होगा। - विवादास्पद स्थिति:
यह लीक रिपोर्ट इटली और अन्य यूरोपीय देशों के लिए नैतिक संकट खड़ा कर सकती है, खासकर जब वे खुद को असद विरोधी बताते रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक इस लीक रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह मामला अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक चर्चा का हिस्सा बन सकता है। - मध्य पूर्व की स्थिति:
इस खुलासे से सीरिया में असद सरकार और विद्रोही गुटों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
भविष्य की संभावनाएं:
- राजनीतिक दबाव:
यूरोपीय देशों पर इस बात का दबाव बढ़ेगा कि वे सीरियाई संकट में अपनी भूमिका स्पष्ट करें। - सुरक्षा उपाय:
इस रिपोर्ट के बाद इटली समेत अन्य देशों की खुफिया एजेंसियां अब अपनी सुरक्षा सूचनाओं को और गोपनीय रखेंगी। - असद सरकार की स्थिति:
यह रिपोर्ट असद सरकार को एक अंतरराष्ट्रीय समर्थन के दावे के रूप में दिखा सकती है।
निष्कर्ष:
लीक हुए इन खुफिया संवादों ने इटली और सीरियाई असद सरकार के बीच की गुप्त कूटनीति को उजागर कर दिया है। यह खुलासा रूस-यूक्रेन संघर्ष और सीरियाई गृहयुद्ध की भूराजनीतिक जटिलता को और बढ़ा रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस लीक से यूरोपीय देशों की रणनीति और सीरिया के राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ता है।