एक हालिया आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) में आर्थिक वृद्धि दर (GDP growth) 6.6% तक पहुंचने की उम्मीद है। यह अनुमान देश की मजबूत घरेलू मांग, बढ़ते निवेश, और सरकारी सुधार नीतियों के कारण लगाया गया है।
विकास के प्रमुख कारक
- मजबूत घरेलू मांग:
- शहरीकरण, बढ़ती खपत और मध्यम वर्ग के विस्तार के चलते घरेलू उपभोक्ता मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है।
- FMCG, ऑटोमोबाइल और रिटेल सेक्टर को इसका विशेष लाभ मिलेगा।
- बुनियादी ढांचे में निवेश:
- सरकार की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) और PM Gati Shakti योजना जैसी योजनाओं के तहत बुनियादी ढांचे पर बड़ा निवेश हो रहा है।
- सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई अड्डों के निर्माण से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
- मैन्युफैक्चरिंग और PLI स्कीम:
- उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि हुई है।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से अर्थव्यवस्था को बड़ा समर्थन मिलेगा।
- निर्यात में मजबूती:
- वैश्विक बाजारों में भारत के उत्पादों और सेवाओं की मांग बढ़ रही है।
- इंजीनियरिंग, फार्मास्यूटिकल्स और IT सेवाओं का निर्यात महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- वित्तीय समावेशन और डिजिटल अर्थव्यवस्था:
- भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI) और डिजिटल सेवाओं के विस्तार ने आर्थिक वृद्धि में नई ऊर्जा दी है।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल वित्तीय सेवाओं के उपयोग से समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता
- महंगाई नियंत्रण: आरबीआई (RBI) की नीतियों के कारण महंगाई दर नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।
- ब्याज दरों में स्थिरता: व्यापारिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरें अपेक्षाकृत स्थिर रहने की संभावना है।
विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख क्षेत्र
- सर्विस सेक्टर: IT, BFSI, और हेल्थकेयर सेवाओं की मजबूत वृद्धि।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: PLI स्कीम के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और फार्मास्यूटिकल उत्पादन में तेजी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर: सड़क, ऊर्जा और रेलवे परियोजनाओं के कारण विकास को गति।
- ग्रीन एनर्जी: सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश से स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार।
रिपोर्ट में संभावित चुनौतियां
- वैश्विक अनिश्चितताएं:
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का असर भारतीय निर्यात पर पड़ सकता है।
- महंगाई का दबाव:
- खाद्य पदार्थ और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से महंगाई बढ़ने की संभावना है।
- असमान विकास:
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच आर्थिक असमानता को दूर करने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत FY26 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक बना रहेगा।
- एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा:“सरकारी निवेश, मैन्युफैक्चरिंग विस्तार और मजबूत खपत भारत की GDP वृद्धि को 6.6% तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
निष्कर्ष
भारत की अर्थव्यवस्था FY26 में 6.6% की मजबूत वृद्धि दर्ज करने की ओर अग्रसर है। सरकार की सुधार नीतियां, डिजिटल क्रांति, और निवेश परियोजनाओं के साथ भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी स्थिति को और सशक्त करेगा।