Monday, December 23, 2024
HomeबिजनेसForeign Portfolio Investors Sustain Positive Outlook on Equities in December; Reasons Explored

Foreign Portfolio Investors Sustain Positive Outlook on Equities in December; Reasons Explored

दिसंबर 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार पर अपनी सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है। यह स्थिति वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद बनी हुई है। विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता और लंबी अवधि की वृद्धि के कारण भारत के इक्विटी बाजार में निवेश जारी रखा है। इस लेख में, हम उन प्रमुख कारणों पर चर्चा करेंगे जिनकी वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दिसंबर में भारतीय इक्विटी बाजार पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है।

1. भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति

भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को आकर्षित किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक मंदी और कोरोना महामारी के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है। हाल के वर्षों में सरकार ने कई सुधारात्मक नीतियाँ लागू की हैं, जिनमें “मेक इन इंडिया,” “आत्मनिर्भर भारत,” और “भारत विकास दर” जैसे पहल शामिल हैं। इन पहलों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक लचीला और प्रतिस्पर्धात्मक बना दिया है।

विकास की मजबूत दर, बढ़ते उपभोक्ता खर्च, और बढ़ती डिजिटल उपस्थिति भारतीय इक्विटी बाजार में निवेश को आकर्षित कर रहे हैं। इन कारणों से विदेशी निवेशकों का भारत में निवेश करना जारी है, क्योंकि वे भारतीय बाजार में लंबी अवधि के विकास के अवसरों को देख रहे हैं।

2. निवेशकों का विश्वास और बाजार में स्थिरता

भारत में बाजार की स्थिरता ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। भारतीय शेयर बाजार में हाल के वर्षों में अधिक स्थिरता देखी गई है, और इसने निवेशकों को एक सुरक्षित निवेश वातावरण प्रदान किया है। वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारतीय इक्विटी बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे विदेशी निवेशकों को यहां निवेश करने की प्रेरणा मिली है।

भारत सरकार के प्रयासों ने भी बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद की है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति ने घरेलू निवेशकों के लिए भी बाजार को अधिक आकर्षक बना दिया है, क्योंकि ब्याज दरों में स्थिरता और महंगाई नियंत्रण से निवेशकों का विश्वास बना हुआ है।

3. समीक्षाधीन क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन

विशेष रूप से टेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इन क्षेत्रों की विकास क्षमता और निरंतर सुधार ने विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारतीय टेक कंपनियाँ, जैसे इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), और विप्रो ने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत की है, जिससे इन कंपनियों के शेयरों में विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ी है।

इसके अलावा, फार्मास्युटिकल्स और हेल्थकेयर क्षेत्र ने कोविड-19 महामारी के दौरान अच्छे परिणाम दिए, जिससे विदेशी निवेशकों का ध्यान इन क्षेत्रों पर केंद्रित हुआ।

4. केंद्रीय बैंक की नीति और मुद्रास्फीति नियंत्रण

भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे बाजार में स्थिरता आई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक इस बात से संतुष्ट हैं कि सरकार और RBI मिलकर अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए आवश्यक उपायों को लागू कर रहे हैं।

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और ब्याज दरों में उचित बदलाव ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के सामूहिक प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था में और अधिक सुधार होगा।

5. वैश्विक निवेश प्रवृत्तियाँ और भारत का आकर्षण

वैश्विक स्तर पर कई देशों के निवेशक भारत को एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में देख रहे हैं। चीन के मुकाबले भारत को एक अधिक आकर्षक निवेश विकल्प माना जा रहा है, खासकर तब जब चीन के साथ व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं। भारत ने चीन के साथ व्यापारिक मामलों को लेकर अपनी नीति में भी बदलाव किया है, जिससे कुछ विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने का अवसर मिल रहा है।

इसके अलावा, भारत की युवा और बढ़ती हुई उपभोक्ता जनसंख्या, डिजिटल परिवर्तन, और उत्पादन आधारित नीति ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है।

निष्कर्ष

दिसंबर 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भारतीय इक्विटी बाजार पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति, बाजार की स्थिरता, और विकास क्षमता के कारण है। निवेशक भारत के तेज़ी से बढ़ते बाज़ारों और दीर्घकालिक विकास अवसरों के बारे में आश्वस्त हैं। भविष्य में, यदि भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार की स्थितियाँ स्थिर रहती हैं, तो विदेशी निवेशकों के निवेश प्रवाह में वृद्धि जारी रह सकती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments