कांग्रेस की रणनीति को नया मोड़
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस ने अपनी छवि सुधारने और जमीन पर पकड़ मजबूत करने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। पार्टी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को अपने प्रमुख प्रचारकों के रूप में उतारा है। दोनों नेता अगले हफ्ते से दिल्ली में जोरदार प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। यह कांग्रेस का बड़ा दांव है, जिससे पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली में उनकी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल किया जा सकेगा।
प्रचार अभियान की प्रमुख योजनाएं
1. जमीनी स्तर पर संवाद का प्रयास
- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न जनसभाएं और रोड शो करेंगे।
- स्थानीय मुद्दों पर जनता से सीधे संवाद किया जाएगा।
- हर क्षेत्र में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को साथ लेकर प्रचार को प्रभावी बनाने का प्रयास होगा।
2. मुख्य फोकस मुद्दे
- कांग्रेस अपने अभियान में महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाएगी।
- प्रियंका गांधी महिलाओं और युवाओं पर केंद्रित कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती हैं।
- राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अनुभव को दिल्ली में लोगों से जोड़ने की कोशिश करेंगे।
3. युवाओं को जोड़ने का प्रयास
- कांग्रेस का मकसद है कि वह पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करे।
- डिजिटल कैंपेन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा।
4. राहुल और प्रियंका की रैली योजना
- राहुल गांधी उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली में जनसभाएं करेंगे।
- प्रियंका गांधी मध्य और पूर्वी दिल्ली में रोड शो और महिला केंद्रित सभाओं का नेतृत्व करेंगी।
- झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों और अनौपचारिक श्रमिक समुदायों को विशेष रूप से शामिल करने की योजना है।
बीजेपी और आप पर हमले
- कांग्रेस बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली की समस्याओं को हल करने में असफल बताते हुए घेरने की योजना बना रही है।
- कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग किया और आप सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के मोर्चे पर असफल रही है।
- प्रियंका गांधी इस बात पर जोर देंगी कि महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार पर “आप” सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
कांग्रेस के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
1. पिछले चुनावों में खराब प्रदर्शन
- 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।
- पिछली बार पार्टी ने 0 सीट हासिल की थी, जबकि आप और बीजेपी ने क्रमशः 62 और 8 सीटें जीती थीं।
2. गठबंधन और रणनीतिक गठजोड़
- कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों और छोटे राजनीतिक संगठनों के साथ गठजोड़ की संभावना तलाशी है।
- अल्पसंख्यक समुदायों और ट्रेड यूनियनों के बीच पार्टी का जनाधार मजबूत करने का प्रयास हो रहा है।
3. नेतृत्व का परीक्षण
- दिल्ली चुनाव कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करिश्मे और संगठन क्षमता की परीक्षा होगी।
कांग्रेस का मुख्य एजेंडा
1. रोजगार सृजन पर जोर
- कांग्रेस दिल्ली में रोजगार गारंटी योजना और युवाओं को उद्योगों से जोड़ने की योजना का वादा कर सकती है।
- राहुल गांधी ‘मेक इन इंडिया’ पर पार्टी का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
2. महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं
- प्रियंका गांधी ने पहले “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” जैसे अभियानों के जरिए महिलाओं को कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश की थी।
- वे दिल्ली में महिलाओं के लिए रोजगार, सुरक्षा, और शिक्षा को प्राथमिकता देने का वादा कर सकती हैं।
3. स्वास्थ्य और शिक्षा का मुद्दा
- कांग्रेस दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य और शिक्षा नीतियों पर सवाल उठाकर अपनी योजनाओं को बेहतर बताने की कोशिश करेगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
1. कांग्रेस का दांव कितना प्रभावी होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल और प्रियंका का दिल्ली में सक्रिय प्रचार कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, पार्टी के लिए मुख्य चुनौती आप और बीजेपी के मजबूत वोट बैंक को तोड़ना है।
2. क्या कांग्रेस पुराने दिनों की वापसी कर पाएगी?
कांग्रेस का दिल्ली में गहरा इतिहास है। लेकिन पिछले एक दशक में उसका जनाधार लगातार घटा है। राहुल और प्रियंका का अभियान कांग्रेस के भविष्य के लिए निर्णायक हो सकता है।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए एक बड़ा अवसर है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सक्रिय भागीदारी पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा और रणनीति का प्रतीक है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस बीजेपी और आप के मजबूत आधार को चुनौती देने में कितनी सफल हो पाती है।