Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या के दिन लोग गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इसके अलावा आषाढ़ अमावस्या पर कुछ खास पौधे लगाने पर ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है साथ ही पितरों की आत्मा संतुष्ट रहती है और उनके आशीर्वाद से 7 पीढ़ियां सदा खुशहाल रहती है.
आषाढ़ अमावस्या पर लगाएं ये पौधे
पापी ग्रह नहीं करेगा परेशान – ज्योतिषशास्त्र व वास्तुशास्त्र दोनों में ही नीम के पेड़ का महत्व बताया है. ज्योतिष के अनुसार, नीम के पेड़ के होने से घर में मौजूद होने से राहु के साथ शनि की दशा में मिलने वाले कष्टों से रहात मिलती है. पापी ग्रह राहु के अशुभ प्रभाव के कारण नौकरी, धन प्राप्ति में आ रही अड़चने खत्म होती है.
आषाढ़ अमावस्या के दिन घर में नीम का पेड़ दक्षिण या उत्तर-पश्चिम कोने में लगाएं. साथ ही इस दिन नीम के पत्तों का जल निकालकर पानी में डालकर स्नान करने से कुंडली में केतु ग्रह शांत होता है.
पितृ दोष होगा दूर – पितृ दोष के कारण घर के लोगों के मान-सम्मान में गिरावट आती है, धन हानि होती है, और संतान सुख में भी बाधाएं आती हैं. अगर आपके कुंडली में पितृदोष है और आप इससे राहत पाना चाहते हैं तो आषाढ़ अमावस्या पर मंदिर में पीपल का पौधा लगाना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है साथ ही नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सकारात्मकता का वास होता है.
पौधा लगाने के बाद जरुर करें ये काम
आषाढ़ अमावस्या पर सिर्फ पौधा लगाना ही काफी नहीं इन पेड़ों की पूजा का संकल्प लें. आप नीम और पीपल के पेड़ की पूजा ब्रह्म मुहूर्त और संध्या के समय कर सकते हैं.
- इसके लिए सबसे पहले पेड़ को गंगाजल से शुद्ध करें.
- इसके बाद पेड़ को जल से स्नान कराएं.
- अब तने पर कुमकुम का तिलक लगाएं.
- शाम को फिर नीम में चमेली के तेल और पीपल में सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.