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Weight Loss Surgery: अगर किसी व्यक्ति का वजन 200-300 किलोग्राम हो जाए, तो वह नॉर्मल तरीकों से वजन कम नहीं कर सकता है. ऐसी कंडीशन में वेट लॉस सर्जरी की जरूरत पड़ती है. हालांकि इतने वजन पर सर्जरी बेहद रिस्की होती…और पढ़ें

एम्स के डॉक्टर्स ने 254 किलो के शख्स की सफल वेट लॉस सर्जरी की है.
हाइलाइट्स
- AIIMS के डॉक्टर्स ने 254 किलो के शख्स की सफल वेट लॉस सर्जरी की.
- वेट लॉस सर्जरी के बाद मरीज को 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
- इस अनोखी सर्जरी में पेट का आकार छोटा कर छोटी आंत से जोड़ा गया.
AIIMS Weight Loss Surgery: कई बार लोगों का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. यूपी के एक सरकारी कर्मचारी को वजन बढ़ने की समस्या थी. धीरे-धीरे उसका वजन बढ़ता गया है और 254 किलोग्राम हो गया. इस कंडीशन में वह वजन कम भी नहीं कर पा रहा था और उसके लिए जीना भी मुश्किल हो गया था. ऐसे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स ने 254 किलो के शख्स का वजन वेट लॉस सर्जरी से कर दिखाया. यह काम बेहद मुश्किल था, क्योंकि वजन हद से ज्यादा होने की वजह से सर्जरी के दौरान रिस्क बहुत ज्यादा था. हालांकि डॉक्टर्स की टीम ने मिलकर सफलतापूर्व सर्जरी कर शख्स की जिंदगी बदल दी है. अब उस शख्स को अस्पताल से भी छुट्टी मिल चुकी है.
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एम्स में एक 31 साल के सुपर ओबीज शख्स का मामला सामने आया. वह सरकारी कर्मचारी था और इतनी कम उम्र में वजन 254 किलोग्राम था. हैरानी की बात यह है कि व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 75.5 के आसपास था. डॉक्टर्स की मानें तो BMI अगर 60 से ऊपर होता है तो उसे सुपर-सुपर ओबेसिटी की श्रेणी में रखा जाता है. इस स्थिति में मरीज को ऑपरेशन के दौरान भी गंभीर खतरे होते हैं और इसके लिए कई एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग की जरूरत होती है. ऐसे मरीजों की देखभाल में सर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, डाइटिशियन और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट लगाए जाते हैं, ताकि किसी भी तरीके के खतरे से निपटा जा सके.
AIIMS के डॉक्टर्स ने बताया कि मरीज को बचपन से ही वजन बढ़ने की समस्या थी. बीते 3 साल में कड़ी डाइट और व्यायाम के बावजूद उसका वजन घट नहीं पाया. करीब 10 साल पहले वह एक बार 90 किलो वजन कम कर चुका था, लेकिन हाल के वर्षों में दोबारा तेजी से वजन बढ़ा, जिससे उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बुरी तरह प्रभावित हो गई. इसे देखते हुए डॉक्टर्स ने सर्जरी का फैसला किया और सफलतापूर्वक वेट लॉस सर्जरी के बाद बीती 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. AIIMS के सर्जन डॉ. मंजुनाथ मारुति पोल के नेतृत्व में सर्जरी की गई.
एक्सपर्ट्स ने बताया कि सुपर ओबीज मरीज का “वन-एनेस्टोमोसिस गैस्ट्रिक बायपास” ऑपरेशन किया गया. इस प्रक्रिया में पेट का आकार 60-80 मिलीलीटर तक छोटा किया जाता है और उसे छोटी आंत से जोड़ दिया जाता है, जिससे भोजन सीधे आंत में पहुंचता है. यह प्रक्रिया हार्मोनल परिवर्तन को जन्म देती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में आता है और हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों में सुधार होता है. इतने ज्यादा मोटापे की स्थिति में ऑपरेशन करना बेहद जोखिम भरा था और इसके लिए पहले मरीज को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के इलाज के लिए सी-पैप मशीन पर रखा गया. साथ ही ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर नियंत्रण किया गया. इसके बाद शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए फिजियोथेरेपी और सुपरवाइज़्ड वज़न घटाने की प्रक्रिया अपनाई गई.
ऑपरेशन के बाद मरीज को ICU में विशेष देखभाल में रखा गया, जहां रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए दवाओं और मशीनों की मदद ली गई. डॉक्टर्स के अनुसार इस प्रकार के ऑपरेशन में आंत से रिसाव, सांस की दिक्कतें और पोषण की कमी जैसे जोखिम अधिक होते हैं. इसलिए ऐसे मामलों में विशेष बैरिएट्रिक टीम की निगरानी आवश्यक होती है. सामान्य वजन घटाने के उपाय जैसे डाइट और व्यायाम, सुपर-सुपर मोटापे वाले मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं. ऐसे मामलों में बैरिएट्रिक सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, लेकिन इसके लिए एक्सपर्ट्स की टीम बेहद जरूरी है.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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