2024 के लोकसभा चुनाव के पहले, ABP-CVoter द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह दिखाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) गुजरात में एक और जीत की ओर अग्रसर है। गुजरात, जो भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक राज्य रहा है, इस बार भी पार्टी के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना जताई जा रही है। सर्वेक्षण ने चुनावी परिदृश्य, पार्टी के वोट शेयर और सीटों के वितरण पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा अपने राज्य में मजबूत स्थिति बनाए रख सकती है।
1. सर्वेक्षण के प्रमुख आंकड़े
ABP-CVoter सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा को इस बार 45.4% वोट शेयर मिलने की संभावना है, जो पिछले चुनावों के मुकाबले थोड़ी कमी का संकेत देता है। हालांकि, इसके बावजूद, भाजपा का वोट शेयर अब भी एक मजबूत स्थिति को दर्शाता है। कांग्रेस को 29.1% वोट शेयर मिलने की संभावना जताई गई है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 20.2% वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
यह सर्वेक्षण 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के लिए 135 से 143 सीटें मिलने की संभावना जताता है। इन परिणामों के आधार पर, भाजपा के लिए गुजरात में बहुमत से कहीं अधिक सीटें हासिल करना संभव हो सकता है, और वह राज्य में अपना दबदबा बनाए रख सकती है।
2. भा.ज.पा. का वोट शेयर और सीटों का वितरण
सर्वेक्षण में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाजपा का वोट शेयर कुल 45.4% रहने का अनुमान है, जो 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 3.7% कम है। इसके बावजूद, भाजपा को बड़े पैमाने पर चुनावी समर्थन मिलने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी के मजबूत जनाधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनी स्थिति मजबूत की है।
भा.ज.पा. को राज्य की 135 से 143 सीटों तक जीतने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 29.1% वोट मिलने के बावजूद 20 से 25 सीटों तक सीमित रहने का अनुमान है। आम आदमी पार्टी (AAP), जो राज्य में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही है, को 5 से 8 सीटों तक का अनुमान है। यह दर्शाता है कि भाजपा ने राज्य में चुनावी माहौल पर पकड़ बनाई हुई है और विपक्षी दलों के लिए चुनौती बनाए रखी है।
3. कांग्रेस और AAP की स्थिति
भा.ज.पा. के मजबूत वोट शेयर के बावजूद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। कांग्रेस, जो कि राज्य में लंबे समय से भाजपा का मुख्य विपक्षी दल रही है, अब भी भाजपा के सामने अपनी सियासी ताकत को मजबूत करने में मुश्किलें महसूस कर रही है। हालांकि, कांग्रेस ने गुजरात में कुछ क्षेत्रों में सुधार की कोशिश की है, लेकिन उसे पिछले चुनावों के मुकाबले वोट शेयर में कमी देखने को मिल सकती है।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी गुजरात विधानसभा चुनाव में अपना पूरा जोर लगाया है और राज्य में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास किए हैं। AAP के चुनावी अभियानों ने युवा मतदाताओं और शहरी वर्ग में कुछ उत्साह पैदा किया है, लेकिन पार्टी के लिए राज्य के ग्रामीण और विकासशील क्षेत्रों में पैठ बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
4. प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात के साथ एक गहरा जुड़ाव है। मोदी के नेतृत्व में भाजपा को राज्य में लगातार सफलता मिलती रही है, और उनकी लोकप्रियता ने पार्टी को हमेशा मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत आकर्षण और उनकी छवि का चुनावी परिणामों पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा गुजरात के विकास की दिशा में काम किया है। उनका गुजरात में चुनावी प्रचार इस बार भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने लगातार विकास की राह पर अग्रसरता दिखाई है।
5. निष्कर्ष: भाजपा का बहुमत की ओर अग्रसर होना
ABP-CVoter सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, भाजपा आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने की संभावना के साथ बहुमत प्राप्त कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस और AAP के द्वारा दिखाए गए चुनावी प्रयासों ने राज्य के चुनावी परिदृश्य में नई चुनौती प्रस्तुत की है, लेकिन भाजपा के मजबूत संगठन और जनसमर्थन को देखते हुए पार्टी के लिए जीत की संभावना अधिक दिखाई देती है।
गुजरात में भाजपा का विजयी अभियान और नरेंद्र मोदी का नेतृत्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके बावजूद, विपक्षी दलों के लिए यह चुनावी मुकाबला अब भी चुनौतीपूर्ण होगा। पार्टी को अपनी चुनावी रणनीतियों और लोकल मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी, ताकि वह विपक्ष को कड़ी टक्कर दे सके।