3 घंटे पहलेलेखक: रेणु रखेजा
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40 की उम्र पार करते ही बहुत से लोग अपनी थाली से नमक कम कर देते हैं। पापड़, अचार, चिप्स जैसी चीजों से दूरी बना लेते हैं। फिर भी ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होता। क्यों? क्योंकि हमारी थाली में सिर्फ नमक ज्यादा नहीं है, पोटैशियम बेहद कम है। इसी वजह से बीपी को कंट्रोल करने की आधी कहानी अधूरी रह जाती है। अच्छी बात ये है कि इसे करना मुश्किल नहीं है। कुछ रोजमर्रा की चीजों को बदलने से ही असर दिखने लगता है।
कैसे काम करता है पोटैशियम, जानें सही डोज
पोटैशियम ना सिर्फ एक्स्ट्रा नमक को यूरिन के रास्ते बाहर निकालता है, बल्कि आर्टरी की मांसपेशियों को भी शांत करता है। रिसर्च कहती है कि अगर डेली पोटैशियम 3.5 ग्राम से ज्यादा हो जाए, तो सिस्टोलिक बीपी में 4-6 mmHg तक की गिरावट आती है, उतनी ही जितनी शुरुआती बीपी की दवाइयों से।

1. सुबह की शुरुआत स्मार्ट बनाएं:
200ml नारियल पानी या 1 केला रोज सुबह लें दोनों में करीब 400mg पोटैशियम होता है।
2. नाश्ते में ट्रेडिशनल ट्विस्ट: इंस्टेंट ओट्स की जगह अंकुरित मूंग चाट + नींबू लें करीब 650mg पोटैशियम सिर्फ 40mg सोडियम।
3. दो मुट्ठी हरी सब्जी का नियम:थाली में आधी जगह ऐसी सब्जियों को दें जो पोटैशियम से भरपूर हों
4. कुरकुरे में भी समझदारी: भुजिया, चिप्स या पापड़ की जगह एक मुट्ठी बिना नमक वाली मूंगफली या उबले चने खाएं।
7 दिन ट्राय करें ये पोटैशियम वाली थाली
- सुबह: 200ml नारियल पानी
- 1 केला = 400 mg पोटैशियम
- दोपहर: दाल में 1 चम्मच भुना तिल+पालक या लौकी की सब्जी = 650 mg पोटैशियम
- शाम का नाश्ता: 1 मुट्ठी बिना नमक वाली मूंगफली =250 mg पोटैशियम
- रात का खाना: कच्चा केला या तुरई की सब्जी + अंकुरित मूंग = 600–700 mg पोटैशियम