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Mulethi Benefits: आज हम आपको एक चमत्कारिक लकड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खासियत हैरान करने वाली है. औषधिय गुणों से भरपूर यह लकड़ी किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इसका सेवन लोग अपनी आवाज को सुरीली बनाने के लिए भी करते हैं. अनेक रोगों को छूमंतर करने में यह जादुई लकड़ी बेहद कारीगर है. आइए इससे जुड़ी हर बात आपको बताते हैं…
आज हम आपको एक लकड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके अद्भुत फायदे जान आप दंग रह जाएंगे. यह एक प्रचलित लकड़ी है जो कई प्रकार से उपयोग में लाई जा सकती है. औषधीय गुणों से भरपूर इस लकड़ी का आयुर्वेद भी दीवाना है. यह लकड़ी स्वास्थ्य में कई चमत्कार दिखाती हैं.

इस अद्भुत लकड़ी को मुलेठी के नाम से जाना जाता है. इसको यष्टिमधु भी कहते हैं. मुलेठी एक प्रकार की पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, यह कई शरीर के स्वास्थ्य लाभों के लिए रामबाण है. यह मुख्य रूप से श्वसन, पाचन और गला रोग समस्याओं के इलाज के लिए फेमस है.

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की सात साल अनुभवी (MD और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह बताती है कि, “यह एक बहुपयोगी लकड़ी है जिसके अनगिनत फायदे बताए गए हैं “. इसे मुलेठी (licorice root) के नाम से जानते हैं. आइए इसके एक-एक फायदे और महत्त्व के बारे में जानते हैं…

मुलेठी का उपयोग करने से गले की खराश, खांसी और आवाज बैठने की समस्या, पाचन तंत्र, एसिडिटी, अपच जैसी तमाम बीमारियों से बचाव होता है. यहीं नहीं एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है. इसके अलावा, त्वचा की टैनिंग और दाग-धब्बों को कम करने के साथ-साथ तनाव और चिंता से भी छुटकारा मिलती है. यह लिवर की समस्या और हृदय रोगियों के लिए भी काफी लाभकारी और गुणकारी है.

असली मुलेठी यानी मुलहठी अन्दर से पीली, रेशेदार व हल्की सुगंध देती है. मुलेठी की जड़ें मीठी होती हैं और यही मुख्य रूप से उपयोगी हैं. ताजी जड़ तो मधुर होती है. मुलेठी का पौधा आमतौर पर भारत में पाया जाता है और इसकी खेती भी की जाती है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों, सौंदर्य प्रसाधनों जैसे तमाम चीजों में किया जाता है.

मुलेठी की जड़ छोटे-छोटे टुकड़े में काट करके पान बेचने वाले अपनी दुकान में रखते हैं और इस पान में मिलाकर के लोगों को खाने के लिए देते हैं. हर पान की दुकान पर आसानी से यह लकड़ी छोटे-छोटे टुकड़े में मिल जाती है. जिसे लोग अपनी आवाज सुरीली बनाने के लिए भी सेवन करते हैं.

अब बात आती है कि मुलेठी का उपयोग कैसे करें?… तो इसका उपयोग कई तरीके से किया जा सकता है. आप मुलेठी की चाय यानी काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं, मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं या मुलेठी की लकड़ी को चबाकर इसके रस को चूस लें. इसका रस चूसने आपकी भी आवाज लता मंगेशकर की तरह बन सकती है.

वैसे, मुलेठी खाने में भी बहुत स्वादिष्ट लगती है. इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन फिर भी अगर आप इसका सेवन हर रोज औषधि के रूप में करना चाहते हैं, तो बगैर आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लिए हुए न करें. अन्यथा लाभ की जगह हानिकारक भी हो सकता है. बीमारी और उम्र के हिसाब से सही डोज चिकित्सक से जरूर पूछ लें.