Friday, June 20, 2025
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अमेरिका का यह ‘बंकर बस्टर’ बम कैसे करता है काम, पलक झपकते ही ईरान परमाणु साइट्स हो सकता है तबाह



<p style="text-align: justify;">दुनिया में अगर किसी गैर-परमाणु बम की सबसे ज्यादा ताकत की बात हो, तो अमेरिका का GBU-57A/B ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ (MOP) का नाम सबसे पहले आता है. यह एक ऐसा बम है जिसे खास तौर पर गहराई में छिपे ठिकानों को तबाह करने के लिए तैयार किया गया है. यह परमाणु बम नहीं है, लेकिन इसकी ताकत किसी परमाणु धमाके जैसी ही असरदार मानी जाती है. इसका वजन करीब 13,600 किलोग्राम है और यह सतह से 61 मीटर नीचे तक घुसकर धमाका कर सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों कहते हैं इसे बंकर बस्टर&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह बम जमीन में सुरंगों और बंकरों को भेदने की क्षमता रखता है. इसका डिजाइन ऐसा है कि इसे एक के बाद एक गिराया जा सकता है, ताकि हर विस्फोट से यह और गहराई तक जा सके. इसे अमेरिका के अत्याधुनिक बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर से गिराया जाता है, जो दुश्मन की नजर में आए बिना लंबी दूरी तय कर सकता है और भारी पेलोड ले जा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या ईरान की फोर्दो साइट को निशाना बनाया जा सकता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ईरान की फोर्दो परमाणु साइट एक पहाड़ के अंदर स्थित है और इसे काफी मजबूत सुरक्षात्मक ढांचे से ढका गया है. लेकिन MOP जैसी क्षमता वाला बम इसे भी चकनाचूर कर सकता है. फोर्दो की गहराई और सुरक्षा को देखते हुए, यही एक हथियार है जो इसे पूरी तरह नष्ट कर सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अमेरिका ही क्यों कर सकता है इसका इस्तेमाल?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">फिलहाल MOP केवल अमेरिका के पास है और इसके उपयोग के लिए बी-2 बॉम्बर की जरूरत होती है, जो सिर्फ अमेरिकी वायुसेना के पास है. इज़राइल के पास न तो यह बम है और न ही इसे दागने वाला विमान. विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका की सीधी मंज़ूरी और भागीदारी के बिना इसका इस्तेमाल संभव नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रणनीतिक चेतावनी या युद्ध की तैयारी?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि अब तक इस बम का युद्ध में इस्तेमाल नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका द्वारा इसके परीक्षण और तैयारियों को देख कर यह कहा जा सकता है कि जरूरत पड़ने पर यह हथियार चंद मिनटों में बड़े से बड़े दुश्मन के गढ़ को मिटा सकता है. ईरान के खिलाफ इसका इस्तेमाल फिलहाल सिर्फ एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इस विकल्प की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.</p>
<p style="text-align: justify;">&nbsp;</p>



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