Tuesday, June 17, 2025
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फिजिकल हेल्थ- मिला कोविड-19 का नया वेरिएंट: जानें यह कितना खतरनाक, कौन सी वैक्सीन कारगर, डॉक्टर से जानें जरूरी सवालों के जवाब


4 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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भारत में कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। इस बार वजह कोविड-19 का एक नया वेरिएंट XFG है। भारत में हाल ही में इसकी पुष्टि हुई है और अब तक इसके 206 मामले सामने आ चुके हैं। इसके सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से मिले हैं।

देशभर में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 7400 पहुंच गई है। केरल में सबसे ज्यादा 2109 एक्टिव केस हैं। इसके बाद गुजरात में 1437, दिल्ली में 672 और पश्चिम बंगाल में 747 पॉजिटिव मरीज हैं।

XFG वेरिएंट के लक्षण आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, कुछ खास कंडीशंस में गंभीर भी हो सकता है।

इसलिए फिजिकल हेल्थ में नए कोविड वेरिएंट XFG की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • XFG वेरिएंट कितना खतरनाक है?
  • क्या इस नए वेरिएंट पर वैक्सीन असरदार है?
  • क्या इससे महामारी जैसे हालात बन सकते हैं?

XFG वेरिएंट क्या है?

XFG कोविड-19 वायरस का एक रिकॉंबिनेंट वेरिएंट है। इसका मतलब है कि यह वायरस के 2 पुराने वेरिएंट्स, LF.7 और LP.8.1.2 के आपस में मिल जाने से बना है। जब कोई व्यक्ति एक साथ दो अलग-अलग वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तो वायरस उनके जीन को आपस में मिक्स कर सकता है। उसी से ऐसे वेरिएंट बनते हैं।

XFG, ओमिक्रॉन फैमिली का ही हिस्सा है, जो 2021 के अंत से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट रहा है। इसे पहली बार कनाडा में पहचाना गया था।

भारत में XFG के मामले किन राज्यों में मिले हैं?

INSACOG पूरे देश में जीनोमिक वेरिएंट्स पर नजर रखने वाली मल्टी लैबोरेटरी, मल्टी एजेंसी है। यह कोविड वेरिएंट्स पर नजर रखती है। इसके मुताबिक अब तक भारत में XFG के 163 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं, पूरा आंकड़ा ग्राफिक में देखिए:

क्या XFG वेरिएंट चिंता की बात है?

फिलहाल नहीं, इस वेरिएंट से अब तक न तो ज्यादा गंभीर बीमारी हुई है और न ही मौतों की संख्या में इजाफा देखा गया है। ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण हल्के सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण हैं।

  • XFG को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है और न ही भारत सरकार ने इसे कोई गंभीर खतरा माना है।
  • जिन लोगों ने टीका लगवाया है या जो लोग पहले कोविड-19 के किसी वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, वे XFG वेरिएंट से जल्दी ठीक हो रहे हैं।

XFG वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?

इसके लक्षण आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति को लगातार खांसी हो सकती है, नाक बहने या बंद रहने की परेशानी हो सकती है और बार-बार छींक आने के साथ गले में खराश की शिकायत भी हो सकती है। इसके अलावा हल्का बुखार, थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का भी जोखिम हो सकता है।

क्या XFG वेरिएंट का इलाज उपलब्ध है?

XFG वेरिएंट के लिए सटीक इलाज की जानकारी अभी तक बहुत सीमित है। हालांकि, यह COVID-19 का एक वेरिएंट है। इसलिए इसके संक्रमण में भी कोविड-19 के पेशेंट्स की तरह ही इलाज किया जा रहा है। इसके इलाज में एंटीवायरल दवाएं, ऑक्सीजन थेरेपी आदि की मदद ली जा जा सकती है। अभी तक के मामलों में देखा गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन ले रखी है, उन्हें XFG वेरिएंट से गंभीर प्रभाव देखने को नहीं मिले हैं और न ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।

क्या वैक्सीन XFG वेरिएंट से बचा सकती है?

हां, भारत में इस्तेमाल हो रहीं वैक्सीन, को-वैक्सिन और कोवीशील्ड और इनके नए बूस्टर डोज को अभी भी कोविड के गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में प्रभावी माने जा रहा है।

डॉ. उज्जवल पारख के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बाद भी हल्का संक्रमण हो सकता है, खासकर जब समय बीतने से एंटीबॉडी घटने लगती है। हालांकि, T-Cell इम्यूनिटी लंबे समय तक बनी रहती है और यही गंभीर संक्रमण से रक्षा करती है।

XFG वेरिएंट से सबसे अधिक खतरा किसे है?

XFG वेरिएंट से आमतौर पर हल्का संक्रमण होता है। हालांकि, यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। सबसे अधिक जोखिम वृद्ध लोगों को और पहले से क्रॉनिक बीमारियों का सामना कर रहे लोगों को ज्यादा खतरा है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

ICMR ने क्या कहा है?

ICMR के मुताबिक, इस समय भारत में 66% रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन कोविड से संबंधित हैं। हालांकि ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई हैं। 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को और जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें सतर्क रहना चाहिए।

XFG वेरिएंट भारत से पहले कहां मिला था?

द लैंसेट जर्नल के मुताबिक, XFG वेरिएंट की पहली पहचान कनाडा में हुई थी। यह भारत में पहली बार मई 2025 में बड़े पैमाने पर मिला। इसके बाद हाल ही में इसके कई मामले सामने आ रहे हैं।

क्या XFG वेरिएंट महामारी की वजह बन सकता है?

XFG वेरिएंट से महामारी की स्थिति पैदा होने की संभावना कम प्रतीत होती है, क्योंकि इसके कारण गंभीर मामले या अस्पतालों में भर्ती होने के मामले सामने नहीं आ रहे हैं। इसके लक्षण बहुत हल्के हैं, जो आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे होते हैं। इसके संक्रमण में मृत्यु दर बहुत अधिक नहीं है, ज्यादातर लोग बिना किसी कॉम्पलिकेशन के ठीक हो रहे हैं।

XFG वेरिएंट से बचाव कैसे करें?

XFG वेरिएंट कोविड-19 फैमिली का ही हिस्सा है। इसलिए यह भी ठीक उसी तरह फैलता है। राहत की बात ये है कि उतनी तेजी से नहीं फैलता है। इसलिए इससे बचाव के लिए कोविड-19 जैसे एहतियात ही बरतने हैं:

  • बार-बार साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइज करें।
  • बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।
  • संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
  • बार-बार छूई जा रही सरफेस को सैनिटाइज करें।
  • वैक्सिनेशन जरूर करवाएं और अगर उपलब्ध हो तो बूस्टर डोज लें।
  • खुद से दवा न लें, डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही कोई दवा लें।
  • फ्लू-जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत टेस्ट कराएं।

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