केरल सरकार ने राज्य में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “ग्रीन मिशन” नामक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य हरित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना, और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना है।
ग्रीन मिशन के मुख्य उद्देश्य
1. हरित वृक्षारोपण अभियान
- राज्यभर में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वन क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा।
- स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी परिसरों में वृक्षारोपण को अनिवार्य किया जाएगा।
2. नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा
- राज्य में सोलर पावर प्लांट और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित किया जाएगा।
- सरकारी इमारतों और सार्वजनिक स्थलों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम की स्थापना की जाएगी।
- अगले 5 वर्षों में केरल को “100% नवीकरणीय ऊर्जा राज्य” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
3. सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
- राज्य में सिंगल-यूज प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- वैकल्पिक इको-फ्रेंडली उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
4. जल संसाधनों का संरक्षण
- “जल संरक्षण अभियान” के तहत नदियों, झीलों और जलाशयों की सफाई और पुनर्जीवन किया जाएगा।
- वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
5. कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण
- राज्य में ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
- कचरे के पुनर्चक्रण (Recycling) के लिए नई तकनीकों और योजनाओं को लागू किया जाएगा।
6. जैविक कृषि को प्रोत्साहन
- किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जाएगी।
- रसायन मुक्त कृषि को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
7. पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता
- स्कूली पाठ्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण को शामिल किया जाएगा।
- सामुदायिक अभियान के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का बयान
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा:
“ग्रीन मिशन न केवल राज्य को पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने में मदद करेगा, बल्कि यह हमें सतत विकास की दिशा में ले जाएगा। यह पहल केरल को एक हरित और स्वच्छ राज्य बनाएगी।”
योजना के लाभ
- जलवायु परिवर्तन का मुकाबला:
- वृक्षारोपण और नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
- नवीकरणीय ऊर्जा का विकास:
- ऊर्जा की जरूरतों को स्वच्छ और हरित स्रोतों से पूरा किया जाएगा।
- पानी और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण:
- जल संरक्षण के उपायों से भूजल स्तर में सुधार होगा और जल संकट को दूर किया जा सकेगा।
- कचरा मुक्त राज्य का निर्माण:
- ठोस कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण से स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित होगा।
- जैविक खेती को बढ़ावा:
- किसानों की आय बढ़ेगी और राज्य में रसायन मुक्त कृषि उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना केरल को ग्रीन स्टेट बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
- सौर ऊर्जा और पुनर्चक्रण योजनाओं से राज्य की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता मजबूत होगी।
- वृक्षारोपण और जैविक खेती से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार आएगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस योजना का समर्थन किया लेकिन इसके सही क्रियान्वयन को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने सरकार से योजना के लिए सख्त मॉनिटरिंग तंत्र बनाने की मांग की।
निष्कर्ष:
केरल सरकार का ग्रीन मिशन राज्य को सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। वृक्षारोपण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन जैसे कदम राज्य को “हरित अर्थव्यवस्था” की ओर ले जाएंगे। अगर इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया गया तो केरल न केवल भारत में ग्रीन लीडर बन सकता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर उदाहरण भी स्थापित करेगा।