ओडिशा सरकार ने सूखे की मार झेल रहे किसानों को राहत देने के लिए सब्सिडी में बढ़ोतरी और नई सहायता योजनाओं की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता, फसल सुरक्षा, और वैकल्पिक आय के साधन उपलब्ध कराना है, ताकि वे प्राकृतिक आपदा के प्रभाव से उबर सकें।
घोषणा की मुख्य विशेषताएं
1. बढ़ी हुई सब्सिडी
- सूखे से प्रभावित किसानों को बीज, उर्वरक, और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी को 30% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है।
- खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए विशेष इनपुट सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
2. फसल नुकसान के लिए मुआवजा
- जिन किसानों की फसलें सूखे के कारण 50% या अधिक प्रभावित हुई हैं, उन्हें प्रति हेक्टेयर ₹6,800 तक का मुआवजा दिया जाएगा।
- बागवानी फसलों के लिए यह मुआवजा ₹13,500 प्रति हेक्टेयर होगा।
3. ऋण राहत और ब्याज माफी
- किसानों को दिए गए शॉर्ट टर्म कृषि ऋण के पुनर्भुगतान पर ब्याज में राहत दी जाएगी।
- प्रभावित किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान किया गया है।
4. सूखा प्रभावित जिलों में विशेष योजनाएं
- सूखा घोषित जिलों में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम और सौर पंपों पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
- जल संरक्षण के लिए “पानी बचाओ अभियान” शुरू किया जाएगा।
5. वैकल्पिक आय के साधन
- किसानों को पशुपालन, मछली पालन और कुटीर उद्योगों की ओर प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- महिला किसानों के लिए विशेष स्वयं सहायता समूह (SHGs) बनाए जाएंगे।
6. कृषि बीमा योजना को बढ़ावा
- किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल सुरक्षा का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
- बीमा दावों के त्वरित निपटारे के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री का बयान
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा:
“किसानों की मदद करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। सूखे की मार झेल रहे किसान भाइयों को हर संभव सहायता दी जाएगी ताकि वे इस संकट से उबरकर फिर से आत्मनिर्भर बन सकें।”
योजना के लाभ
- आर्थिक राहत:
- सब्सिडी और मुआवजे से किसानों को आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
- कृषि ऋण से राहत:
- ब्याज माफी और ब्याज मुक्त ऋण से किसानों को वित्तीय संकट से राहत मिलेगी।
- सिंचाई सुविधा:
- माइक्रो-इरिगेशन और सौर पंपों से पानी की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।
- वैकल्पिक आजीविका:
- पशुपालन और मछली पालन जैसी गतिविधियों से किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत मिलेंगे।
- जल संरक्षण:
- जल प्रबंधन योजनाओं से सूखे के प्रभाव को कम किया जाएगा और भविष्य के लिए तैयारी सुनिश्चित होगी।
चुनौतियां और समाधान
1. मुआवजा वितरण में देरी:
- सरकार ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को डिजिटलीकरण कर पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कही है।
2. सूखा-रोधी फसलें:
- किसानों को सूखा-प्रतिरोधी फसलों के बारे में जागरूक किया जाएगा और उनके लिए बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
3. सिंचाई प्रबंधन:
- सरकार ने जल संरक्षण योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर लागू करने का लक्ष्य रखा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने योजना का स्वागत किया लेकिन जमीनी क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों तक लाभ समय पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने सरकार से मुआवजा वितरण और ऋण राहत में पारदर्शिता की मांग की।
विशेषज्ञों की राय
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना सूखा प्रभावित किसानों को त्वरित राहत देने में मदद करेगी। साथ ही, वैकल्पिक आय साधनों और जल प्रबंधन के प्रयास राज्य के कृषि क्षेत्र को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेंगे।
निष्कर्ष:
ओडिशा सरकार की यह पहल राज्य के किसानों को आर्थिक सहायता, सिंचाई सुविधा, और वैकल्पिक आय के साधनों के जरिए सूखे की मार से राहत देने की दिशा में एक ठोस कदम है। अगर योजना का सही क्रियान्वयन हुआ, तो यह किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ राज्य के कृषि क्षेत्र को भी सुदृढ़ करेगी।