सोमवती अमावस्या एक अत्यंत शुभ दिन है, जो तब पड़ती है जब अमावस्या तिथि (New Moon) सोमवार के दिन आती है। 2024 में यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में इस दिन दीप जलाने का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि यह सुख, समृद्धि, और पितृ दोष निवारण से जुड़ा हुआ है।
2024 में सोमवती अमावस्या की तिथि
- तारीख: सोमवार, 8 जनवरी 2024
- यह दिन भगवान शिव और पितरों की पूजा के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है।
सोमवती अमावस्या पर दीप जलाने का महत्व
- पितृ दोष निवारण
- इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे या नदी किनारे दीप जलाने से पितृ दोष का निवारण होता है।
- ऐसा माना जाता है कि पितरों को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
- भगवान शिव का आशीर्वाद
- सोमवती अमावस्या भगवान शिव को समर्पित है। दीप जलाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश
- इस दिन दीप जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
- अमावस्या की अंधेरी रात में दीप जलाने का उद्देश्य प्रकाश के माध्यम से अज्ञान और अशुभ शक्तियों का नाश करना है।
- संकटों से मुक्ति
- यह विश्वास है कि सोमवती अमावस्या पर दीप जलाने से जीवन के संकटों और विवादों से मुक्ति मिलती है।
- विशेषकर विवाहित स्त्रियों के लिए यह दिन पति की लंबी आयु और पारिवारिक सुख की कामना हेतु अत्यंत शुभ माना जाता है।
- धन और समृद्धि की प्राप्ति
- दीप जलाने से मां लक्ष्मी का वास घर में होता है, जिससे धन, समृद्धि और विभिन्न शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
दीप जलाने की विधि
- स्थान का चयन
- घर के पूजा स्थल, पीपल के वृक्ष के नीचे, या नदी के तट पर दीप जलाएँ।
- सामग्री
- तिल का तेल (या घी)।
- रुई का दीपक।
- कुमकुम, चावल, और फूल।
- पूजा की प्रक्रिया
- स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा करें।
- दीपक को जलाते समय भगवान शिव का ध्यान करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- यदि पीपल वृक्ष के नीचे दीप जला रहे हैं, तो वृक्ष की परिक्रमा करें और जल अर्पित करें।
- जल का अर्पण
- पितरों को जल अर्पित करें और उनकी शांति और मोक्ष के लिए प्रार्थना करें।
सोमवती अमावस्या पर अन्य धार्मिक कार्य
- गंगा स्नान:
- पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। यह पापों का नाश करता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दान-पुण्य:
- तिल, वस्त्र, अन्न, और दक्षिणा का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- जप और मंत्र पाठ:
- इस दिन गायत्री मंत्र, मृत्युंजय मंत्र और भगवान शिव के मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
- व्रत और उपवास:
- सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
सोमवती अमावस्या पर दीप जलाने का एक गहरा आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन पितरों की शांति, भगवान शिव की कृपा, और नकारात्मकता के नाश का प्रतीक है। सही विधि से दीप जलाने और पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास होता है।