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हमारे आसपास कई ऐसे पौधे पाए जाते हैं जो केवल देखने में सुंदर नहीं होते, बल्कि अपने अंदर औषधीय गुणों का खजाना भी समेटे होते हैं. इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा का पौधा, जिसे आयुर्वेद में ब्रायोफिलम पिनाटम के नाम से जाना जाता है. यह हर मौसम में हरा-भरा रहने वाला सदाबहार पौधा अपने खास गुणों के कारण कई गंभीर बीमारियों में लाभदायक माना जाता है. शरीर की सूजन, घाव, पथरी, त्वचा और महिलाओं से जुड़ी समस्याओं में यह प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है.
हमारे आसपास कहीं ऐसे प्रकृति प्रदत्त पौधे पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए औषधीय का काम करते हैं. इन्हीं में शामिल है पत्थरचट्टा का पौधा, जिसे सदाबहार पौधे के रूप में जाना जाता है. क्योंकि यह एक ऐसा पौधा है, जो हर मौसम में हरा-भरा बना रहता है. साथ ही यह पौधा अपने नाम के मुताबिक, अपने खास गुणों के लिए भी जाना जाता है, जो हमारे शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में कारगर होता है.

पत्थरचट्टा के पौधे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कॉपर, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम सहित कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं.

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर होते हैं, जो शरीर की पथरी से लेकर त्वचा की बीमारियों के साथ ही कई अन्य रोगों में भी कारगर औषधीय के रूप में काम करता है. आगे की जानकारी देती है कि यह शरीर की सूजन, घाव, लालिमा, जलन जैसे रोगों से राहत दिलाने में एक औषधीय का काम करती है.

पत्थरचट्टा के पौधे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट व एंटीफंगल गुण आंख व दांत दर्द को भी दूर करते हैं. इसीलिए इसे आयुर्वेद में एक विशेष प्रकार का औषधीय पौधा माना गया है.

रायबरेली जिले के सीएचसी शिवगढ़ की आयुष चिकित्सक डॉ. आकांक्षा दीक्षित बताती हैं कि पत्थरचट्टा की पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं. या फिर इसकी पत्तियों का अर्क निकालकर घाव या फिर त्वचा संबंधी बीमारियों पर लेप लगा दें, तो उससे भी राहत मिल जाती है.

आयुष चिकित्सक डॉक्टर आकांक्षा दीक्षित के मुताबिक पत्थरचट्टा महिलाओं के लिए भी बड़े फायदेमंद है क्योंकि महिलाओं में होने वाली कई तरह की बीमारियों को दूर करने में इसे औषधीय के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. वह बताती हैं कि महिलाओं को पेशाब में होने वाली जलन, खुजली जैसी बीमारियों में यह एक प्रकार की औषधीय का काम करता है.

पत्थरचट्टा का पौधा खूनी दस्त को रोकने में भी कारगर होता है. आप पाचन तंत्र की समस्या या फिर खूनी दस्त से परेशान हैं तो इसकी पत्तियों का रस निकालकर उसका सेवन करें, यह आपको इन समस्याओं से राहत दिलाएगा.

आयुष चिकित्सक डॉ. आकांक्षा दीक्षित के मुताबिक पत्थरचट्टा के पौधे को आयुर्वेद में ब्रायोफिलम पिनाटम के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही इसे सदाबहार पौधा कहते हैं, जो अपने आप में औषधीय गुणों की खान है.