Friday, June 27, 2025
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दिल्ली में युवाओं के खराब हो रहे हैं फेफड़ें, 20 से 30 साल की उम्र में हो रही है बुजुर्गों वाली बीमारी, 3 में से 1 युवा के लंग्स डैमेज


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Lungs Damage in Delhi- दिल्ली में रहने वाले युवाओं के लंग्स समय से पहले डैमेज होने लगे हैं. 4 हजार से अधिक के सीटी स्कैन में यह बात सामने आई है.

लंग्स डैमेज के क्या है कारण.

Lungs Damage in Delhi: सीटी स्कैन से खुलासा हुआ है कि दिल्ली में रहने वाले युवाओं के फेफड़े ठीक नहीं है. उनमें लंग्स डैमेज होने के पहले से संकेत आने लगे हैं. उनमें ऐसी-ऐसी बीमारियां हो रही हैं जो पहले बुजुर्गों में हुआ करती थी. यह निष्कर्ष महाजन इमेजिंग एंड लैब्स द्वारा किए 4,000 से अधिक सीटी स्कैन पर आधारित हैं. इसमें पता चला है कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में चेस्ट सीटी स्कैन करवाने वाले हर तीन में से एक युवा में फेफड़ों की संरचनात्मक क्षति के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें 20 से 30 वर्ष के युवाओं में ब्रोंकिएक्टेसिस, एम्फायसेमा, फाइब्रोसिस और ब्रोंकियल वॉल मोटा होने जैसे असामान्य बदलाव दिख रहे हैं. रिपोर्ट में बताए गए हैं कि इसके कई कारण है जिसमें इंफेक्शन, पर्यावरणीय प्रदूषण, धूम्रपान और वेपिंग जैसी प्रवृत्ति शामिल है. अध्यय में पाया गया कि शहरी युवाओं में फेफड़ों की पुरानी बीमारियां शुरुआती अवस्था में बढ़ रही हैं. आगे की राहें और मुश्किल होने वाली है.

जवानी में ब्रोंकिएक्टेसिस जैसे लक्षण
महाजन इमेजिंग एंड लैब्स के मुख्य रेडियोलॉजिस्ट हर्ष महाजन ने कहा, हम लगातार देख रहे हैं कि चेस्ट सीटी स्कैन की एक बड़ी संख्या युवाओं की है. लगभग हर तीन में से एक में कुछ न कुछ असामान्य लक्षण दिखते हैं जो पहले ज़्यादातर बुजुर्गों में देखे जाते थे. उन्होंने कहा कि इसमें ब्रोंकिएक्टेसिस और शुरुआती एम्फायसेमा जैसे बदलाव भी शामिल हैं. ये ऐसी बीमारियां हैं जिन पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो लंबे समय तक परेशान का सबब बन सकता है. यह रुझान नियमित क्लीनिकल इमेजिंग में देखे गए डायग्नोस्टिक ट्रेंड पर आधारित है. जब सामान्य संक्रमण और ट्यूमर से जुड़े स्कैन को अलग कर दिया गया तो युवाओं में फेफड़ों की गड़बड़ी का अनुपात और अधिक दिखाई दिया. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि यह शहरी क्षेत्रों में व्यापक स्वास्थ्य जोखिम को दर्शा सकता है. यानी शहरों में बाहर और घर के अंदर की खराब हवा, तंबाकू का बढ़ता सेवन और सांस की बीमारियों की देर से पहचान सबसे बड़ी चिंता की बात है. रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली की खराब हवा नियमित रूप से खतरे से अधिक रहती है. इसलिए आने वाले समय में यह गंभी स्थिति पैदा सकती है.

लंग्स डैमेज से बचने के उपाय
महाजन ने कहा दिल्ली जैसे शहरों में, जहां हवा की गुणवत्ता लगातार एक समस्या बनी रहती है, वहां फेफड़े पहले से ही तनाव में होते हैं. ऐसे में तंबाकू का प्रभाव और भी स्थिति को बिगाड़ देता है. तंबाकू का सेवन चाहे आप सीधे सिगरेट, तंबाकू के रूप में करें या किसी दूसरे द्वारा छोड़े गुए धुएं से हो, दोनों स्थितियों में लंग्स पर असर पड़ता है. ये निष्कर्ष ऐसे समय पर सामने आए हैं जब वैश्विक स्तर पर तंबाकू विरोधी अभियान चल रहे हैं लेकिन इमेजिंग सेंटर ने एक और बड़ी चिंता की ओर इशारा किया है. रिपोर्ट में कहा गया कि युवाओं में शुरुआती जांच और जागरुकता की कमी बहुत बड़ा चिंता का विषय है. इससे फेफड़ों की क्षति गंभीर स्थिति में अनजाने में ही पहुंच जाती है. लंग्स डैमेज न हो इसके लिए अभी से ठोस कदम उठाने की जरूरत है. स्मोकिंग इसका सबसे बड़ा कारण है. इसलिए युवाओं को स्मोकिंग से दूर रहना चाहिए. वहीं वायु प्रदूषण पर भी गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है.

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LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें

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