7 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह
- कॉपी लिंक
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बेहद आसान बना दिया है। अब हजारों-लाखों का ट्रांजैक्शन आप कुछ ही सेकेंड में कर सकते हैं। 28 फरवरी, 2025 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 16.99 अरब को पार कर गई। इसमें कुल ₹23.48 लाख करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ। यह किसी भी महीने में दर्ज की गई अब तक की सबसे अधिक संख्या है।
UPI के बढ़ते इस्तेमाल के साथ इससे जुड़े फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन सामने आ रहे फ्रॉड के मामलों में अब एक नया स्कैम जुड़ गया है- ‘UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम।’ इस स्कैम में स्कैमर्स यूजर्स को झांसे में लेकर उनके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा सकते हैं। इसलिए इस स्कैम से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
तो चलिए आज ‘साइबर लिटरेसी’ कॉलम में आज बात करेंगे ‘UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम’ की। साथ ही जानेंगे कि-
- स्कैमर्स लोगों को कैसे इस स्कैम में फंसाते हैं?
- UPI ऑटो पे रिक्वेस्ट स्कैम से कैसे बच सकते हैं?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस
सवाल- UPI ऑटो पे फीचर क्या है?
जवाब- UPI ऑटो पे फीचर रिकरिंग पेमेंट पर काम करता है। रिकरिंग पेमेंट एक ऐसा पेमेंट होता है, जो निश्चित अंतराल जैसे मासिक, तिमाही या वार्षिक पर खुद किया जाता है। इसमें यूजर एक बार अनुमति देता है और उसके बाद तय समय पर पेमेंट अपने आप हो जाता है। इस फीचर के आने से हर महीने के स्थायी खर्च जैसे मोबाइल रिचार्ज, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट या OTT सब्सक्रिप्शन प्लान की तारीखों को बिना मिस किए पेमेंट ऑटोमैटिक हो जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह लेट फीस और सर्विस डिप्स से बचाता है।
सवाल- UPI ऑटो पे स्कैम क्या है?
जवाब- UPI ऑटो-पे में पैसा अपने आप कट जाता है। इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग ‘ऑटो-पे रिक्वेस्ट’ भेजकर लोगों के बैंक अकाउंट से बिना उनकी जानकारी के पैसे निकाल सकते हैं। इस स्कैम में जालसाज किसी भी व्यक्ति को UPI ऑटो-पे के जरिए रिकरिंग पेमेंट (बार-बार होने वाला पेमेंट) मंजूर करने के लिए झांसा देते हैं।

सवाल- UPI ऑटो पे स्कैम के कौन-कौन से तरीके हैं?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि UPI ऑटो-पे स्कैम में स्कैमर्स अलग-अलग तरीकों से लोगों को फंसा सकते हैं। जैसेकि-
- साइबर अपराधी मैसेज, ईमेल या सोशल मीडिया पर नकली लिंक भेज सकते हैं। यूजर जब इस लिंक पर क्लिक करके UPI ऑटो-पे को मंजूरी देता है और उसके पैसे कटने लगते हैं।
- स्कैमर्स बैंक या UPI कस्टमर केयर अधिकारी बनकर कॉल कर सकते हैं। वे यूजर को ऑटो-पे एक्टिवेट करने के लिए UPI PIN दर्ज करने को कहते हैं। पिन डालते ही स्कैमर्स यूजर के अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
- कुछ स्कैमर्स फर्जी एप या वेबसाइट पर सस्ते सब्सक्रिप्शन का झांसा देते हैं। यूजर जब पेमेंट करता है तो उसके बैंक खाते से हर महीने पैसे कटने का सेटअप हो जाता है।
- स्कैमर्स कैशबैक, इनाम या लोन अप्रूवल का लालच देकर ऑटो-पे चालू करवा सकते हैं। यूजर जब ऑफर का लाभ लेने के लिए रिक्वेस्ट असेप्ट करता है तो पैसे कटने लगते हैं।

सवाल- अगर UPI ऑटो पे स्कैम हो जाए तो क्या पैसे वापस मिल सकते हैं?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि इसकी संभावना आपके द्वारा उठाए गए कदमों और समय पर की गई कार्रवाई पर निर्भर करती है। अगर आप जल्दी शिकायत दर्ज कराते हैं, तो आपके पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए तुरंत बैंक या UPI सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें। UPI एप पर जाकर ‘रिपोर्ट फ्रॉड’ ऑप्शन चुनें और तुरंत ट्रांजैक्शन की शिकायत करें। बैंक को लिखित शिकायत ईमेल या ब्रांच में जाकर दें। UPI एप में ‘डिस्प्यूट रेज’ ऑप्शन का उपयोग करें। ज्यादातर UPI ऐप्स में “Raise Dispute” का विकल्प होता है, जहां से आप विवाद दर्ज कर सकते हैं। अगर यह फ्रॉड ट्रांजेक्शन है और इसे साबित किया जा सकता है, तो बैंक या UPI सर्विस प्रोवाइडर से पैसे वापस कर सकते हैं।

सवाल-क्या UPI ऑटो पे को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है?
जवाब- ऑटो-पे सुविधा तभी एक्टिव होती है, जब यूजर खुद इसकी परमिशन देता है।अगर आपको यह सुविधा पसंद नहीं है, तो आप इसे अपने UPI एप से बंद कर सकते हैं या अनचाहे सब्सक्रिप्शन रद्द कर सकते हैं।

सवाल- क्या हर ऑटो-पे रिक्वेस्ट पर अलर्ट आता है?
जवाब- हां, जब भी कोई नया UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट आता है तो अधिकतर एप्स पर नोटिफिकेशन आता है और आपसे मैनुअल अप्रूवल मांगा जाता है। इसलिए जरूरी है कि किसी भी रिक्वेस्ट को जल्दबाजी में एक्सेप्ट न करें। अगर आपको कोई रिक्वेस्ट संदिग्ध लगती है तो उसे रिजेक्ट कर दें।
सवाल- अगर गलती से ऑटो पे रिक्वेस्ट को मंजूरी दे दी, तो क्या करें?
जवाब- अगर आपने गलती से किसी संदिग्ध रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया है, तो तुरंत UPI एप में जाकर उस रिकरिंग पेमेंट को कैंसिल कर दें। साथ ही अपने बैंक और एप के कस्टमर केयर को सूचित करें और अपनी UPI सेटिंग्स की जांच करें।
…………….. ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- क्रिप्टो के नाम पर 1.6 करोड़ ठगे:जानें क्या हैं क्रिप्टो स्कैम के ‘रेड फ्लैग्स’, निवेश से पहले ध्यान रखें 6 बातें

हैदराबाद में एक निजी कर्मचारी से टेलीग्राम के जरिए बिटकॉइन में डबल रिटर्न का झांसा देकर 1.60 करोड़ रुपए की ठगी कर ली गई। पूरी खबर पढ़िए…