4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
डिजिटल दौर में क्रिप्टोकरेंसी एक नया इन्वेस्टमेंट विकल्प बनकर उभरी है, जिसने लोगों की दिलचस्पी तो खूब बढ़ाई है, लेकिन इसी उत्सुकता का फायदा अब साइबर ठग उठा रहे हैं। जानकारी की कमी और जल्दी मुनाफे की चाहत ने क्रिप्टोकरेंसी को ठगी का नया हथियार बना दिया है।
हाल ही में हैदराबाद में एक निजी कर्मचारी से टेलीग्राम के जरिए बिटकॉइन में डबल रिटर्न का झांसा देकर 1.60 करोड़ रुपए की ठगी कर ली गई। यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की आर्थिक बर्बादी की कहानी है, बल्कि उस खतरनाक ट्रेंड का हिस्सा है, जिसमें आम लोग डिजिटल करेंसी के नाम पर बड़े स्कैम के शिकार बनते जा रहे हैं।
तो चलिए, साइबर लिटरेसी में बात करेंगे कि ‘क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम’ क्या है। साथ ही जानेंगे कि-
- स्कैम को पहचानने के संकेत क्या हैं?
- अगर आप फंस जाएं तो क्या करें?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस
सवाल- क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम क्या है?
जवाब- यह एक तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर ठग लोगों को क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम या अन्य डिजिटल टोकन में इन्वेस्ट करने के लिए उकसाते हैं। ये ठग सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइट्स, टेलीग्राम, वॉट्सएप ग्रुप्स या ईमेल के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और उन्हें जल्दी और भारी रिटर्न का लालच देते हैं।
अक्सर वे खुद को किसी नामी एक्सचेंज कंपनी का प्रतिनिधि बताकर फर्जी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म शेयर करते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति पैसा ट्रांसफर करता है, वह प्लेटफॉर्म बंद हो जाता है। ऐसे स्कैम में कई बार लोग अपनी पूरी जमा पूंजी गंवा देते हैं।
सवाल- इस स्कैम को स्कैमर्स कैसे अंजाम देते हैं?
जवाब- स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी और मनोवैज्ञानिक हथकंडों का इस्तेमाल करते हैं। इसे इन पॉइंट्स से समझिए-
फेक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म: स्कैमर्स नकली वेबसाइट्स या एप बनाते हैं, जिनमें दिखाया जाता है कि पैसा इन्वेस्ट करने पर दोगुना-तिगुना रिटर्न मिलेगा।
सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट फ्रॉड: फेक वीडियो या तस्वीरों के जरिए यह दिखाते हैं कि कोई मशहूर सेलिब्रिटी इस स्कीम को प्रमोट कर रहा है।
सोशल इंजीनियरिंग: स्कैमर पहले पीड़ित से ऑनलाइन दोस्ती या भरोसे का रिश्ता बनाते हैं और फिर निवेश के नाम पर पैसे ऐंठते हैं।
फर्जी इन्वेस्टमेंट सलाह: कई बार वॉट्सएप, टेलीग्राम या सोशल मीडिया पर ‘क्रिप्टो गुरु’ बनकर सलाह दी जाती है, जिससे लोग स्कैम का शिकार हो जाते हैं।
सवाल- क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम को पहचानने के क्या संकेत होते हैं?
जवाब- क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया जितनी आकर्षक लगती है, उसके भीतर उतना ही बड़ा धोखाधड़ी का खतरा छुपा है। ठग नए-नए तरीके अपनाकर आम लोगों को भ्रमित करते हैं और बड़ी रकम हड़प लेते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें और इन स्कैम्स को पहचानने की समझ विकसित करें। इन संकेतों को ग्राफिक में दिए तरीकों से पहचानिए-

सवाल- क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि हमेशा उसी क्रिप्टो एक्सचेंज का चुनाव करें, जो RBI या SEBI जैसी सरकारी संस्थाओं द्वारा रेगुलेटेड हो। किसी अनजान व्यक्ति, वेबसाइट या एप पर कभी भरोसा न करें। अगर कोई बहुत ज्यादा मुनाफे का वादा कर रहा है तो वह फ्रॉड हो सकता है।

सवाल- क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी अवैध है?
जवाब- भारत में क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है, लेकिन यह रेगुलेटेड भी नहीं है। यानी, भारत में आप क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम आदि खरीद-बेच सकते हैं, लेकिन कोई स्पष्ट कानून या रेगुलेटरी फ्रेमवर्क नहीं है, जो इसे विनियमित करता हो।
वर्तमान कानूनी स्थिति (2024-25 तक)
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को न तो लीगल टेंडर (कानूनी मुद्रा) के रूप में मान्यता दी है और न ही पूरी तरह से बैन किया है। इसका मतलब है कि क्रिप्टो से आप सामान या सर्विस नहीं खरीद सकते हैं। लेकिन निवेश के रूप में इसे होल्ड किया जा सकता है।
RBI का इसे लेकर रुख:
2018: RBI ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे क्रिप्टो से जुड़े किसी भी ट्रांजेक्शन में भाग न लें।
2020: सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया और कहा कि लोग क्रिप्टो में निवेश कर सकते हैं।
2021-2023: RBI ने फिर से कई बार क्रिप्टो के जोखिमों (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, उपभोक्ता नुकसान) पर चिंता जताई और डिजिटल करेंसी (CBDC) यानी e-RUPI को प्रमोट किया।
टैक्स नियम (2022 के बाद से लागू):
भारत सरकार ने 2022 में क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का फैसला किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सरकार इसे पूरी तरह बैन नहीं कर रही है-
30% टैक्स: क्रिप्टो पर होने वाले मुनाफे पर।
1% TDS: हर ट्रांजेक्शन पर काटा जाएगा।
कोई सेट-ऑफ या लॉस कैरी फॉरवर्ड की अनुमति नहीं।

सवाल- क्रिप्टो स्कैम में कौन-से टारगेट सबसे आसान माने जाते हैं?
जवाब- नए निवेशक जिनके पास टेक्निकल जानकारी नहीं होती है। बुजुर्ग या युवा जो सोशल मीडिया से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे लोग जो जल्दी पैसा कमाने की इच्छा में ऐसे स्कैम में फंस सकते हैं।
सवाल- क्या क्रिप्टो से जुड़ी ऑनलाइन कोचिंग या ट्रेनिंग भी स्कैम हो सकती है?
जवाब- हां, कई बार ऑनलाइन ‘क्रिप्टो गुरु’, ‘इन्वेस्टमेंट कोच’ या ‘सिग्नल ग्रुप्स’ केवल लोगों को झांसा देने के लिए बनाए जाते हैं। ये वॉट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप में शामिल करवाकर फर्जी जानकारी देते हैं और पैसे ऐंठते हैं।
सवाल- क्या किसी रेप्युटेड एक्सचेंज पर इन्वेस्ट करने के बाद भी स्कैम हो सकता है?
जवाब- अगर आप भरोसेमंद एक्सचेंज पर ट्रेड कर रहे हैं और अपनी निजी जानकारी कीज सुरक्षित रखते हैं तो जोखिम कम होता है। लेकिन फिशिंग वेबसाइट्स या नकली एक्सचेंज एप डाउनलोड करने से आप स्कैम का शिकार हो सकते हैं।
सवाल- क्रिप्टो स्कैम में ठगी होने पर क्या पुलिस मदद करती है?
जवाब- हां, क्रिप्टो स्कैम के मामले में आप cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या नजदीकी साइबर थाने में FIR करवा सकते हैं। हालांकि, क्रिप्टो की अनट्रेसबिलिटी और विदेशी प्लेटफॉर्म्स की वजह से रिकवरी की संभावना कम होती है। इसलिए इसे लेकर सतर्कता बेहद जरूरी है।
……………….
ये खबर भी पढ़ें… वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी, जानिए क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’:फोन पर धमकी मिले तो क्या करें, जानें इस स्कैम से बचने के 5 तरीके

डिजिटलाइजेशन के दौर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ सबसे तेजी से बढ़ने वाला साइबर स्कैम बन गया है। इसमें आम लोग, प्रोफेशनल्स, व्यापारी और छात्र तक शिकार बन रहे हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, सिर्फ 2024 के पहले 10 महीनों में इस स्कैम से 2,140 करोड़ रुपए की ठगी हो चुकी है। इसलिए जागरूक रहना और सतर्क रहना जरूरी है। पूरी खबर पढ़िए…