9 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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साल 2008 में इलॉन मस्क की जिंदगी एक तूफान से गुजर रही थी। उनकी दोनों कंपनियां टेस्ला और स्पेस-एक्स डूबने की कगार पर थीं। स्पेस-एक्स के 3 रॉकेट लॉन्च फेल हो चुके थे। भारी घाटा होने से निवेशकों का भरोसा उठ रहा था। अखबारों में और टीवी में उनका मजाक बनाया जा रहा था। लोग कहते थे कि एसी कमरे में बैठकर इंटरनेट चलाने वाला शख्स रॉकेट लॉन्च करने चला है। टेस्ला की हालत भी पतली थी। इसे लोग ‘फैंसी टॉय कार’ कहकर हंसते थे। उस वक्त मस्क के पास दो रास्ते थे, या तो वे हार मान लें या फिर सब कुछ दांव पर लगाकर आगे बढ़ें।
उन्होंने दूसरा रास्ता चुना। अपने चौथे लॉन्च में स्पेस-एक्स ने इतिहास रच दिया। उसी साल टेस्ला भी चल निकली। आज इलॉन मस्क दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली लोगों में से एक हैं। यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने जोखिम लिया। वे पे-पल से निकाले गए, न्यूरालिंक पर ताने सुने, ट्विटर (अब X) खरीदने पर हंसी उड़ाई गई। वे हर बार हारे, हर बार उठे और हर बार जोखिम उठाया। उनकी कहानी हमें बताती है कि जोखिम का साहस ही सफलता का असली मंत्र है।
आज सक्सेस मंत्रा कॉलम में हम जानेंगे कि जोखिम लेने का साहस क्या है। यह क्यों जरूरी है? लोग इससे डरते क्यों हैं और आप इसे अपनी जिंदगी में कैसे शामिल कर सकते हैं।
जोखिम लेने का साहस क्या है?
जोखिम लेने का साहस यानी ऐसा कदम उठाना, जिसका अंजाम तय नहीं है, लेकिन आपका यकीन मजबूत है। यह तब होता है जब आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ नया, अनजाना और चुनौतीपूर्ण चुनते हैं। असल में, जोखिम उठाना कोई मूर्खता नहीं, बल्कि ये वो साहस है, जो आपको भीड़ से अलग बनाता है। सुरक्षित फैसले आपको जीवन में स्थिरता देते हैं, लेकिन जोखिम भरे फैसले आपको सफलता के नए मुकाम पर पहुंचाते हैं।

लोग जोखिम लेने से डरते क्यों हैं?
डर इंसानी फितरत है। हमारा दिमाग हमें सुरक्षित रखने के लिए बना है। हालांकि, यही डर हमें कई बार आगे बढ़ने से रोकता है। इसकी कुछ कॉमन वजहें हैं:

ग्राफिक में दिए सभी पॉइंट्स कुछ विस्तार से समझते हैं-
असफलता का डर: अपने फैसले में फेल होने का डर हमें रोकता है। हम सोचते हैं कि इज्जत, पैसा या रिश्ते दांव पर लग जाएंगे।
समाज का दबाव: यह डर भी होता है कि असफल होने पर लोग क्या कहेंगे। लोग हंसेंगे, नाकामी का तमगा दे देंगे।
कंफर्ट जोन से बाहर निकलने का डर: हम अपने बने बनाए डेली रूटीन में सेट हो जाते हैं और किसी बदलाव से डरते हैं।
सफलता की गारंटी न होना: जोखिम में सक्सेस की कोई पक्की गारंटी नहीं होती और यह अनिश्चितता हमें परेशान करती है।
जोखिम उठाने के फायदे
जोखिम उठाना सिर्फ सक्सेस का रास्ता नहीं है, बल्कि यह हमें एक बेहतर इंसान भी बनाता है। जोखिम लेने से सिर्फ सफल नहीं मिलती है, इससे खुद पर कॉन्फिडेंस बढ़ता है। जोखिम सिखाता है कि मुश्किलों में कैसे तेजी से सही फैसले लेने हैं। अगर असफलता मिलती है तो उसे हार की बजाय सबक की तरह देखते हैं। इससे बाउंस बैक करना आसान हो जाता है और लीडरशिप क्वालिटी भी डेवलप होती है। सभी फायदे ग्राफिक में देखिए:

डर से ऊपर उठकर जोखिम लेना कैसे सीखें
जोखिम से डरने की बजाय इसे अपना गाइड बनाएं। छोटे जोखिम से शुरुआत करें। हर दिन अपने डिसीजन में आड़े आ रहे एक छोटे डर को हराएं। इसके लिए ऑफिस में कोई नया आइडिया शेयर करें या नई स्किल सीखें। यह समझें कि फेल होने का मतलब अंत नहीं है, बल्कि यह नई शुरुआत है। हर फेलियर से कुछ सीखें। किसी भी जोखिम से पहले यह जरूर सोचें कि इसका सबसे खराब परिणाम क्या हो सकता है। इससे आप हर बुरी स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयार होंगे।

जोखिम का मतलब लापरवाही नहीं है
आमतौर पर लोग जोखिम को लापरवाही या जल्दबाजी भरा फैसला मान लेते हैं, जबकि असल में यह सोच-समझकर लिया गया कदम भी हो सकता है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति संभावित नफा-नुकसान का आकलन करता है, वैकल्पिक रास्तों पर विचार करता है और उसके बाद तय करता है कि अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ना जरूरी है। इसका मतलब है कि जोखिम लेना कोई भावनात्मक या तात्कालिक निर्णय नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और साहसिक चयन भी हो सकता है, जो भविष्य में बड़ा फर्क पैदा कर सकता है।

कब भारी पड़ सकता है जोखिम?
कोई भी आउट ऑफ द बॉक्स सफलता जोखिम लिए बिना हासिल नहीं होती है। इनोवेशन भी नहीं होता है। हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि जहां जोखिम है तो कुछ बड़ा ही होगा। किसी भी बड़े फैसले से पहले जोखिम को ठीक ढंग से जांचना और समझना जरूरी है। उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाना रिसर्च करना भी उतना ही जरूरी है। जोखिम से जुड़ी ये 5 गलतियां कभी न करें।
1. अनियोजित वित्तीय जोखिम न लें
बिना सोचे-समझे या पूरी जानकारी जुटाए बिना बड़े वित्तीय फैसले न लें। जैसे कोई विज्ञापन देखकर अचानक बड़ी रकम का निवेश करना या ऐसा लोन लेना जिसे चुकाना मुश्किल है।
कैसे बचें?
कोई भी वित्तीय जोखिम लेने से पहले पूरी रिसर्च करें, एक्सपर्ट की सलाह लें और अपने बजट के अनुसार ही कदम उठाएं।
2. सेहत से जुड़े जोखिम न लें
अपनी सेहत को खतरे में डालने वाले फैसले, जैसे बिना सुरक्षा के खतरनाक स्टंट करना, धूम्रपान या अत्यधिक शराब पीना या डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां लेने जैसे काम न करें।
कैसे बचें?
सेफ्टी के उपाय करें, हेल्दी लाइफस्टाइल चुनें और सेहत से जुड़े फैसले डॉक्टर की सलाह से लें।
3. सुरक्षा से जुड़े जोखिम न लें
अपनी या दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कदम, जैसे रात में अकेले असुरक्षित जगह पर जाना, बिना हेलमेट के तेज बाइक चलाना या खतरनाक इलाकों में घूमने जैसे फैसले न लें।
कैसे बचें?
हमेशा सुरक्षा को प्राथमिकता दें। सावधानी बरतें और खतरनाक परिस्थितियों से बचने के लिए पहले से योजना बनाएं।
4. अनैतिक या अवैध जोखिम लेने से बचें
कानून तोड़ने या नैतिकता के खिलाफ जाने वाले जोखिम, जैसे धोखाधड़ी करना, चोरी करना या किसी को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले न लें।
कैसे बचें?
ईमानदारी और नैतिकता के रास्ते पर चलें। जोखिम उठाएं, लेकिन गलत तरीकों से न उठाएं।
5. भावनात्मक या मानसिक जोखिम न लें
ऐसे जोखिम जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे टॉक्सिक रिश्तों में रहना, अत्यधिक तनाव लेना या अपनी भावनाओं को दबाना।
कैसे बचें?
अपनी भावनाओं को समझें, सीमाएं तय करें और जरूरत पड़ने पर मदद लें। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
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