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2018 के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारतीय टीम को तीसरे टेस्ट के लिए जोहानिसबर्ग के बुलरिंग मैदान पर ऐसी पिच दी गई जिस पर पहली नजर में बल्लेबाजी करना नामुमकिन नजर आ रहा था . ऐसी पिच पर विराट ने पहली पारी में 54 और द…और पढ़ें

2018 में बिना शतक लगाए जब विराट ने दक्षिण अफ्रीका को रुला दिया था
हाइलाइट्स
- विराट ने 2018 में जोहानिसबर्ग में 54 और 41 रन बनाए.
- भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 67 रन से हराया.
- विराट की कप्तानी में भारत ने कठिन पिच पर जीत दर्ज की.
नई दिल्ली. कहते हैं जब चुनौती बड़ी हो, इम्तिहान बड़ा हो, कदम कदम पर रुकावट हो और इसके बावजूद आप अपनी मंजिल पर पहुंच जाए तो वो सफर बहुत खास होता है. कुछ इसी तरह के सफर पर 2018 में बतौर कप्तान निकले थे विराट कोहली. दौरा था दक्षिण अफ्रीका का जहां की रफ्तार और असमतल उछाल वाली पिच भारतीय टीम का इंतजार कर रही थी.
बतौर कप्तान विराट का ये पहला सबकॉन्टिनेंट के बाहर का दौरा था. विराट बतौर कप्तान और बल्लेबाज दुनिया को दिखाना चाहते थे कि वो एक मिशन लेकर दक्षिण अफ्रीका पहुंचे है. भारतीय टीम के लिए दौरे की शुरुआत अच्छी नहीं रहीं. पहला टेस्ट जो केपटाउन में खेला गया वहां भारत हार गया. सेंचुरियन में खेले गए दूसरे टेस्ट में विराट ने 153 रन की पारी खेली पर यहां पर भी भारत मैच हार गया और 2-0 से सीरीज में भी पीछे हो गया अब था सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच जगह जोहेनिसबर्ग का वांडर्सस का मैदान.
जोहानिसबर्ग ने देखा कोहली का ‘विराट’ रूप
सीरीज दक्षिण अफ्रीका जीत चुका था और जोहानिसबर्ग की जंग जीतना विराट के लिए साख की लड़ाई थी. दरारों के साथ हरी घास वाली वांडर्सस की पिच पहली नजर में इतनी खतरनाक लग रही थी कि शायद ही कोई बल्लेबाज बल्लेबाजी करने को तैयार होता जब खासतौर सामने वाली टीम में कैगिसो रबाडा, फिलेंडर, मॉर्ने मॉर्कल, लुंगी नगिडी जैसे गेंदबाज हो. ऐसी पिच पर विराट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी लिया तो हर कोई सन्नाटे में चला गया पर ये कप्तान थोड़ा अलग था. 9 ओवर में स्कोर 13 रन जब विराट बल्लेबाजी के लिए आए. पिच अपना खेल करना शुरु कर चुकी थी और विराट को रबाडा की पहली गेद जब पसली पर लगी तो वो दर्द से कराह उठे. घायल शेर कैसे खतरनाक होता है उसकी एक झलक तब मिली जब विराट ने अगले कुछ ओवर्स में कट पुल और फिलेंडर पर खासतौर से कुछ दर्शनीय ड्राइव लगाए. गेंद और बैट की ऐसी जंग जिसमें कभी विराट पड़ रहे थे भारी तो कभी गेंदबाज. विराट ने जूझते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया और चेतेश्वर पुजारा के साथ 83 रन की साझेदारी की. विराट के आउट होते ही भारत 76.4 ओवर में 187 पर आउट हो गया.
दूसरी पारी में भी विराट पड़े भारी
194 रन पर दक्षिण अफ्रीका को सीमित करने के बाद जब भारत ने अपनी दूसरी पारी शुरु की तो 57 रन पर 3 विकेट गिर गए और सारी उम्मीदें एक बार फिर विराट कोहली पर आकर टिक गई. विकेट और खराब हो चुका था कुछ गेंदें सिर के उपर से गई तो कुछ जमीन से उठी ही नहीं पर विराट को मानों इससे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था लगातार गेंद उनके शरीर पर लग रही थी पर क्या मजाल जो वो मोर्चा छोड़ दे. तेंज गेंदबाजों के साथ विराट की भिड़त का अंत रबाडा की गेंद पर हुआ. विराट ऐसे खराब विकेट पर तब तक 41 रन बना चुके थे. ये विराट की पारी थी जिसने टीम को बांधे रखा और फिर निचले क्रम में भुवनेश्वर कुमार और शमी को हाथ चलाने का मौका दिया. 240 रनों के लक्ष्य पीचा करते हुए दक्षिण अफ्रीका 177 रन पर ढेर हो गया. भारत के ये बड़ी जीत थी जिसका श्रेय विराट की शानदार रणनीति को गया जिन्होंने पहले 5 गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला किया और फिर एक खराब दिख रही पिच पर पहले बल्लेबाजी का फैसला. विराट ने वैसे तो बहुत शतक बनाए पर जोहेनिसबर्ग पर खेली गई 50 और 41 रन की पारी का कोई जोड़ नहीं था.
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