स्पोर्ट्स डेस्क35 मिनट पहले
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कहा जाता है कि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए। हालांकि, क्रिकेट के कुछ रिकॉर्ड ऐसे हैं, जो कालजयी बन जाते हैं। इनका टूटना लगभग नामुमकिन माना जाता है। जैसे 50 से ज्यादा टेस्ट खेलने के बाद डॉन ब्रैडमैन का 99.94 का औसत। इंटरनेशनल क्रिकेट में मुथैया मुरलीधरन का 1347 विकेट का रिकॉर्ड।
विराट कोहली के टेस्ट से रिटायरमेंट के बाद सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों का रिकॉर्ड भी इसी फेहरिश्त में शामिल हो सकता है। वैसे सचिन के कारनामे से विराट सिर्फ 18 शतक पीछे हैं, लेकिन टेस्ट को अलविदा कहने के बाद उनके लिए अब 100 शतकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। स्टोरी में आगे जानेंगे कि ऐसा क्यों है। साथ ही यह भी जानेंगे कि वर्तमान और भविष्य का कोई अन्य बल्लेबाज भी इस नंबर तक क्यों नहीं पहुंच सकता है।

विराट अब सिर्फ वनडे पर निर्भर पिछले साल भारत को चैंपियन बनाने के बाद विराट ने टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया था। अब उन्होंने टेस्ट को भी अलविदा कह दिया है। अब अगर उन्हें सचिन के रिकॉर्ड तक पहुंचना है, तो वनडे में ही 18 शतक जमाने होंगे। विराट ने हिंट दिया है कि वे 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक इस फॉर्मेट में खेलना जारी रख सकते हैं।
विराट वनडे में औसतन हर 6 पारी में एक शतक जमा देते हैं। इस रफ्तार से उन्हें 18 शतक के लिए 108 पारियां खेलनी पड़ेंगी। 2020 से भारत हर साल औसतन 16 वनडे खेलता है। इस लिहाज से अगले वर्ल्ड कप भारतीय टीम मुश्किल से 40-50 मैच खेल पाएगी। विराट अगर सभी मुकाबले खेल लेते हैं तब भी वे ज्यादा से ज्यादा 7 से 8 शतक ही लगा पाएंगे। यानी उनके लिए अब 100 शतक तक पहुंच पाना लगभग असंभव है।
एक्टिव प्लेयर्स में कोई आस-पास नहीं फैब-4 में शामिल बल्लेबाजों की बात करें तो सचिन के महा रिकॉर्ड के आसपास कोई नहीं है। जो रूट 53, स्टीव स्मिथ और केन विलियम्सन 48-48 शतक ही बना सके हैं। इनमें से किसी का 100 शतकों तक पहुंच पाना मुश्किल है।
फैब-4 के अलावा, रोहित शर्मा 49 शतक बना चुके हैं। रोहित भी टी-20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में उनका भी तेंदुलकर के रिकॉर्ड तब पहुंच पाना मुश्किल है।

फ्यूचर में और कम होंगे वनडे और टेस्ट तेंदुलकर के महाशतकों का रिकॉर्ड टूटने की संभावना कम है। वनडे और टेस्ट मैचों की संख्या लगातार कम हो रही है। इनके और भी कम होने की आशंका है। पिछले एक दशक में वनडे मैचों की संख्या 22% तक घटी है। वहीं, टेस्ट की संख्या में महज 7 मैचों की बढ़ोतरी हुई है।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वनडे और टेस्ट में शतक लगने के चांस ज्यादा होते हैं। वहीं, टी-20 में शतक बनाना आसान नहीं होता है। क्योंकि इस फॉर्मेट में बैटर्स को तेजी से रन बनाने होते हैं। ऐसे में आउट होने का रिस्क बढ़ जाता है।
- 1 जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2014 तक टॉप-10 टीमों ने 1196 वनडे मैच खेले हैं, जबकि 1 जनवरी 2015 से अब तक टॉप-10 टीमों के बीच 937 वनडे मैच खेले गए हैं।
- टेस्ट की संख्या में गिरावट नहीं आई है, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि टी-20 लीग की बढ़ती संख्या से टेस्ट मैचों में कमी आएगी। 1 जनवरी 2015 से अब तक 430 टेस्ट मैच खेले गए हैं।
दुनिया में और कोई दावेदार नहीं दुनिया भर के युवा बल्लेबाजों की बात करें तो 30 साल से कम उम्र का ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं है। जो 30 शतक बना चुका हो। ऐसे में इन बैटर्स का 100 शतक का पहुंच पाना सपने के जैसा है। क्योंकि, सचिन को 100 शतकों का महा रिकॉर्ड बनाने के लिए 664 इंटरनेशनल मैच खेलने पड़े थे।
मौजूदा समय के क्रिकेट में किसी एक खिलाड़ी को इतने मौके मिलना मुश्किल है। साथ ही आज के बल्लेबाज सीमित ओवर्स के क्रिकेट में ज्यादा फोकस करते हैं। ऐसे में कोई भी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंचेगा।
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36 साल के विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। वे अगर 1-2 साल और खेलते तो 10 हजार रन बनाकर इस फॉर्मेट में भारत के तीसरे टॉप स्कोरर बन जाते, लेकिन विराट ने रिकॉर्ड की परवाह नहीं की। पढ़ें पूरी खबर
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’60 ओवर, उन्हें नर्क महसूस होना चाहिए।’ विराट कोहली के लॉर्ड्स स्टेडियम पर कहे ये शब्द हर क्रिकेट फैन और एक्सपर्ट के दिमाग में छपे हैं। 2021 में टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड को 60 ओवर में ऑलआउट करने की चुनौती थी, इंग्लैंड ड्रॉ के लिए खेल रही थी। तब विराट ने अपने प्लेयर्स से ये शब्द कहे और टीम ने 52 ओवर में इंग्लैंड को समेट दिया।