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Lawrence Bishnoi Gang: कनाडा में गैंग्स का बोलबाला है. इस कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुरे शहर की मेयर ने लॉरेंस विश्नोई समेत अन्य गैंग्स को आतंकी घोषित करने की मांग उठाई है.
लॉरेंस विश्नोई. (Reuters)
हाइलाइट्स
- कनाडा में क्रिमिनल गैंग्स पर एक्शन की तैयारी है
- सुरे की मेयर ब्रेंडा लॉक ने गैंग्स को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की
- कनाडा में बैठे गैंग्स ड्रग्स तस्करी और हिंसा में शामिल रहे हैं
ओटावा: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सुरे शहर गैंग्स को लेकर एक बड़ी खबर आई है. सुरे की मेयर ब्रेंडा लॉक ने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार से मांग की है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अन्य हिंसक ट्रांसनेशनल नेटवर्क को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए. भारत ने इस कदम का स्वागत किया है. मेयर ने यह मांग तब की है, जब एक दिन पहले ही लॉरेंस विश्नोई गैंग ने एक कारोबारी के हत्या की जिम्मेदारी ली थी. ये वही गैंग है, जिससे जुड़ा कुख्यात अपराधी गोल्डी बराड़ पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी ले चुका है. गोल्डी बराड़ कनाडा में इस गैंग का मुख्य एजेंट माना जाता है. यह न सिर्फ गैंगस्टर गतिविधियों में बल्कि ड्रग तस्करी और राजनीतिक हिंसा में भी लिप्त है. सुरे शहर में बड़ी तादाद में भारतीय मूल के लोग रहते हैं. ब्रेंडा लॉक का कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह भारत से संचालित होता है, लेकिन कनाडा में इसके स्थानीय एजेंट एक्टिव हैं.
भारत पहले देता रहा है चेतावनी
भारतीय एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि कई और गैंग हैं जो भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन भी कनाडा में सक्रिय हैं. माना जाता है कि ये संगठन फंडिंग, रिक्रूटमेंट और भारत में हिंसा की प्लानिंग में शामिल रहे हैं. अपनी इन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वह राजनीति का सहारा लेते हैं. इन संगठनों का संबंध अमेरिका बेस्ड ग्रुप ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) से भी है, जिसे भारत सरकार पहले ही गैरकानूनी घोषित कर चुकी है. इसका संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में घोषित आतंकवादी है. SFJ पर युवाओं को भड़काने, भारत विरोधी माहौल तैयार करने और धन उगाही के गंभीर आरोप हैं.
ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कराई हत्या
कनाडा के ब्रैम्पटन में पिछले शुक्रवार को हुए एक कारोबारी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. सूत्रों के मुताबिक, गैंग के विरोधी एमपी धनोआ की हत्या गोल्डी बराड़ की निगरानी में की गई, क्योंकि उसने कथित तौर पर ‘प्रोटेक्शन मनी’ देने से इनकार कर दिया था. यह पिछले एक महीने में बिश्नोई गैंग की ओर से कनाडा में की गई दूसरी हत्या है. पहली हत्या हरजीत धड्डा की हुई थी, जिसे अर्श डल्ला सिंडिकेट का फाइनेंसर बताया गया था. एमपी धनोआ की उम्र करीब 30 साल थी और वह एक ऑटोमोटिव कॉम्प्लेक्स के बाहर ड्राइव-बाय शूटिंग में मारा गया. घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उसे गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें